बस्ती में नकली यूरिया फ्यूल बनाने की फैक्टी पकड़ी गई
Basti News - कप्तानगंज में हाईवे किनारे एक नकली यूरिया फ्यूल बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई। पुलिस और कृषि अधिकारी की टीम ने छापेमारी की, जिसमें कई उपकरण और सामग्री बरामद की गई। संचालक भाग गया और अब उनके खिलाफ...
बस्ती, हिन्दुस्तान टीम। कप्तानगंज थानाक्षेत्र में हाईवे किनारे नकली यूरिया फ्यूल बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई। यह फैक्ट्री एक भवन में चल रही थी, जिसे आरओ प्लांट के नाम पर एग्रीमेंट कराया गया था। सूचना पर मजिस्ट्रेट, जिला कृषि अधिकारी और पुलिस की टीम ने छापा मारा। मौके से फैक्ट्री संचालक भाग गया। अब इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई शुरू की गई है। कप्तानगंज थानाक्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे गड़हा गौतम ओवरब्रिज के पास एक घर में नकली यूरिया फ्यूल फैक्ट्री संचालित होने की सूचना पुलिस और प्रशासन को मिली थी। यहां पर एक दिन पहले रात में पुलिस ने छापेमारी की और भवन को सील कर दिया था। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों के साथ जिला कृषि अधिकारी को दी गई थी। गुरुवार को नायब तहसीलदार हर्रैया कमलेन्द्र प्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी डॉ. बाबूराम मौर्य और प्रभारी निरीक्षक कप्तानगंज उपेन्द्र मिश्रा की टीम मौके पर पहुंची। गुरुवार को दोपहर बाद तक गोदाम में बरामद सामानों की गिनती कर सूची बनाई गई। कृषि विभाग की टीम ने सामानों मेमो तैयार किया। जांच के दौरान गोदाम में यूरिया फ्यूल बनाने के उपकरण, यूरिया की बोरियां, आरो मशीन सहित अन्य उपकरण बरामद हुए। जिला कृषि अधिकारी डॉ. बाबूराम मौर्य ने बताया कि बरामद सामानों का मिलान किया जा रहा है। प्लांट देखकर स्पष्ट हो गया कि यहां नकली यूरिया फ्यूल बनाया जा रहा था। प्लांट संचालक को नोटिस दिया जा रहा था। अग्रिम कार्रवाई के लिए डीएम को आख्या भेजी जा रही है।
बड़े पैमाने पर बनता था डीजल एक्झास्ट फ्यूल
जिला कृषि अधिकारी डॉ. बाबूराम मौर्य ने बताया कि यहां पर बड़े पैमाने पर डीजल एक्झास्ट फ्यूल तैयार किया जा रहा था। मौके पर प्लांट परिसर में 62 बोरी खाली यूरिया की बोरी मिली। यह यूरिया की बोरियां सब्सिडी के साथ कृषि कार्य में प्रयोग होने वाली हैं। प्लांट में यूरिया बिखरी मिली। कृषि विभाग की टीम गुरुवार दोपहर बाद तक गोदाम में बरामद सामानों और उपकरणों का मूल्यांकन किया। दोपहर बाद तीन बजे मौके के स्थिति की आख्या तैयार मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार की देखरेख में गोदाम को सील कर दिया गया।
आरओ प्लांट के नाम पर किया है एग्रीमेंट
छापेमारी के दौरान मौके पर भवन स्वामी अरुण कुमार सिंह भी पहुंचे। पूछताछ में मकान मालिक ने बताया कि उन्होंने अपने भवन में आरओ प्लांट चलाने का एग्रीमेंट किया था, जिसके लिए किराया फिक्स किया था। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि यहां पर नकली यूरिया फ्यूल बनाया जा रहा है। आरओ प्लांट के लिए किया गया एग्रीमेंट किसी अरविन्द तिवारी निवासी नथऊपुर थाना हर्रैया के नाम पर हैं।
11 हजार लीटर की चार टंकी के साथ बाल्टी बरामद
मजिस्ट्रेट की अगुवाई में पुलिस ने इस अवैध फैक्ट्री से मिक्सर मशीन, आरओ प्लांट डीएम प्लांट, ब्रांडेड कम्पनियों की खाली बाल्टियां, बड़ी कम्पनियों के नाम वाले होलोग्राम, स्टीकर्स, एसिड, केमिकल्स और प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना के यूरिया खाद की खाली बोरियां और पांच हजार लीटर की एक टंकी, दो हजार लीटर की तीन टंकी के अलावा 10 टंकी यूरिया फ्यूल की बरामद हुई है। कुछ टंकी में रखा लिक्विड यूरिया भी मिली है।
पर्यावरण हो सकता है नुकसान
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार ने बीएस 6 इंजन में डीजल को सही तरीके से जलाने के लिए डीजल एक्झास्ट फ्यूल के प्रयोग की अनुमति दी है। इसके प्रयोग से डीजल का अधिकांश भाग जल जाता है और धूआं के रूप में कम निकलता है, जिससे पर्यावरण को कम नुकसान हो। यूरिया लिक्विड को 2018 में सरकार ने शुरू किया था, जो कई मानकों पर गुजरते हुए बनाया जाता है। नकली यूरिया लिक्विड फ्यूल का प्रयोग होने से सरकार की मंशा पर पानी फिर सकता है और पर्यावरण को नुकसान होगा।
कार्रवाई के लिए डीएम को भेजी आख्या
जिला कृषि अधिकारी डॉ. बाबूराम मौर्य ने बताया कि डीजल एक्झास्ट फ्यूल बनाने के लिए मौके पर कोई कागजात नहीं मिला और संचालकों ने प्रस्तुत भी नहीं किया। यदि बिना लाइसेंस के फ्यूल तैयार किया जा रहा है तो यह वैधानिक नहीं है। लाइसेंस होने पर यहां टेक्निकल ग्रेड की यूरिया का प्रयोग होना चाहिए था, लेकिन मौके पर सरकार अनुदानित यूरिया की 62 खाली बोरियां मिली हैं। यह आवश्यक वस्तु अधिनियम का उल्लंघन है। इस संबंध में संपूर्ण आख्या डीएम को भेजी जा रही है। उनके निर्देशानुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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