ईको फ्रेंडली एवं नेचुरल कालीनों से लुभाएंगे बायरों को
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भदोही, संवाददाता। कालीन मेलों का महाकुंभ डोमोटेक्स इस साल रद्द हो गया है। उसके स्थान पर जर्मनी में ही 14 से लेकर 17 जनवरी तक आगामी साल चार दिनी हेमटेक्सिटल-2025 का आयोजन किया जा रहा है। उक्त मेले को लेकर कालीन परिक्षेत्र के निर्यातकों में उत्साह है। करीब 70 निर्यातकों ने अब तक पंजीकरण कराया है। इसके साथ ही सेंपल को बाई एयर एवं पानी के जहाज से भेजना भी शुरू कर दिया गया है।
बाजार की डिमांग को देखते हुए भदोही, मिर्जापुर परिक्षेत्र के अधिकतर निर्यातकों ने एंटिक डिजाइनों को नया रूप एवं नया कलेवर देने का प्रयास किया है। हैंडलूप तथा हैंड नाटेड कालीनों को नया लुक देने के साथ ही नेचुरल रंगों से रंगने का काम किया जा रहा है। रुस-यूक्रेन के साथ ही इजराइल एवं हमास के बीच युद्ध जारी है। उसमें ईरान भी कूद गया है। इसे लेकर निर्यातक थोड़े चिंतित हैं। बावजूद इसके अच्छे आर्डर की उम्मीदें हैं। ईको फ्रेंडली नेचुरल प्रोडक्ट को वरीयता दी जा रही है। कालीन निर्यातक श्याम नारायण यादव, काशीनाथ यादव, अरमान सुहैल का कहना है कि युद्धों के बीच विदेश में हो रहा पहला आयोजन व्यवसाय की दृष्टि से सफल होगा या नहीं, इसे लेकर थोड़ा संशय है। लेकिन उम्मीदें भी कायम हैं।
मेले में कालीन निर्यात संवर्द्धन परिषद (सीईपीसी) की ओर से जाने को अब तक करीब 70 लोगों के होने की उम्मीदें हैं। हालांकि कार्यालय रविवार को बंद होने के कारण सही डाटा नहीं मिल पाया। दुनिया भर के सौ से अधिक देशों के करीब दो हजार बायरों के आने की उम्मीदें हैं। सीईपीसी प्रशासनिक समिति के सदस्य रोहित गुप्ता ने बताया कि इस साल के मेले से कारोबार की अच्छी उम्मीदें हैं। भारत सरकार के साथ ही परिषद भी अधिकाधिक भागीदारी व सुविधाएं मुहैया कराने का काम कर रही है।
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