वैश्विक महामारी के कारण इस बार घरों में विराजे गजानन
कालीन नगरी समेत जनपद के विभिन्न बाजारों व गांवों में रविवार से श्रीगणेश की पूजा शुरु हो गई। कोरोना के कारण पहली बार पंडालों की जगह लंबोदर की प्रतिमाएं घरों में लोगों ने स्थापित की। इस दौरान शिव पुत्र...
कालीन नगरी समेत जनपद के विभिन्न बाजारों व गांवों में रविवार से श्रीगणेश की पूजा शुरु हो गई। कोरोना के कारण पहली बार पंडालों की जगह लंबोदर की प्रतिमाएं घरों में लोगों ने स्थापित की। इस दौरान शिव पुत्र के नारों से पूरा जनपद गुंजायमान हो उठा। हालांकि तीन से चार दिन बाद पूजा को लेकर अधिक उत्साह लोगों में नजर आएगा। उधर, पुलिस ने चक्रमण कर स्थिति का जायजा लिया।
गणेश चतुर्थी का पर्व मुंबई में धूमधाम से मनाया जाता है। इधर कुछ वर्षों से कालीन नगरी में भी इसे लेकर लोगों का क्रेज बढ़ा है। पूर्व के वर्षों में शहर के मर्यादपट्टी, लोहराना गली, मेन रोड चकइनायत, बाटा वाली गली के साथ ही आधा दर्जन से अधिक स्थानों व नईबाजार में पूजा पंडाल बनाए जाते थे। इतना ही नहीं, जिले के ज्ञानपुर, गोपीगंज, औराई, जंगीगंज, ऊंज, सीतामढ़ी, सुरियावां, दुर्गागंज, चौरी, मोढ़ में भी पर्व को लेकर उत्साह देखा जाता था। इस साल वैश्विक महामारी ने तीज त्योहारों पर भी प्रभाव डाला है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने प्रतिमाएं न स्थापित करने का आह्वान किया था, जिसका अनुपालन जिला प्रशासन करा रहा है।
एसपी के आदेश पर पुलिस के जवानों ने प्रमुख बाजारों व गांवों में रविवार को चक्रमण किया। लोगों से आह्वान किया गया कि घरों में ही प्रतिमाएं स्थापित कर लंबोदर की पूजा अर्चना करें। भीड़ भाड़ करने से महामारी फैलने से इनकार नहीं किया जा सकता। साथ ही शिकायत मिलने पर कार्रवाई भी की जाएगी।
महिलाओं ने गणपति को पूजा
भदोही। श्री गणेश चतुर्थी के अवसर पर कालीन नगरी स्थित मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ा। देवालयों में पहुंच कर व्रती महिलाओं ने दर्शन, पूजन व आरती कर सुखद जीवन की कामना की। इस साल तीज पर्व का व्रत व चतुर्थी एक दिन पड़ने के कारण मंदिरों में भीड़ अधिक देखी गई। ज्ञानपुर के बाबा हरिहरनाथ मंदिर, गोपीगंज स्थित बाबा बड़े शिव मंदिर, ओदारनाथ महादेव पल्हैया, कोम, चौरी, छितनी तालाब शिव मंदिर, श्रीराम जानकी मंदिर में अल सुबह से लेकर देर रात तक दर्शन पूजन का क्रम चला।
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