निलंबन के विरूद्ध हाईकोर्ट गए सचिव की याचिका खारिज
Basti News - दुबौलिया के ग्राम सचिव विनय शुक्ल को अनियमितता के आरोप में निलंबित किया गया था। सचिव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। जांच में अनियमितताओं की पुष्टि होने पर डीएम ने...
दुबौलिया, हिन्दुस्तान संवाद। अनियमितता के आरोप में निलंबित ग्राम सचिव को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। मामला दुबौलिया विकास खंड के बरदिया लोहर का है। गांव में अनियमिता की शिकायत पर डीएम ने जांच कराया था। जांच में दोषी पाए जाने पर सचिव को निलंबित कर दिया गया था। इसी निलंबन के विरूद्ध ग्राम विकास अधिकारी विनय शुक्ल हाईकोर्ट गए थे। दुबौलिया ब्लॉक क्षेत्र के बरदिया लोहर ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान अंजली और ग्राम विकास अधिकारी विनय शुक्ल कि शिकायत रमना तौफिर गांव निवासी सूरज सिंह ने किया था। शपथ-पत्र के साथ दिए गए शिकायती-पत्र पर जांच हुई। यह जांच लोकायुक्त के निर्देश पर पीडी डीआरडीए, उपायुक्त मनरेगा और उपायुक्त वाणिज्य कर की तीन सदस्यीय टीम ने किया था।
26 अक्टूबर 2024 की जांच आख्या के अनुसार अनियमितता मिली। इस पर एडीएम बस्ती ने भी डीपीआरओ को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहा था। डीएम ने प्रधान बरदिया लोहर अंजली के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार को प्रतिबंधित कर दिया है। सचिव को निलंबित करने का आदेश दिया था। इस पर सचिव को निलंबित कर दिया गया।
निलंबित सचिव विनय शुक्ला ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां पर सुनवाई के दौरान 21 जनवरी को हाइकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। एक बार फिर से शिकायतकर्ता सूरज सिंह शपथ पत्र के साथ डीएम को अनियमित भुगतान करने के आरोप में जांच कराने की मांग किया है।
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