Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़भदोहीPadmashri enriched Sanskrit language with his writing

संस्कृत भाषा को अपनी लेखनी से पद्मश्री ने समृद्ध किया

संस्कृत भाषा को अपनी लेखनी से पद्मश्री ने समृद्ध किया

Newswrap हिन्दुस्तान, भदोहीWed, 4 Dec 2019 10:52 PM
share Share

नगर के शांति निकेतन मेंबुधवार को विश्वभारती अनुसंधान परिष दकी ओर से पद्मश्री डॉ.कपिल देव द्विवेदी की102वींजयंती मना ईगई। जयंती उपलक्ष्य में काव्य एवं विचार गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। इसमें विद्वानों, साहित्यकारों एवंकवियों ने पद्मश्री डॉ. कपिल देव द्विवेदी के योगदान पर अपने रचनाओं के माध्यम से प्र काश डाला।

काव्य गोष्ठी में पूर्व प्राचार्य डॉ.अशोक मिश्र ने कहा कि वेदों मेंआ धुनिक समस्याओं का समाधान सन्निहित है। पद्मश्री डॉ.कपिलदेव द्विवेदी वेद के उपासक थे। वेदों में निहित ज्ञान विज्ञान को सामान्य जन तक पहुंचाया। संस्कृत के हर क्षेत्र मेंअपनी लेखनी से संस्कृत भाषाको समृद्ध किया। प्रो.विद्याशंकर त्रिपाठी नेकहा कि कपिलदेव का जीवन ऋषितुल्य था। वे पाणिनी, पतंजलि और भर्तृहरि द्वारा प्रशस्त मार्ग के पथिक थे। वेद, भाषा विज्ञान,व्याकरण, काव्य रचना, दर्शन आदि पर अपनी से अध्येयताओं को ज्ञान पिपासा को शांत किया। उनके ग्रंथ युगो तक मार्गदर्शन करेंगे। विशिष्ट अतिथि प्रो.उमाशंकर अग्नि होत्री ने कहा कि वे महान आत्मा थे,जो मानव कल्याण के मार्गदर्शक हैं। काव्यांजलि में पं.पारसनाथ मिश्र, सुरेश पांडेय, कन्हैयालाल, राजकुमार पाठक,वाजिद अली, कर्मराज किसलय,विद्यापति शुक्ल आदि ने काव्य रचना प्रस्तुत की। कार्यक्रम में डॉ.केपी मिश्र,डॉ.शिवनरेश मिश्र, डॉ.श्यामधर तिवारी, शिवभूषण सिंह मानस, डॉ.जेपी सिंह, डॉ.वीपी यादव ने विचार व्यक्त किया। इस मौके पर ममता शर्मा , दीनानाथ पाठक, डॉ.सविता द्विवेदी, सुनी ता द्विवेदी आदि रहे। अतिथियों का स्वागत और धन्यवाद डॉ.भारतेंदू द्विवेदी ने किया।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें