आठ माह बाद खुला टेंडर, 50 लाख की खरीदारी कर किया भुगतान
Basti News - बस्ती में स्वास्थ्य महकमे में 50 लाख रुपये के टेंडर घोटाले का मामला सामने आया है। आठ महीने बाद पुराने टेंडर को नया दिखाकर खोला गया और तत्काल भुगतान किया गया। आरोप है कि नियमों का पालन किए बिना टेंडर...
बस्ती। स्वास्थ्य महकमा में टेंडर घोटाला का नया मामला सामने आया है। आठ माह बाद पुराने टेंडर को नया दिखाकर खोल दिया और 50 लाख रुपये का वारा-न्यारा कर दिया। यह खेल सिर्फ एक-दो दिन में किया गया। टेंडर खुलते ही खरीदारी और फिर उसी दिन भुगतान करने का यह मामला सामने आते ही जिम्मेदारों में खलबली मच गई है। एनएचएम के तहत प्रिंटिंग मद में 50 लाख रुपये का बजट आवंटित हुआ था। 10 माह पहले खरीदारी कर भुगतान होना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया तो उसी समय बिना निर्धारित प्रक्रिया पूरा कराए कर दिया गया। अब आठ माह बाद उसी टेंडर को खोल दिया और 50 लाख रुपये की प्रिंटिंग आपूर्ति कराई गई। बताते हैं कि जेम पोर्टल पर साठगांठ कर निविदा में ही व्यक्ति के आठ अलग-अलग नामों के फर्म का टेंडर आया, जिसे रोक लिया गया। करीब आठ माह बाद नवंबर में इस टेंडर को रात में खोल कर 50 लाख रुपये के प्रिंटिंग की आपूर्ति ले ली गई। इसके बाद भुगतान भी कर दिया गया। बताते हैं कि पूर्व के सीएमएसडी स्टोर इंचार्ज की आईडी खोलकर आदेश करा कर धन का बंदरबांट किया गया। यह खुलासा ठेकेदार के पत्र से हुआ है। डीएम से इसकी शिकायत हुई है। वहीं बिजली मरम्मत में 63 लाख और सेनेटरी नैपकिन के 38 लाख का ठेका भी नियम विरुद्ध तरीके से करने का आरोप है।
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जेम पोर्टल पर निविदा दिखा, कर लिया गोलमाल
ठेकेदार ने जेम पोर्टल पर प्रकाशित प्रिंटिंग के 50 लाख के टेंडर में घोटाला का आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रिंटिंग के मद में जेम पोर्टल पर निविदा दी गई। नियम को ताक पर रखकर इसे अखबारों के बजाय केवल जेम पोर्टल पर ही दिया गया। आठ माह बाद एसीएमओ पूर्व सीएमएसडी प्रभारी डॉ. एके गुप्ता की बंद आईडी पर आर्डर दिया गया। रातों-रात आर्डर के साथ इसकी आपूर्ति हो गई और सीएमएसडी स्टोर ने शासनादेश के खिलाफ जाकर इसको प्राप्त भी कर लिया। आरोप है कि इसका भुगतान भी तत्काल प्रभाव से करा दिया गया, जबकि इतने कम समय में आपूर्ति व भुगतान सवालों के घेरे में है।
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90 दिन में समाप्त हो जाता है टेंडर
शिकायतकर्ता ने कहा है कि टेंडरों की समय सीमा 90 दिन होती है, इस टेंडर को आठ माह बाद सीएमओ डॉ. आरएस दुबे ने स्वीकृति देते हुए नवंबर में खोल दिया। इसे रात में सीएमओ के कैंप कार्यालय पर बाबू नहीं बल्कि निजी कर्मियों ने खोला।
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टेंडर और खरीदारी तथा भुगतान में पूरी पारदर्शिता बरती गई। टेंडर की जो प्रक्रिया होती है वह की गई है। सेनेटरी पैड की खरीदारी शीघ्र की जानी थी।
डॉ. आरएस दूबे, सीएमओ।
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