कागजों तक सिमटा प्रतिपूरक विद्युत आपूर्ति का फरमान
बस्ती। ग्रामीण व तहसील क्षेत्रों में फॉल्ट व मरम्मत के नाम पर होने वाली
बस्ती। ग्रामीण व तहसील क्षेत्रों में फॉल्ट व मरम्मत के नाम पर होने वाली अघोषित कटौती की भरपाई नहीं हो रही है। बाधित बिजली आपूर्ति के बदलने प्रतिपूरक आपूर्ति (कम्पनसेटरी सप्लाई) से सम्बंधित यूपीपीसीएल के चेयरमैन के आदेश पर अमल नहीं हो पा रहा है। अधिकारी इसके पीछे ज्यादा मांग व कम उत्पादन को बड़ी वजह बता रहे हैं। मुख्य अभियंता एसके सरोज का कहना है कि कम्पनसेटरी सप्लाई से सम्बंधित और कोई आदेश नहीं आया है। चेयरमैन के आदेश पर अभी अमल शुरू नहीं हो सका है।
यूपीपीसीएल की गाइड लाइन के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे व तहसील मुख्यालयों पर 21.30 घंटे की आपूर्ति की जानी है। गांव में आमतौर से 12 घंटे बिजली मिलनी मुशिकल हो जा रही है। इस बात को बिजली विभाग के अधिकारी भी स्वीकार्य करते हैं। अधिकारियों का कहना है कि बिजली कटौती का शेडयूल निर्धारित है। इसके बाद जब आपूर्ति शुरू की जाती है तो तार टूटने, ट्रांसफॉर्मर फूंकने आदि की समस्या शुरू हो जाती है। इसके अलावा ओवरलोडिंग के कारण बिजली लगातार ट्रिप होती रहती है।
बिजली की खराब व्यवस्था के कारण विभाग व सरकार की छवि काफी खराब हो रही है। छवि को सुधारने के लिए चेयरमैन की ओर से कम्पनसेटरी सप्लाई से सम्बंधित आदेश निर्गत किया गया था। इस आदेश के तहत जिस फीडर पर 18 घंटे की आपूर्ति पूरी नहीं होगी, उस फीडर पर कटौती के समय आपूर्ति जारी रखकर उसकी भरपाई की जाए। इस आदेश के बाद अधिकारियों को यह उम्मीद जगी थी कि ग्रामीण उपभोक्ताओं की शिकायत दूर हो सकेगी। आदेश पर अमल के लिए अधिकारियों को बेसब्री से इंतजार है।
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