विकसित भारत निर्माण में प्राकृतिक उत्पादां का अहम उपयोग
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ज्ञानपुर, संवाददाता।
काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें विज्ञान के प्रति युवाआं में नवाचार प्रोत्साहन के प्रति विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया गया। राष्ट्रीय विज्ञान सप्ताह का आयोजन छह दिन तक निरंतर कालेज में चलेगा।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यअतिथि रहे कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर रमेशचंद्र यादव ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान मुख्य वक्ता डा. रजनी श्रीवास्तव प्रोफेसर पर्यावरण एवं सतत् विज्ञान विभाग दक्षिणी परिसर काशी हिंदू विश्वविद्यालय, ने बताया कि प्राकृतिक उत्पादों में कुछ नवाचार क्रिया के माध्यम से मजबूत और टिकाऊ सामाग्री का निर्माण किया जा सकता है। जो वैश्विक जन-जीवन के सतत् विकास के साथ अनवरत बना रह सकता है। ग्रीन तकनीकी के तहत ग्रीन बिल्डिंग के संरचना पर जोर दिया। बताया कि बिना इसके सतत् विकास संभव नहीं है। ग्रीन बिल्डिंग में ज्यादातर पर्यावरण मित्रवत संसाधनों का उपयोग किया जाता है। उदाहरण स्वरूप धान की भूसी में कुछ रासायनिक मिलावट कर ईंटों का निर्माण किया जा सकता है। ऊन के साथ पॉलिमर मिलाकर ईंट बनाई जाती है। इस तरह से ऊर्जा की कम से कम खपत होती है। इस मौके पर भौतिक विज्ञान विभाग प्रभारी डा. कल्पना अवस्थी, डा. रंजीत सिंह, डा. अखिलेश कुमार, डा. आशीष कुमार, डा. जैन कुमार, डा. रोहित, डा. दपाली जायसवाल आदि उपस्थित थीं। संचालन डा. मनोज कुमार विश्वकर्मा ने किया।
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