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480 साल के इतिहास में पहली बार वाराणसी के भरत मिलाप में बरसीं लाठियां, अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा

वाराणसी के नाटी इमली में विश्व प्रसिद्ध भरत मिलाप के दौरान लीला प्रेमियों पर पुलिस ने रविवार को जमकर लाठियां बरसाईं। लीला के 480 साल के इतिहास में पहली बार भरत मिलाप के दौरान लाठियां बरसने से लोग आक्रोशित है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानMon, 14 Oct 2024 04:11 PM
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वाराणसी के नाटी इमली में विश्व प्रसिद्ध भरत मिलाप के दौरान लीला प्रेमियों पर पुलिस ने रविवार को जमकर लाठियां बरसाईं। लीला के 480 साल के इतिहास में पहली बार भरत मिलाप के दौरान लाठियां बरसने से लोग आक्रोशित है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी लाठीचार्ज का वीडियो शेयर कर यूपी की योगी सरकार को घेरा और कहा कि बनारस के ‘नाटी इमली के भरत मिलाप’ की 480 साल से चली आ रही परंपरा में यदुकुल के कंधे पर ही रघुकुल का मिलन होता आ रहा है। सूर्यवंशी-चंद्रवंशी के आपसी प्रेम-स्नेह के बीच कमलवंशी लोग सियासी दरार पैदा कर रहे हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द की परंपरा को खंडित करने का प्रयास भाजपा सरकार की संकीर्ण राजनीति का प्रतीक है। यहाँ मची भगदड़ भाजपाइयों की बदइंतज़ामी का प्रमाण है, जो नहीं चाहते हैं कि भाईचारे के ऐसे आयोजन सफल हों।

बनारस के ‘नाटी इमली के भरत मिलाप’ की 480 साल से चली आ रही परंपरा में यदुकुल के कंधे पर ही रघुकुल का मिलन होता आ रहा है। सूर्यवंशी-चंद्रवंशी के आपसी प्रेम-स्नेह के बीच कमलवंशी लोग सियासी दरार पैदा कर रहे हैं।

गोरखधंधे में व्यस्त उप्र की भाजपा सरकार जहाँ बैरिकेडिंग की जानी चाहिए वहाँ तो नहीं करती है, और जहाँ नहीं की जानी चाहिए वहाँ करती है। कहाँ करती है ये बताने की ज़रूरत नहीं, जनता बहुत समझदार है। अखिलेश यादव का इशारा जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय सेंटर पर की गई बैरिकेडिंग की तरफ है। अखिलेश यहां जय प्रकाश का उनकी जयंती पर शुक्रवार को श्रद्धाजलि देने जाने वाले थे लेकिन सरकार ने बैरिकेडिंग करा दी थी।

नाटीइमली में लाठीचार्ज और उससे मची भगदड़ के दौरान तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। पुलिस के पीछे धकेले जाने से लाल पगड़ीधारी यदुवंशी, उनके साथ आए बच्चे, महिलाएं और लड़कियां भी चोटिल हो गईं। इसका विरोध करने पर राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल के बेटे से भी पुलिस की तीखी नोकझोक हुई।

कबीरचौरा के रामदयाल यादव की पीठ पर लाठी के निशान दिख रहे थे। वहीं के गोविंद की आंख के ठीक नीचे लाठी लगी थी। मैदागिन के बच्चे यादव आपाधापी में गिर पड़े और पुलिस की बूट से कुचल कर दाहिने हाथ की एक अंगुली कट गई। रमेश यादव, बब्बन यादव, तेजू यादव, रामबिहारी, विवेक यादव समेत डेढ़ दर्जन लोग पश्चिम-उत्तर द्वार के बाहर गिर पड़े।

आसपास खड़े कुछ युवकों ने उन्हें उठाया। यह वाकया तब हुआ जब यदुवंशी पुष्पक विमान लेकर मैदान के गेट पर पहुंचे। विमान आते देखकर भी पुलिस वालों ने बैरिकेडिंग नहीं खोली जिससे कई टन वजनी विमान लिए यदुवंशियों को पीछे होना पड़ा। इस बीच बैरिकेडिंग के नीचे से मैदान में घुस रहे लोगों को पुलिस के जवान धकेलने लगे।

इस बीच आधी खोली गई बैरिकेडिंग बंद कर दी गई। इससे विमान लेकर दोबारा पीछे जाना पड़ा। तब पीछे खड़ी महिलाएं भी चपेट में आ गईं। इससे आहत यदुवशियों ने घोषणा कर दी कि भगवान का विमान नहीं उठेगा। तब पुलिसवालों के हाथपांव फूल गए। वे किसी तरह माने।

वाराणसी में श्रीचित्रकूट रामलीला समिति के प्रबंधक पं. मुकुंद उपाध्याय ने कहा कि पुलिस की करनी से लीलास्थल पर हुई घटना कलंक की तरह है। 481 वर्षों के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है। इसके लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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