रामलीला : राम दरबार की उतारी गई आरती
बस्ती के रामलीला में स्थानीय कलाकारों ने जनकपुर के पुष्प वाटिका प्रसंग, धनुष यज्ञ और राम विवाह का जीवंत मंचन किया। दर्शक भाव-विभोर हुए। राम ने धनुष तोड़कर सीता का स्वयंवर जीता। इस कार्यक्रम में गुरु...
बस्ती, हिन्दुस्तान टीम। विक्रमजोत के रानीपुर-बस्थनवां के रामलीला में स्थानीय कलाकारों ने जनकपुर में पुष्प वाटिका प्रसंग, धनुष यज्ञ, परशुराम-लक्ष्मण संवाद और राम विवाह का जीवंत मंचन कर श्रोताओं का मन मोह लिया। पंडाल में उपस्थित दर्शक मंचन देख भाव-विभोर हो गए। रामलीला मंचन के प्रारंभ से पूर्व आयोजक महेश चौहान ने राम दरबार की आरती उतारी। कलाकारों ने दिखाया ताड़का वध के बाद राम लक्ष्मण दोनों भाई गुरु विश्वामित्र के साथ उनके यज्ञ की रक्षा करते हुये राक्षसों का संहार करते हैं। जनकपुर से सीता स्वयंवर के निमंत्रण पर गुरु के साथ जनकपुर के लिये निकलते हैं। जहां रास्ते में अहिल्या का उद्धार कर जनकपुर पहुंचने पर राजा जनक गुरु विश्वामित्र सहित राम और लक्ष्मण को ऊंचे सिंहासन पर विराजमान कराते हैं। भगवान राम गुरु की आज्ञा पाकर भ्राता लक्ष्मण के साथ जनकपुर की पुष्प वाटिका में गुरु विश्वामित्र के पूजा के लिए पुष्प लेने जाते हैं। माता सीता का आगमन होता है। सीता के स्वयंवर में धनुष प्रसंग हुआ। विश्वामित्र की आज्ञा पाकर पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने शिव धनुष को तोड़ा। पुष्प वर्षा के बीच उपस्थित श्रद्धालु भगवान श्रीराम और माता सीता के जयकारे लगाए। उसी समय भगवान परशुराम क्रोधित होकर पहुंच गए। लक्षमण से संवाद हुआ। बाद में माता सीता का विवाह संपन्न हुआ।
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