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UP के सरकारी शिक्षकों का निकला सट्टेबाजी कनेक्शन, 100 पर IPL बेटिंग रैकेट में शामिल होने का संदेह

यूपी पुलिस को आईपीएल सट्टेबाजी में 100 शिक्षकों के शामिल होने का संदेह है। 11 अप्रैल को पुलिस मुरादाबाद के एक फ्लैट से नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से तीन शिक्षक शामिल हैं। जिन्हें अब जेल भेजा जा चुका है।

Dinesh Rathour लखनऊ, हिन्दुस्तान टाइम्सThu, 1 May 2025 07:59 PM
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UP के सरकारी शिक्षकों का निकला सट्टेबाजी कनेक्शन, 100 पर IPL बेटिंग रैकेट में शामिल होने का संदेह

यूपी में सरकारी शिक्षकों का आईपीएल में सट्टेबाजी लगाने का कनेक्शन सामने आाय है। पुलिस को सट्टेबाजी में 100 शिक्षकों के शामिल होने का संदेह है। मुरादाबाद पुलिस ने 11 अप्रैल को पॉश सिविल लाइंस इलाके के एक फ्लैट से नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से तीन शिक्षक शामिल हैं। जिन्हें अब जेल भेजा जा चुका है। पुलिस को लखनऊ और मुरादाबाद क्षेत्र के 100 से अधिक सरकारी शिक्षकों के एक समूह पर चल रहे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) क्रिकेट मैचों पर सट्टेबाजी में शामिल होने का संदेह है। पुलिस ने बताया कि मुरादाबाद, बिजनौर और हापुड़ जिलों के सरकारी शिक्षक सट्टेबाजी रैकेट संचालकों द्वारा बनाए गए मोबाइल कॉल विवरण और सट्टेबाजी रिकॉर्ड के आधार पर जांच के दायरे में आए हैं और मामले की आगे की जांच जारी है।

मुरादाबाद के सिविल लाइंस के सीओ कुलदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि 11 अप्रैल को शहर में आईपीएल सट्टेबाजी रैकेट में शामिल गठजोड़ का पता चला था, जिसके बाद संदेह और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि उस दिन सट्टेबाजी रैकेट संचालित करते हुए सिविल लाइंस के एक फ्लैट से गिरफ्तार किए गए नौ लोगों में से तीन सरकारी शिक्षक थे। उनकी पहचान बिलारी ब्लॉक के इब्राहिमपुर कम्पोजिट स्कूल के प्रभारी धर्मेंद्र कुमार, उसी स्कूल के सहायक अध्यापक मनोज अरोड़ा और दिलारी ब्लॉक के वशुनपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुशील चौधरी उर्फ ​​सुरेंद्र के रूप में हुई है। ये सभी मुरादाबाद में हैं। जांच से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुरादाबाद के विभिन्न स्कूलों में तैनात कई सरकारी शिक्षकों की भूमिका संदेह के घेरे में आई है, क्योंकि उनके नाम सट्टा रैकेट संचालकों द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड में दर्ज पाए गए हैं। इसके अलावा, गिरफ्तार किए गए लोगों के कॉल रिकॉर्ड विवरण से पता चला है कि ये संदिग्ध शिक्षक आईपीएल मैचों के दौरान लगातार संपर्क में थे और उन पर सट्टा लगाने का संदेह है।

पुलिस ने बताया कि सहायक अध्यापक मनोज अरोड़ा शिक्षकों के एक बड़े समूह को सट्टा संचालकों से जोड़ने वाली मुख्य कड़ी है। उन्होंने कहा कि अरोड़ा ने शुरुआत में दीपक गगनेजा उर्फ ​​टीटू, विक्की छाबड़ा, कमल छाबड़ा, हेमंत अरोड़ा, रोहित गुप्ता और अंकुर राणा उर्फ ​​अभिनव सहित मुरादाबाद के व्यापारियों और कारोबारियों के एक समूह के साथ मिलकर सट्टा रैकेट में शामिल होना शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने कथित तौर पर सुशील चौधरी, जो 2005 में एक स्थानीय कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष रहे हैं, और धर्मेंद्र कुमार, जिन्होंने बिजनौर, हापुड़ और मुरादाबाद के विभिन्न स्कूलों में शिक्षकों के एक समूह को सट्टेबाजी में शामिल करवाया था, को भी इसमें शामिल किया।

पुलिस अफसर का कहना है कि छह व्यापारियों और मनोज अरोड़ा की जमानत याचिका सोमवार को स्थानीय सत्र और जिला अदालत ने खारिज कर दी क्योंकि पुलिस ने उन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 112 (छोटे संगठित अपराध) और 318 (4) (धोखाधड़ी) के साथ-साथ जुआ अधिनियम की उचित धाराओं के तहत आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नौ गिरफ्तार और ग्यारह अन्य नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें रैकेट का कथित सरगना कौशल कपूर और उसके साथी विपिन जुयाल, अमित नागपाल, कमलदीप नागपाल, विशाल टुटेजा, आशु रस्तोगी, रचित रस्तोगी और सुमित सेठी उर्फ ​​सनी शामिल हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस दिल्ली और कोलकाता में बैठकर देश भर में सट्टेबाजों के साथ उनके संबंधों की जांच कर रही है।

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