घोर तप कर भगवान शिव का पाया था पार्वती ने पति रूप में
Bhadoni News - गोपीगंज के पश्चिम मोहाल में श्रीराम कथा के दूसरे दिन शिव विवाह की कथा का आयोजन किया गया। भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। कथा के दौरान बताया गया कि भगवान शिव को सभी देवताओं में सबसे बड़ा माना जाता है...
गोपीगंज, हिन्दुस्तान संवाद। नगर के पश्चिम मोहाल में चल रहे श्रीराम कथा के दूसरे दिन गुरुवार को शिव विवाह की कथा का रसपान कराया गया। इस दौरान जुटे आस्थावानों में प्रसाद का वितरण हुआ। कथा सुमनाजंलि ने कहा कि हिंदू धर्म में भगवान शिव को सभी देवी देवताओं में सबसे बड़ा माना जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान शिव ही दुनिया को चलाते हैं। वह जितने भोले हैं, उतने ही गुस्सै वाले भी। शास्त्रों के मुताबिक सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए लोग व्रत करते हैं। पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं। बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उनकी शादी की चिंता सताने लगी। कहा कि माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं। एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया। उन्होंने कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बरात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गए। लेकिन माता पार्वती खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार कर लीं।
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