बोले बस्ती : अतिक्रमण व बेतरतीब ई-रिक्शा से लगता है जाम
Basti News - बस्ती शहर में जाम की समस्या विकट होती जा रही है। अस्पताल और रोडवेज चौराहे पर जाम के कारण मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। नगर पालिका और जिला प्रशासन ने कई बार समस्या का समाधान करने की कोशिश...
Basti News : शहर में जाम की समस्या का स्थायी निदान चाहिए। ऐसा न होने से परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। महज दो किमी दूरी घंटे भर में पूरी करने की मजबूरी बन जा रही है। जाम हटाने को बड़ेवन चौराहे पर ट्रैफिक पोस्ट बना है। बावजूद इसके यह समस्या खत्म नहीं हो पा रही है। चौराहों पर अतिक्रमण बड़ी वजह है। ऑफिस और स्कूल खुलने-बंद होने के समय बेतरतीब चलने वाले ई-रिक्शा भी मुसीबत हैं। शहर में पार्किंग जोन न होने से गांधीनगर क्षेत्र में बीच सड़क पर वाहन खड़े होते हैं। हिन्दुस्तान के ‘बोले बस्ती अभियान के तहत अस्पताल, रोडवेज, गांधीनगर, कंपनीबाग, पांडेय बाजार के चौराहों के वाशिंदों से बातचीत की गई। लोगों ने अपनी पीड़ा बताने के साथ ओवरब्रिज की मांग उठाई।
शहर का पूर्वी प्रवेश द्वार जिला अस्पताल चौराहा, पांडेय बाजार और गांधीनगर में जाम की समस्या शहरियों के लिए नासूर बन गई है। जाम की समस्या से निजात दिलाने की योजनाएं फाइलों में धूंल फांक रही हैं। पार्किंग की व्यवस्था न होने और फुटपाथों पर दुकानदारों के अतिक्रमण कर लेने से शहर जाम की समस्या से त्रस्त है। सभी प्रमुख सड़कों पर जाम लगने से राहगीरों को काफी कठिनाइयां होती हैं। पूर्व ब्लॉक प्रमुख आसमान सिंह, पिंकू पाल ने कहा कि सबसे ज्यादा बदतर स्थिति अस्पताल चौराहे की है। यहां लगने वाले जाम में जिला अस्पताल आने वाले मरीजों को इलाज के लिए घंटों परेशान होना पड़ता है। इस वजह से कभी-कभी मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है। पूर्व छात्र संघ नेता सचिन सिंह और अर्जुन उपाध्याय गोरखपुर से आने वाली रोडवेज की बसें जाम में फंसी रहती हैं। अस्पताल में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर और कर्मचारी जाम से रोजाना जूझते हैं। व्यापारी नेता बृजेश सिंह मुन्ना और विश्वनाथ वर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन की ओर से कई बार जाम की समस्या से छुटकारा दिलाने की हुई कवायद भी फेल हो गई। जिला अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि यहां लगने वाले जाम से छुटकारा दिलाने के लिए फ्लाईओवर बनाया जाना बहुत ही आवश्यक है।
राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक डॉ. सर्वेष्ट मिश्र ने कहा कि अगर फ्लाईओवर बन जाए तो रोडवेज की बसें ऊपर से निकल जाएंगी। इसके अलावा जिला अस्पताल चौराहे पर लगने वाले ठेले और बेतरतीब चलने वाले ई-रिक्शा की वजह से ज्यादा समस्या पैदा हो रही है। चिकित्सक और कर्मियों का कहना है कि यहां की सड़कें चौड़ी नहीं हो पा रही हैं। इसके अलावा बिजली के खंभों को भी हटाया जाना चाहिए। जिला अस्प्ताल के आसपास मेडिकल स्टोर व अन्य दुकानदारों का कहना है कि चौराहे से बिजली के खंभे, आटोमेटिक यातायात सिग्नल और टेलीफोन वाले खंभे नहीं हट पा रहे हैं। इससे आवागमन में काफी परेशानी होती है। एक वर्ष पूर्व एक्सईएन के साथ अन्य अधिकारियों ने सर्वे किया था कि यहां से बिजली के खंभे और यातायात सिग्नल हटाया जाए लेकिन इसे मूर्तरूप नहीं दिया जा सका। अगर नगर पालिका व जिला प्रशासन के अधिकारी मिलकर पहल किए होते तो सड़कें चौड़ी हो जातीं और आवागमन सुविधाजनक हो जाता। दक्षिण दरवाजा से पुरानी बस्ती आने-जाने वाले लोगों को भी जाम से रोज जूझना पड़ता है। नगर पालिका और जिला प्रशासन द्वारा फुटपाथ पर पीली पट्टियां भी बनाई गईं लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। आज भी स्थिति जस की तस है।
पार्किंग की सुविधा न होना भी जाम की वजह
गांधीनगर के व्यवसायी राजकुमार, सुनील कुमार का कहना है पटरी अतिक्रमण होने और पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। लोग चारपहिया वाहन लेकर आते हैं और सड़क के बीचो-बीच या सड़क की पटरियों पर खड़ा करके घंटों खरीदारी करते हैं। इस वजह से जाम लगता है। कई बार नगर पालिका के अधिकारी पटरी व्यवसायियों को हटाते हैं लेकिन कुछ देर बाद फिर वही स्थिति बन जाती है। गांधीनगर के व्यवसायी रॉकी और जगदीप सिंह का कहना है कि नगर पालिका की तरफ से अतिक्रमण हटवा कर पार्किंग की कोई स्थायी व्यवस्था की जाए तो जाम की आधी समस्या से स्वत: छुटकारा मिल जाए। शहरियों का कहना है कि स्कूलों में जहां खाली स्थान हो वहां पार्किंग की व्यवस्था हो जाए।
रोडवेज और अस्पताल चौराहे पर फ्लाईओवर जरूरी
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. रामजी सोनी और आयुष चिकित्साधिकारी डॉ. वीके वर्मा कहते हैं कि रोडवेज और अस्पताल चौराहे पर फ्लाईओवर बनाया जाना बहुत ही आवश्यक है। अगर यहां फ्लाईओवर बन जाए तो बसें व चार पहिया वाहन ऊपर से निकल जाएं। आटो चालकों व दो पहिया से आने-जाने वालों को जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी। फ्लाईओवर बनने से अस्पताल में आने-वाले मरीजों को भी काफी राहत मिलेगी। एम्बुलेंस में गंभीर मरीजों को जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। अस्पताल चौराहे पर मेडिकल स्टोर चलाने वाले प्रशांत चौधरी और अब्दुल अली का कहना है कि सड़क के किनारे बिजली के खंभे, ऑटोमेटिक यातायात सिग्नल और टेलीफोन के खंभे हट जाएं, सड़क चौड़ी हो जाए तो भी कुछ हद तक जाम से राहत मिल सकती है। प्रशांत और अब्दुल करीम ने बताया कि एक साल पहले जेई और अन्य अधिकारियों ने आकर बिजली के खंभे और यातायात सिग्नल को हटाने के लिए सर्वे किया था लेकिन इसके बावजूद आज तक यहां से न तो बिजली के खंभे हटे और न ही यातायात सिग्नल हट सका। सोमवार और मंगलवार को तो यहां पर इतनी देर तक जाम लगता है कि लोगों को पसीना छूट जाता है। यही कारण है कि इधर लोग दवाएं लेने के लिए भी नहीं रुकते हैं। वह या तो रात में आते हैं या बिल्कुल सुबह आकर दवा लेते हैं। जाम के समय यहां पर ट्रैफिक पुलिस पूरी कोशिश करती है कि जाम न लगे लेकिन उनका सारा प्रयास विफल रहता है। काफी मशक्कत करने के बाद भी दो बजे के पहले जाम से छुटकारा नहीं मिल पाता है। अस्पताल गेट पर फल और जूस वाले भी अपनी दुकान लगाए रहते हैं जिससे पैदल आने जाने वाले लोगों को भी परेशानी होती है।
शिकायतें
-अस्पताल चौराहे पर फ्लाईओवर नहीं होने से काफी जाम लगता है।
-अस्पताल चौराहे का चौड़ीकरण और सड़क किनारे बिजली के खंभे परेशानी के सबब हैं।
-रोडवेज तिराहे पर फुटपाथ पर ठेले और ऑटो वालों ने कब्जा जमा लिया है।
-रोडवेज तिराहे पर रोडवेज बसों के कारण लंबा जाम लगता है।
-गांधीनगर में अतिक्रमण, फुटपाथ वाली दुकानों के कारण लोग जाम से जूझते हैं।
सुझाव
1-अस्पताल चौराहे पर फ्लाईओवर बनाया जाना चाहिए, जिससे मरीजों को सहूलियत मिले।
-अस्पताल चौराहे के चौड़ीकरण के साथ बिजली के खंभों को हटवाना चाहिए।
-रोडवेज तिराहे से ठेलों को कहीं और स्थापित किया जाए।
-रोडवेज तिराहे पर रोडवेज की बसों को अंतराल पर निकालने की व्यवस्था की जाए।
-गांधीनगर में फुटपाथ वाली दुकानों को पीली पट्टी के पीछे रहने का आदेश दिया जाए।
यह दर्द गहरा है
जिला अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज घंटों अस्पताल चौराहे पर जाम में फंसे रहते हैं, उन्हें समय से इलाज नहीं मिल पाता है।
डॉ. रामजी सोनी
सुबह के समय अस्पताल पहुंचना रहता है लेकिन जाम में फंस जाने के कारण देरी हो जाती है। जाम हटवाने को यातायात पुलिस पूरा प्रयास करती है।
डॉ. वीके वर्मा
आए दिन अस्पताल चौराहे पर जाम लगा रहता है। अगर सड़क चौड़ी हो जाए तो जाम से कुछ हद तक निजात मिल जाएगी।
शोभित चौधरी
सड़क के किनारे लगने वाले ठेलों को कहीं और जगह देकर स्थापित करा दिया जाए तो पैदल आने-जाने वालों के लिए आसानी हो जाए।
नितेश कुमार
सड़क किनारे लगे बिजली खंभे, ऑटोमेटिक यातायात सिग्नल को हटा दिया जाए तो सड़क कुछ चौड़ी हो जाएगी। इससे लोगों को राहत मिलेगी।
अहमद अली
दक्षिण दरवाजा से जिला अस्पताल ड्यूटी के लिए आना पड़ता है। इतना जाम लग जाता है कि स्कूटी अन्य वाहनों से टकरा जाती है ।
अनुराधा सिंह
रोडवेज पर सड़क के किनारे खड़े ऑटो को पुलिस हटाती नहीं है। ऑटो चालक सड़क पर खड़ा होकर सवारी चढ़ाने-उतारने लगते हैं।
तीरथ दास
रोडवेज के पास की सड़कें चौड़ी नहीं हैं। पटरी पर ठेले वाले और अन्य वाहनों के खड़े हो जाने से हम लोगों का व्यवसाय नहीं चल पाता है।
रिंकू
यातायात पुलिस रोडवेज से ऑटो चालकों को नहीं हटवा पाती है। रोडवेज बस चालक सड़क पर वाहन खड़ा कर सवारियों को बैठाते हैं।
अमित सिंह
सुबह के समय रोडवेज की बसें सड़क पर खड़ी हो जाती हैं। उस समय आवागमन इतना अधिक होने लगता है कि जाम में लोग फंसे रहते हैं।
सुमन लता
गांधीनगर में सड़क को कितना चौड़ा करना है यह निर्धारित नहीं हो पाता है। इस कारण दुकानदार पटरी तक कब्जा कर लेते हैं।
सुनील कुमार
फुटपाथ दुकानों के लिए नपा की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। नपा को चाहिए कि फुटपाथ वाली दुकानों के लिए निर्धारित जगह तय कर दें।
अब्दुल करीम
हम लोगों की दुकानों के सामने लोग चार पहिया वाहन खड़ी करके मार्केट में घंटों खरीदारी करते हैं। कुछ बोलने पर झगड़ा करने को तैयार हो जाते हैं।
राजकुमार
गांधीनगर में जाम की समस्या काफी दिनों से चली आ रही है। जाम की समस्या से निजात मिलने की बजाय दिन ब दिन और जाम लगता जा रहा है।
गणेश
जाम की समस्या बहुत ही विकट होती जा रही है। नपा वाहन पार्किंग और फुटपाथ दुकानदारों को व्यवस्थित ढंग से कहीं और स्थापित कर दें।
रॉकी
नगर पालिका प्रशासन और जिला प्रशासन बार-बार गांधीनगर से अतिक्रमण हटवाता है, लेकिन कुछ दिन बाद फिर सड़क पर अतिक्रमण हो जाता है।
राजदीप सिंह
बोले जिम्मेदार
शहर के यातायात को सुचारु से संचालित करने के लिए यातायात थाना सक्रिय रहता है। स्कूलों व कुछ विशेष समय पर अस्पताल चौराहा, रोडवेज, गांधीनगर और पुरानी बस्ती में जाम लग जाता है। इस पर नियंत्रण के लिए यातायात पुलिस के साथ सिविल पुलिस भी लगी रहती है। जाम लंबा नहीं हो, इसके लिए प्रयास किया जाता है। हाल में अभियान चलाकर ट्रैफिक पुलिस ने अतिक्रमण भी हटवाया था। जाम को लेकर पुलिस व यातायात पुलिस पूरी तरह से सतर्क है।
सत्येन्द्र भूषण तिवारी, सीओ ट्रैफिक/सीओ सिटी
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