अस्पताल में दवाओं का दावा, चिकित्सक थमा दे रहे पर्ची
अस्पताल में दवाओं का दावा, चिकित्सक थमा दे रहे पर्ची क क क कक क क क क कक क क
भदोही, संवाददाता। कालीन नगरी में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे हैं, हालांकि कागजों पर सब कुछ ओके है। सरकारी अस्पतालों में अच्छी दवाओं की कमी बनी है। विवशता में चिकित्सक मरीजों एवं तीमारदारों को पर्ची थमाने का काम करते हैं। उधर, विभाग का दावा है कि सभी जरुरी दवाओं की उपलब्धता अस्पताल में हैं।
बता दें कि जिला अस्पताल ज्ञानपुर में प्रतिदिन ओपीडी करीब पांच सौ से अधिक है। जबकि शहर स्थित महाराजा बलवंत सिंह राजकीय अस्पताल की करीब एक हजार। मरीजों के भारी दबाव के कारण चिकित्सक वैसे भी ठंड में पसीना-पसीना हैं। रोगियों को जल्द आराम मिले इसे लेकर अच्छी दवाएं लिखी जाती हैं। लेकिन अस्पतालों में बुखार, सर्दी, खांसी, गैस, मल्टीविटामिन आदि की ही दवाएं हैं। अच्छी एंटीबायोटिक, खांसी का शिरप आदि दवाएं नहीं हैं। ऐसे में मरीजों एवं परिजनों को बाध्य होकर बाहर से अधिक दाम देकर दवाओं को खरीदना पड़ता है। सरकार की ओर से दी जा रही सुविधाएं आम आदमी को नहीं मिल पा रही हैं।
शहर समेत पूरे जनपद में बुनकरों, मजदूरों एवं कामगारों की संख्या अधिक है। रोज कमाने खाने वालों को बाहर से दवाएं लेना मुसीबत का सबब बन जाता है। जिला अस्पताल के सीएमएस डा. राजेंद्र कुमार एवं एमबीएस के डा. संजय तिवारी ने जरूरी दवाओं की उपलब्धता का दावा किया। उधर, सुदूर गांवों में स्थित सरकारी अस्पतालों में दवाओं का घोर अभाव है। इतना ही नहीं, चिकित्सक व कर्मी भी समय पर नहीं आते। ऐसे में ग्रामीणों को बाध्य होकर प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है। सीएमओ डा. संतोष कुमार चक ने दवाओं की उपलब्धता का दावा किया।
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