बोले बस्ती : एनसीसी कैडेटों की हुंकार, हर मोर्चे के लिए हम तत्पर
Basti News - बस्ती में एनसीसी कैडेट्स अनुशासन, नेतृत्व और राष्ट्रसेवा की भावना से भरे हुए हैं। 47वीं बटालियन के कमांड ऑफिसर कर्नल दिग्वेंद्र सिंह का मानना है कि एनसीसी युवाओं को आत्मनिर्भरता और सामाजिक जिम्मेदारी...

Basti News : जीवन अनुशासित हो तो तमाम ऐसे काम हैं, जो आसानी से हो सकते हैं। नियम, अनुशासन, संयम, ताकत, नेतृत्व की सीख देने के साथ-साथ युवाओं में जो राष्ट्रसेवा का जोश भरे, उसका दूसरा नाम ‘एनसीसी है। इसके कैडेट कई मोर्चे पर अपनी उपयोगिता साबित करते हैं और कर चुके हैं। हालांकि पहलगाम घटना के बाद भारत-पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को रोकते हुए सीजफायर का ऐलान कर दिया है। सैन्य कार्रवाई से लेकर सीजफायर तक की घोषणा में भारत अब तक कूटनीतिक रूप से विश्व पटल पर आगे रहा है। देश ने हमले का जवाब दिया और शांति का पोषक होने के कारण सम्मानजनक परिस्थितियों में सीजफायर के लिए सहमत हुआ।
इसको लेकर एनसीसी कैडेट्स गौरवान्वित हैं। उनका कहना है कि वे मोर्चे पर विपक्षी को धूल चटा सकते हैं। अगर सीमा पर उनकी जरूरत पड़ी तो पीछे नहीं हटेंगे। बस्ती में नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) की 47वीं बटालियन बस्ती में स्थापित है। इस बटालियन में बस्ती, सिद्धार्थनगर और संतकबीरनगर के इंटर कॉलेज और डिग्री कॉलेज जुड़े हैं। जिले में लगभग 1200 ब्वायज और गर्ल्स कैडेट हैं, जो विभिन्न अवसरों पर वर्दी में दिखाई देते हैं। एनसीसी उन्हें सीमित संसाधनों और अवसरों के बीच अपने व्यक्तित्व के विकास की राह दिखा रहा है तो उनके अंदर देशप्रेम का जज्बा भर रहा है। 47वीं बटालियन एनसीसी बस्ती के कमांड ऑफिसर कर्नल दिग्वेंद्र सिंह का मानना है कि जिले के अधिकांश छात्र ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं, जहां शिक्षा के साथ-साथ आत्मविश्वास, संवाद कौशल और सामाजिक सहभागिता जैसे गुणों का अभाव देखा जाता है। एनसीसी के माध्यम से यह सभी गुण व्यवस्थित प्रशिक्षण से विकसित किए जा सकते हैं। एनसीसी में शामिल होकर बस्ती के बच्चे न केवल अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं, बल्कि जिले की प्रतिष्ठा भी बढ़ा सकते हैं। कर्नल दिग्वेंद्र सिंह बताते हैं कि बस्ती जैसे क्षेत्र में युवाओं को सही दिशा की आवश्यकता है। एनसीसी एक ऐसा मंच है जो उन्हें अनुशासन, समयबद्धता, स्वच्छता और आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाता है। यह प्रशिक्षण उन्हें हर क्षेत्र में सफल होने में मदद करता है। एनसीसी ऑफिसर लेफ्टिनेंट जेके शाही का कहना है कि युवाओं के लिए रोजगार एक गंभीर चिंता का विषय है। एनसीसी की ‘सी सर्टिफिकेट धारकों को सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस और अन्य सरकारी सेवाओं में विशेष प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा, निजी क्षेत्र में भी एनसीसी की पृष्ठभूमि को सकारात्मक रूप से देखा जाता है, इस कारण युवाओं को एनसीसी अपनाते प्रशिक्षित होने की जरूरत है। क्योंकि एनसीसी के माध्यम से बस्ती के बच्चे ट्रैकिंग, पैरासेलिंग, कैंपिंग जैसी साहसिक गतिविधियों में भाग लेकर अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं। वे राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय स्तर के कैंपों में भाग लेकर देश के अन्य हिस्सों के युवाओं से जुड़ते हैं, जिससे उनका दृष्टिकोण विस्तृत होता है। एनसीसी ऑफिसर मेजर प्रो. राजेन्द्र बौद्ध का कहना है कि एनसीसी छात्रों में राष्ट्रभक्ति और सामाजिक सेवा का जज्बा पैदा करता है। वे स्वच्छता अभियान, पौधरोपण, रक्तदान जैसे कार्यक्रमों में भाग लेकर समाज के लिए कार्य करते हैं और एक जिम्मेदार नागरिक बनते हैं। आज के समय में इसकी सर्वाधिक आवश्यकता है। पिछड़े क्षेत्र के होने पर भी छात्र प्रशिक्षण प्राप्त कर नेतृत्वकर्ता, सार्वजनिक बोलने और निर्णय लेने वाले बन जाते हैं। यह गुण उनके शैक्षिक और व्यावसायिक जीवन में अमूल्य सिद्ध होते हैं। लेफ्टिनेंट अरविन्द का मानना है कि बस्ती जनपद के बच्चों के लिए एनसीसी केवल एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक परिवर्तन की शुरुआत है। यह उन्हें गांवों से निकालकर राष्ट्रीय मंच तक पहुंचने का अवसर देता है। हर माता-पिता और शिक्षक को चाहिए कि वे अपने बच्चों को एनसीसी में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि वे एक अनुशासित, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बन सकें। हर कैडेट जानता है वर्दी का महत्व और अपना कर्तव्य बस्ती। एनीसीसी कैडेट सामाजिक से लेकर सामरिक मोर्च हर समय तैयार रहता है। एनसीसी ऑफिसर कैप्टन संदीप कुमार सिंह मानें तो एनसीसी कैडेट वर्दी के महत्व को जानता है। यातायात संचालन, शस्त्र संचालन, मैनर, अनुशासन के साथ युद्धाभ्यास भी करता है। फायरिंग सीखने के साथ मॉकड्रिल का भी हिस्सा होता है। इसके अलावा सामाजिक कार्य जैसे- नशा मुक्ति अभियान, रक्तदान शिविर, रन फार यूनिटी, पौधरोपण, पक्षियों के लिए पेयजल बर्तन बांटने, योग दिवस में सहयोग, नदियों के सफाई का अभियान, राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर भागीदारी निभाता है। लेफ्टीनेंट जेके शाही बताते हैं कि जागरूकता फैलाकर समाज को सतर्क करने में एनसीसी कैडेट अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां पर कैडेटों को प्रशासनिक, चिकित्सीय सहित विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण विशेषज्ञों से दिलाए जाते हैं। एनसीसी में शामिल करने के लिए हम सभी अगस्त माह में अभियान चलाते हैं और युवाओं को आगे लाते हैं। बोले एनसीसी कैडेट एनसीसी का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ‘बी और ‘सी सर्टीफिकेट मिलता है। इस सर्टीफिकेट धारक कैडेट को सरकारी नौकरी में आने वालों को छूट मिलती है। प्रांजल् जब से हम एनसीसी ज्वाइन किया है, तब से विभिन्न प्रकार की फिजिकल एक्टीविटी करनी पड़ती है। ऐसा करने के चलते उनका शारीरिक फिटनेस बरकरार है। चांदनी यादव एनसीसी कैडेट की एक अलग पहचान होती है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद हमारे व्यक्तित्व में निखार आता है। हम जहां भी जाते हैं वहां पर अपनी अलग छाप छोड़ते हैं। ममता यादव एनसीसी का मतलब एक नए तरह की जीवनशैली है। हमारा आधार सैनिकों का हो जाता है। हमारी रहने, खाने-पीने व जीने के तौर तरीके में बदलाव आ जाता है। कोमल एनसीसी में रहने के दौरान विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण प्राप्त होता है। फिजिकल एक्टिविटी के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के दैनिक जीवन के लिए उपयोगी सीख मिलती है। गरिमा प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद एनसीसी कैडेट आकस्मिक सेवाओं के दक्ष हो जाता है। उसका उपयोग किसी भी आपदा के समय में आसानी से किया जा सकता है। इमरान अंसारी प्रशिक्षण के दौरान एनसीसी कैडेट को पहली सीख अनुशासन की मिलती है। यह अनुशासन जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में काम आता है, जो हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है। अरमान शुक्ला सैनिकों की तरह कैडेटों में भी देशसेवा की भावना कूट-कूट कर भरी रहती है। हम अपने वतन पर मर मिटने के लिए हर समय तैयार हैं। किसी भी दुश्मन का मुकदमा कर सकते हैं। कृष्णा कुमार एनसीसी एक प्रशिक्षण ही नहीं जीवन शैली है। इस जीवनशैली को जीने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से काफी मजबूत हो जाता है। वह हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ सकता है। विवेक गौड़ सेना में भर्ती के समय एनसीसी कैडेट को तमाम प्रकार की छूट मिलती है। भर्ती के लिए कैडेट मानसिक रूप से तैयार रहता है। वह सेना फ्रेंडली होता है। वह हर मोर्चे पर तैयार रहता है। सचिन हमें प्रशिक्षण के दौरान नई नई जानकारियां मिलती हैं। यातायात, अग्निसुरक्षा, वाहन संचालन, मैप रीडिंग आदि के बारे में जानकारी मिलने से जीवन सुगम होता है। रोशन कन्नौजिया एनसीसी कैडेट परेड करना सीखते हैं। उनको अपने ड्रेस कोड की जानकारी मिलती है। ड्रिल के समय अभ्यास करने से शारीरिक मजबूती मिलती है। इससे देश प्रेम की भावना जागृति होती है। साहिल मौर्य कैडेटों को व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है। सड़कों पर यातायात के संचालन की जानकारी मौके पर ही दी जाती है। नियमों की जानकारी होने से हादसों से बचाव होता है। अभिषेक कैडेटों को विभिन्न प्रकार के शस्त्रों के संचालन की जानकारी मिलती है। शस्त्रों के नाम, उनको खोलने व लोड करने, बोल्ट करने व फायरिंग की जानकारी होती है। ऐश्विक राज प्रशिक्षण लेने के बाद हम गर्ल्स का विल पॉवर काफी बढ़ जाता है। हम अनुशासित रहती हैं। हमारे साथ होने वाली किसी अभद्रता का तुरंत जवाब दे सकती हूं। जरूरत पड़ने पर देश के लिए हर मोर्च पर तैयार हैं। आकांक्षा चौधरी बोले जिम्मेदार एनसीसी का उद्देश्य निर्बल, गरीब कैडेटों को जाति, धर्म, संप्रदाय रहित बिना किसी भेदभाव के ऊपर उठना है। उनको विभिन्न प्रकार के अवसर दिए जाते हैं। उनमें अनुशासन के साथ आत्मनिर्भरता हो, रोजगार के अवसर मिले, एक्सपोजर हो, जिससे उनके साहस में वृद्धि हो, देशभक्ति के साथ साथ सामाजिक जिम्मेदारी में अपनी उपयोगिता सिद्ध करे, नेतृत्वकर्ता बन समाज को सही दिशा में ले जाने के साथ कौशल विकास करे। यह काम एनसीसी कर रहा है। यह एक प्रकार का सैनिक प्रशिक्षण है, जो किसी भी युवा को नई दिशा देने का काम करता है। कर्नल दिग्वेंद्र सिंह, कमांड ऑफिसर, 47वीं एनसीसी बटालियन एनसीसी की 47वीं बटालियन बस्ती, सिद्धार्थनगर और संतकबीरनगर जिले के एपीएन पीजी कॉलेज, किसान पीजी कॉलेज, किसान इंटर कॉलेज, जीआरएस इंटर कॉलेज, चौधरी चरण सिंह पीजी कॉलेज, बीएमजीएन इंटर कॉलेज, रतनसेन पीजी कॉलेज, रतनसेन इंटर कॉलेज में काम कर रही है। निजी विद्यालयों में भी सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत एनीसी का प्रशिक्षण चल रहा है। इस यूनिट से लगभग 1168 गर्ल्स और ब्वायज कैडेट जुड़े हुए हैं। जिन्हें जिला स्तर से लेकर मंडल, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण दिलाया जाता है, जो उनके कैरियर का आधार बनता है। लेफ्टीनेंट जेके शाही, एनसीसी ऑफिसर
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