फौजी के पार्थिव शरीर को दी गई अंतिम सलामी
Basti News - बस्ती, हिन्दुस्तान टीम। बस्ती जिले के दुबौलिया थानाक्षेत्र के खुशहालगंज निवासी फौजी अनूप

बस्ती, हिन्दुस्तान टीम। बस्ती जिले के दुबौलिया थानाक्षेत्र के खुशहालगंज निवासी फौजी अनूप का शव तीसरे दिन को सरयू नदी से बरामद कर लिया गया। होली के दिन स्नान करते समय नदी की तेज धारा में वह लापता हो गए थे। एनडीआरएफ की टीम ने दोपहर करीब एक बजे घटनास्थल से करीब 800 मीटर दूर शव को खोज निकाला। शव मिलने की सूचना पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई। राजपूत बटालियन के अधिकारी भी रविवार की दुबौलिया पहुंचे। पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद दुबौलिया के रामलीला मैदान में पार्थिव शरीर को राजपूत बटालियन के अधिकारियों व जवानों ने सलामी दी।
गोरखपुर से दुबौलिया पहुंची 30 सदस्यीय एनडीआरएफ की टीम ने सरयू नदी में तीन मोटर बोर्ड की सहायता से खोजी अभियान शुरू किया। शनिवार को ही पहुंची एसडीआरएफ की टीम भी लगातार सर्च अभियान में लगी रही और घटनास्थल से करीब पांच किलोमीटर तक अभियान चलाया। इधर दिन में करीब एक बजे एनडीआरएफ की टीम ने घटनास्थल के आसपास स्टीमर से तेज वाइब्रेंट के साथ चक्कर काटना शुरू किया तो घटनास्थल से करीब 800 मीटर दूर शव उतराता नजर आए। ग्रामीण ने आवाज लगाई तो टीम ने पहुंचकर उसे शव बाहर निकला। पहचान अनूप सिंह पुत्र दिनेश सिंह के रूप में हुई। तीन दिन तक पानी में रहने के कारण शव फूल गया था। हर्रैया विधायक अजय सिंह में एनडीआरएफ की टीम को पुरस्कृत भी किया। पोस्टमार्टम बाद शव को फिर से दुबौलिया स्थित रामलीला मैदान में लाया गया। यहां राजपूत बटालियन के अधिकारियों व जवानों ने अंतिम सलामी दी।
रविवार को ड्यूटी पर जाने वाले थे अनूप
फौजी अनूप सिंह बीस दिन पूर्व छुट्टी लेकर घर आए थे। यहां पर उन्होंने पांच दिन अपने मकान की छत की ढलाई कराई थी। उनकी वापसी का टिकट था। अनूप सिंह का चयन वर्ष 2009 में सेना में हुआ था। इसके बाद वह राजपूत रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। मौजूदा समय में उत्तराखंड के अल्मोड़ा स्थित 22वीं बटालियन में हवलदार पद पर तैनात थे। सोमवार को अनूप को बोर्डिंग पहुंचना था।
शव देख बेसुध हो गए परिवारीजन
होली के दिन से ही अनूप के सकुशल मिलने की प्रार्थना कर रहे परिजन, रविवार को शव बरामद होने के बाद बेसुध हो गए। घाट पर परिजनों को रोता-बिलखता देख हर किसी का कलेजा पसीज जा रहा था। अनूप के पिता दिनेश सिंह, बड़े भाई राहुल सिंह, पत्नी शालिनी सिंह का रो-रोकर बुरा हाल था। उनके दो मासूम बच्चे सात वर्षीय ओम सिंह व पांच साल के शिवाय के सिर से भी हमेशा के लिए पिता का साया उठ गया।
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