Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Big relief for sugarcane farmers of UP, now they will not have to run for this work

यूपी के लाखों गन्ना किसानों के लिए बड़ी राहत, अब इस काम के लिए नहीं करनी होगी भागदौड़

यूपी के लाखों गन्ना किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है। उन्हें अब गन्ने की पेराई के लिए कोल्हू और क्रेन क्रेशर का कनेक्शन लेने के लिए अनावश्यक भागदौड़ नहीं करनी होगी। अस्थाई कनेक्शन का आवेदन करने के साथ ही किसानों को तत्काल कनेक्शन मिलेगा।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, लखनऊ। हेमंत श्रीवास्तवWed, 20 Nov 2024 02:09 PM
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उत्तर प्रदेश के लाखों गन्ना किसानों के लिए राहत भरी खबर है। उन्हें अब गन्ने की पेराई के लिए कोल्हू और क्रेन क्रेशर का कनेक्शन लेने के लिए अनावश्यक भागदौड़ नहीं करनी होगी। उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के झटपट पोर्टल पर अस्थाई कनेक्शन का आवेदन करने के साथ ही किसानों को तत्काल कनेक्शन मिलेगा।

उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल के इस आदेश के बाद बिजली कंपनियों ने अपने कार्यक्षेत्र के इंजीनियरों को इस आशय का निर्देश जारी करना शुरू किया है। अब तक इस संबंध में कोई स्पष्ट आदेश नहीं होने के कारण गन्ने की पेराई सीजन में किसानों को कनेक्शन के लिए अनावश्यक रूप से बिजली दफ्तरों और इलाके के जेई का चक्कर लगाना पड़ता था। कनेक्शन देने के नाम पर किसानों को परेशान करने की शिकायतें पूर्व में आती रही हैं।

पश्चिमांचल, पूर्वांचल व मध्यांचल में हैं अधिक गन्ना किसान

इन सूचनाओं के मिलने के बाद चेयरमैन ने समीक्षा बैठक के दौरान सभी बिजली वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को इस आशय का आदेश दिया कि गन्ना किसानों को कोल्हू और केन क्रेशर के संचालन के लिए अस्थाई कनेक्शन प्राथमिकता पर दिए जाएं। इस आदेश का सबसे अधिक लाभ पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वांचल और मध्य उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को होगा। इन तीनों ही क्षेत्रों में किसान बहुत बड़े रकबे में गन्ने की खेती करते हैं। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी ईशा दुहन ने कार्यक्षेत्र के सभी अधिशासी अभियंता (वितरण) को इसके लिए आदेश जारी कर दिया है। अन्य वितरण कंपनियों द्वारा भी इस आशय का आदेश जारी किया जा रहा है।

अस्थाई कनेक्शन मीटर की रीडिंग एमआरआई से होगी

अस्थाई कनेक्शन में मीटर स्थापित किए जाएंगे। एलएमवी-नौ के तहत अस्थाई कनेक्शन दिया जाएगा। कोल्हू/केन क्रेशर के उपभोक्ताओं के मीटर की रीडिंग हर महीने एमआरआई के माध्यम से की जाएगी।

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