बोले बस्ती : पढ़ाई के साथ कौशल विकास को मिले अवसर
Basti News - बस्ती में डीएलएड प्रशिक्षु बेहतर भविष्य की चाह के साथ पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बिजली, पानी और परिवहन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रशिक्षु कौशल विकास कार्यशालाओं और स्वास्थ्य कैंपों...
Basti News : बेहतर भविष्य की चाह संग डीएलएड कर रहे प्रशिक्षु अपने लिए पर्याप्त अवसर चाहते हैं। बेरोजगारों की भीड़ में न खोकर आगे बढ़ने की चाहत लिए प्रशिक्षण के साथ ही विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं, लेकिन प्रशिक्षुओं को हर दिन अलग-अलग तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कोई बिजली और पानी के संकट से परेशान है तो किसी को आने-जाने में कठिनाइयों से गुजरना पड़ रहा है। प्रशिक्षु चाहते हैं कि डायट में कौशल विकास कार्यक्रम के तहत कार्यशाला का आयोजन हो। खेलकूद की सुविधाओं को बेहतर बनाते हुए शारीरिक विकास पर भी जोर दिया जाए।
समय-समय पर स्वास्थ्य कैंप का आयोजन हो, जिससे उनकी नियमित जांच की व्यवस्था हो सके। ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में प्रशिक्षुओं ने अपनी समस्याएं साझा कीं। बस्ती जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में करीब 400 से अधिक डीएलएड प्रशिक्षु अध्ययनरत हैं। इनमें से करीब 200 प्रशिक्षु किराए के मकान में रहकर अपना कोर्स पूरा कर रहे हैं। डायट में बीते कुछ समय में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिला है। संसाधनों से लेकर कक्षा-कक्ष आदि का कायाकल्प हुआ है। लेकिन प्रशिक्षुओं को बेहतर शिक्षण के साथ ही बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्हें रोजाना की परेशानियों से भी छुटकारा मिलनी चाहिए। प्रशिक्षु सीमा का कहना है कि डायट में कौशल विकास कार्यक्रम के तहत कार्यशाला का आयोजन किया जाना चाहिए। इससे आत्मनिर्भर बनने के अवसरों की उन्हें जानकारी हो सकेगी। डायट में शिक्षण की बेहतर व्यवस्था है लेकिन खेलकूद की गतिविधि काफी कम है। बढ़ाई जानी चाहिए। इसके लिए खेल-कूद की सामग्री का पर्याप्त प्रबंध हो। साथ ही ओपेन जिम बनाया जाए, जिससे शारीरिक विकास भी हो सके। प्रशिक्षु अनीता, विजयलक्ष्मी और शेखर कहते हैं कि डायट व आसपास के इलाकों में बिजली लंबे समय के लिए चली जाती है। पढ़ाई में समस्या के साथ पेयजल आदि का भी संकट खड़ा हो जाता है। स्मार्ट मीटर लगाने के साथ ही बिजली विभाग को नियमित विद्युत आपूर्ति पर भी ध्यान देना चाहिए। प्रशिक्षु विशाल, दीक्षा, आकाश सिंह कहते हैं कि डायट में पढ़ाई करने के लिए सवारी वाहन से सफर करना होता है। रास्ते में बेतरतीब खड़े वाहनों के चलते आए दिन जाम की समस्या पैदा हो जाती है। हल्की बारिश होने पर भी डायट के आसपास के इलाकों में जलभराव की समस्या पैदा हो जाती है। जलनिकासी का बेहतर प्रबंध बनाया जाना चाहिए। जिले के अलावा विभिन्न जिलों के प्रशिक्षु यहां रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। मूलभूत सुविधाएं सभी को मिलनी ही चाहिए। प्रशिक्षु गीता, सुनील और सुनीता का कहना है कि डायट में पैदल वाले प्रशिक्षुओं के लिए भी संकट कम नहीं है। प्यास लगने पर रास्ते में कहीं भी शुद्ध पेयजल का मिलना मुश्किल हो जाता है। मजबूरन प्रशिक्षुओं को बंद पानी खरीदकर पीना पड़ता है। पैसे जेब में नहीं होने पर समस्या और भी बढ़ जाती हैं। कम से कम सार्वजानिक स्थलों पर पेयजल का उचित प्रबंध होना ही चाहिए। फैक्ट्रियों से उड़ती राख से आंखों को होता है नुकसान प्रशिक्षु वैष्णवी कहती हैं कि डायट भवन औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है। यहां कई सारी फैक्ट्रियां हैं। कुछ फैक्ट्रियों से राख उड़ती है, जिससे हवा प्रदूषित हो जाती है। राख आंख में पड़ने पर काफी दिक्कत होती है। कई दिनों तक आंखों में ड्राप डालना पड़ता है। इस पर रोकथाम के लिए उचित प्रबंध किया जाना चाहिए। प्रशिक्षु वर्तिका, सोनम और रेखा कहती हैं कि डायट परिसर बस्ती-मुंडेरवा मार्ग पर स्थित है। फोरलेन के रास्ते हर्रैया, कप्तानगंज समेत अन्य स्थानों से आने पर अधिकतर बसें हाईवे के रास्ते बाईपास से निकल जाती हैं। शहर के अंदर बहुत कम बसें आती हैं। डायट की बदल गई रंगत, हर तरफ दिखती है हरियाली कभी बदहाल हाल के लिए सुर्खियों में रहने वाला जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) अब अपनी खूबसूरती के लिए पूरे प्रदेश में जाना जाता है। डायट प्राचार्य का पदभार संभालते ही संजय कुमार शुक्ला ने अपनी इच्छाशक्ति से डायट भवन का ही नहीं पूरे परिसर का कायाकल्प कर दिया। डायट प्राचार्य के साथ ही एडी बेसिक बस्ती मंडल का जिम्मा भी संजय कुमार शुक्ला पर है। उन्होंने जब डायट प्राचार्य का पद संभाला तब गेट, बाउंड्रीवाल से लेकर पेयजल, कक्षाकक्ष समेत विभिन्न समस्याओं से यह संस्थान जूझ रहा था। डायट प्राचार्य ने डीएम स्तर से क्रिटिकल गैप मद से दी गई धनराशि की मदद से डायट परिसर के चारों तरफ बाउंड्रीवॉल हो सकी। साथ ही गेट लगाकर परिसर को सुरक्षित किया गया। प्रशिक्षुओं की पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए उन्होंने ओएनसीसी की मदद से दस लाख रुपये की लगात से डायट में आरओ प्लांट स्थापित कराया, जिससे पर्याप्त मात्रा में पेयजल की व्यवस्था परिसर में हो सकी है। डायट में लाइब्रेरी का निर्माण कराने के साथ ही ग्राम प्रधान की मदद से जमीन का समतलीकरण कराया। शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए डायट में अब एसी युक्त शानदार प्रशिक्षण हाल भी है। पूरे डायट कैम्पस को हरियाली से भरकर यहां आने वालों को यह कहने पर मजबूर कर दिया कि यह कोई सरकारी नहीं बल्कि प्राइवेट कॉलेज का कैंपस लगता है। शिकायतें -प्रशिक्षुओं को पढ़ाई के साथ ही आत्मनिर्भर बनने के लिए कार्यशाला का आयोजन नहीं किया जाता है। -डायट में ओपेन जिम, बैडमिंटन कोर्ट आदि का प्रबंध नहीं है जिससे शारीरिक विकास प्रभावित होता है। -कई प्रशिक्षु यहां रहकर पढ़ाई करते हैं। उनकी सेहत की देखभाल के लिए हेल्थ कैंप का आयोजन नहीं होता है। -डायट व आसपास के इलाकों में बिजली लंबे वक्त के लिए चली जाती है, इससे परेशानी उठानी पड़ती है। -डायट भवन प्लास्टिक काम्पलेक्स क्षेत्र में स्थित है। फैक्ट्री से राख उड़ती है, जिससे हवा प्रदूषित होती है। सुझाव -प्रशिक्षुओं को कौशल विकास कार्यक्रम के तहत कार्यशाला का आयोजन डायट परिसर में किया जाना चाहिए। -डायट में ओपेन जिम, बैडमिंटन कोर्ट बनाने के लिए चिह्नित जमीन पर जल्द से जल्द कार्य कराया जाना चाहिए। -डायट में स्वास्थ्य विभाग की मदद से नियमित समय पर हेल्थ कैंप का आयोजन किया जाना चाहिए। -डायट व आसपास के इलाकों में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था को सुधारने के लिए विद्युत विभाग कदम उठाए। -प्लास्टिक काम्पलेक्स क्षेत्र में स्थित फैक्ट्री से प्रदूषण हवा में न फैलने पाए, इसके लिए कारगर उपाय किए जाएं। हमारी भी सुनें प्रशिक्षु के तौर पर बालिकाओं की अधिकता है। लिहाजा डायट में कौशल विकास कार्यक्रम के तहत कार्यशाला का आयोजन कराया जाना चाहिए। रिया गुप्ता बरसात के महीने में जलभराव से बहुत परेशानी होती है। सड़क भी इससे खराब हो जाती है, जिससे आवागमन और प्रभावित होता है, जिससे प्रशिक्षुओं को काफी परेशानी होती है। महिमा पांडेय डायट व आसपास के इलाकों में बिजली लंबे समय के लिए चली जाती है। स्टोर किया गया पानी खत्म होने पर समस्या काफी बढ़ जाती है। शिवांगी त्रिपाठी डायट में पढ़ाई करने के लिए सवारी वाहन से सफर करना होता है। रास्ते में बेतरतीब खड़े वाहनों के चलते आए दिन जाम की समस्या पैदा हो जाती है। अनुष्का सिंह जिगिना के पास किराए का मकान लेकर रहती हूं। हल्की बारिश होने पर भी जलभराव की समस्या पैदा हो जाती है। जिससे काफी परेशानी होती है। शिक्षा सिंह डायट के लिए पैदल आते वक्त प्यास लगने पर रास्ते में कहीं भी पेयजल मिलना मुश्किल हो जाता है। बस स्टैंड व अन्य सार्वजानिक स्थलों पर पेयजल का प्रबंध होना चाहिए। आकांक्षा सिंह डायट तक का सफर रोज ऑटो रिक्शा से करते हैं। रिक्शा वाले अधिक किराया मांगते हैं। हर मार्ग व दूरी के लिए किराया निर्धारित होनी चाहिए। स्नेहा बारिश के महीने में डायट परिसर के आसपास जलभराव की समस्या हो जाती है। इससे आवागमन में काफी दिक्कत होती है। टूटी सड़कों को ठीक कराना चाहिए। अंकिता यादव डायट भवन प्लास्टिक काम्पलेक्स क्षेत्र में स्थित है। यहां की एक फैक्ट्री से राख उड़ती है, जिससे हवा प्रदूषित हो जाती है। आंखों के लिए भी काफी नुकसानदायक है। वैष्णवी पांडेय रोज हर्रैया से डायट आती हूं। यहां पहुंचने के लिए सीधे एक ही रोडवेज बस चलती है। छूटने पर परेशानी होती है। बसों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। वर्तिका सिंह रोडवेज बस से सफर के दौरान अधिकतर बसें बाईपास होकर गुजर जाती हैं। जिससे डायट तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सृष्टि डायट परिसर में हेल्थ चेकअप का भी प्रबंध होना चाहिए। बेहतर होगा कि इसके लिए समय-समय पर हेल्थ कैंप लगाकर प्रशिक्षुओं का चेकअप हो। सूरज कुमार मंडल डायट के पास दो कम्पनियों के कार्यालय हैं। जो सड़क किनारे कूड़ा-कचरा फेंकते हैं। कूड़ेदान का प्रबंध किया जाना जरूरी है। गैर जिम्मेदार कंपनियों पर जुर्माना लगना चाहिए। आकाश कुमार डायट गेट के पास से कई वाहन बहुत तेजी गति से गुजरते हैं। इससे कस्तूरबा में पढ़ने वाले बच्चों को भी काफी परेशानी होती है। स्थानीय पुलिस को इस पर ध्यान देना चाहिए। विशाल रोजाना 60 किलोमीटर का सफर तय कर डायट आते हैं। ट्रैफिक का उचित प्रबंध नहीं होने से रोजाना काफी समय सफर में ही समाप्त हो जाता है। विजय कुमार डायट में पढ़ाई के साथ खेल की गतिविधि भी बढ़ाई जानी चाहिए। इसके लिए खेल-कूद की सामग्री, ओपेन जिम आदि का प्रबंध किया जाना चाहिए। अम्बिका यादव बोले जिम्मेदार जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान में भ्रमण के दौरान प्रशिक्षुओं के साथ संवाद हुआ था। इस दौरान प्रशिक्षुओं ने जलभराव, विद्युत कटौती, यातायात समेत विभिन्न समस्याओं के बारे में अपना अनुभव साझा किया था। डायट भवन व परिसर की व्यवस्था काफी अच्छी है। पेयजल, कक्षाकक्ष आदि का समुचित प्रबंध है। प्रशिक्षुओं की समस्याओं के समाधान के लिए उचित कदम उठाने के लिए निर्देशित किया जा रहा है। रवीश गुप्ता, डीएम, बस्ती डायट परिसर में प्रशिक्षुओं को बेहतर संसाधन मुहैया कराई जा रहे हैं। डायट कैंपस में प्रशिक्षुओं की सुरक्षा और सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाता है। डायट में कौशल विकास कार्यक्रम के तहत कार्यशाला का आयोजन कराने से लेकर हेल्थ कैंप का आयोजन का प्रबंध कराने का प्रयास किया जा रहा है। ओपेन जिम का प्रबंध करने के लिए जमीन चिह्नित की गई है। संजय कुमार शुक्ला, प्राचार्य, डायट, बस्ती
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