Hindi NewsUttar-pradesh NewsBasti NewsCorona kits purchased from three thousand to 23 thousand

तीन हजार से लेकर 23 हजार तक में खरीदी गई कोरोना किट

Basti News - कोरोना महामारी के दौरान जिले के 403 ग्राम पंचायतों ने बचाव के सामानों की खरीद किया है। इनकी धनराशि लगभग 60 लाख रुपये है। लेकिन खर्च किए धन का कोई मानक नहीं है। किसी ग्राम पंचायत ने तीन में काम चलाया...

Newswrap हिन्दुस्तान, बस्तीSat, 12 Sep 2020 09:44 PM
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कोरोना महामारी के दौरान जिले के 403 ग्राम पंचायतों ने बचाव के सामानों की खरीद किया है। इनकी धनराशि लगभग 60 लाख रुपये है। लेकिन खर्च किए धन का कोई मानक नहीं है। किसी ग्राम पंचायत ने तीन में काम चलाया तो कोई 23 हजार रुपया खर्च किया। पल्स आक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर की खरीद के नाम पर मानक से अधिक रुपये उड़ाए गए तो गांव में छिड़काव के नाम पर 11 हजार से लेकर 19 हजार तक खर्च किया गया।

प्रदेश में कोरोना किट खरीद के नाम पर हुई गड़बड़ी के जांच की आंच बस्ती पर भी पड़ रही है। निदेशालय से मांगी गई सूचना के क्रम में बस्ती से 403 ग्राम पंचायतों के खरीद की सूची भेजी गई है, जबकि डीपीआरओ विनय कुमार सिंह इससे इनकार करते हैं। उनका कहना है कि अभी तक केवल 150 ग्राम पंचायतों से सूचना प्राप्त हुई। अन्य ग्राम पंचायतों का ब्यौरा एकत्र किया जा रहा है।

विकास खंड गौर पर नजर डालें तो वहां की एक ग्राम पंचायत डमरूआ जंगल ने 17 अगस्त को सात हजार रुपये में पल्स आक्सीमीटर, सैनेटाइजर व थर्मल स्कैनर की खरीद पर खर्च किया तो इसी ग्राम पंचायत ने 28 अगस्त को सैनेटाइजर, मास्क, पीपीई किट खरीद के नाम 23030 रुपये का भुगतान कर दिया। ग्राम पंचायत बेलभरिया जंगल ने पहले तीन हजार रुपया खर्च किया तो बाद में आठ हजार रुपया भुगतान किया। संथुआ में पांच अगस्त को पांच हजार रुपया तो 29 जून को 17250 रुपया भुगतान किया गया। गिधनी, बरगदवा, ऐनपुर ने सात हजार रुपये में काम चलाया तो गोनहा ने 14850 रुपया व्यय किया।

विभाग की तरफ से दी गई सलाह में कहा गया था कि एक हजार से लेकर 14 रुपये तक के पल्स आक्सीमीटर व 18 सौ से लेकर 24 सौ तक के थर्मल स्कैनर की खरीदी की जाए। सभी ग्राम पंचायतों ने इन दोनों सामानों के साथ सैनेटाइजर खरीद के नाम पर भुगतान किया है कि लेकिन किस मद में कितना खर्च हुआ, इसका ब्यौरा विभाग को नहीं दिया है। मदवार ब्यौरा न देने पर ग्राम पंचायतों में खर्च हुए धन में गड़बड़ी की बात आशंका जताई जा रही है। यही कारण है कि प्रदेश में चल रही जांच का असर बस्ती पर भी पड़ने वाला है।

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