तैयारी पूरी, यौमे विलादत का जश्न जिले में मनेगा आज
पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद स. के यौमे विलादत (पैदाइश मुबारक) की रवीउल अव्वल चांद दिखने के बाद से मुस्लिम बस्तियों में चल रही तैयारी गुरुवार शाम तक पूरी हो गई। देर शाम तक मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों...
पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद स. के यौमे विलादत (पैदाइश मुबारक) की रवीउल अव्वल चांद दिखने के बाद से मुस्लिम बस्तियों में चल रही तैयारी गुरुवार शाम तक पूरी हो गई। देर शाम तक मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों को लाइट आदि से सजाकर के लैस कर दिया गया। शाम से ही इस्लामिक मरकज नूरानी रोशनी से जगमगाने लगे थे। अंजुमन कमेटियों की ओर से भोर में पैदाइश मुबारक की घड़ी आने पर आतिशबाजी, नातिया कलाम आदि की तैयारी पूरी की गई। शाम से ही इन जगहों पर जश्ने ईद मिलादुन्नबी का प्रोग्राम शुरू हो गया था, जो शुक्रवार को देर रात तक चलता रहेगा। इसके अलावा घरों में मीठे पकवान बनाने, शीरनी बांटने आदि के इंतजाम किए गए हैं। सुबह तक यौमे पैदाइश की घड़ी समाप्त होने के बाद भदोही, गोपीगंज, खमरिया, घोसिया, ज्ञानपुर, औराई, महराजगंज, बाबूसराय, सुरियावां, चौरी, दुर्गागंज क्षेत्र के मुस्लिम बस्तियों में जुलूसे मोहम्मदी निकाला जाएगा। पूरी दुनिया को इंसानियत और मुहब्बत का पैगाम देने वाले हजरत मोहम्मद साहब के पैदाइश मुबारक का जश्न हर मुसलमान के लिए खास होता है। शहर के अजीमुल्लाह चौराहा स्थित गौसिया मस्जिद के इमाम हाफिज गुलाम मुस्तफा ने बताया कि दुनिया में इंसान पैदा होता है, उसका इंतकाल भी होता है। लेकिन रसूले पाक की पैदाइश इंसानियत के लिए खास है। क्योंकि पूरी कायनात के लिए रहमत बनकर आए, वे किसी एक कौम या मजहब के लिए नहीं। उधर, रवीउल अव्वल को लेकर कालीन नगरी के लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। पहली बार कोरोना महामारी के कारण कोई जुलूस नहीं निकलेगा। मस्जिद व घरों में ही लोग कार्यक्रम करेंगे। मस्जिदों व भवनों को विद्युत झालरों से सजाया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर शहर में पुलिस के जवान गुरुवार से ही मुस्तैदी संग डटे हुए हैं। एसपी राम बदन सिंह का कहना है कि महामारी के कारण इस साल किसी तरह का जुलूस निकालने की इजाजत किसी को नहीं दी गई है। इसका पालन न करने पर संबंधित पर केस दर्ज कराया जाएगा।
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