ढह जाएगी 45 साल पुरानी ‘करतार टॉकीज, जानिए क्यों
बस्ती शहर में 45 साल पहले निर्मित करतार टाकीज का अस्तित्व अब समाप्त होने की स्थिति में आ गया है। अब इसके नए मालिकान ने इसे ढहाने की तैयारी कर लिया है। नगर पालिका परिषद से इसके लिए अनुमति मांगी...
बस्ती शहर में 45 साल पहले निर्मित करतार टाकीज का अस्तित्व अब समाप्त होने की स्थिति में आ गया है। अब इसके नए मालिकान ने इसे ढहाने की तैयारी कर लिया है। नगर पालिका परिषद से इसके लिए अनुमति मांगी है।
आधा दर्जन टाकीज में एक ही संचालित
बस्ती शहर में 1974 में सरदार करतार सिंह ने करतार टाकीज को बनवाया था। इसके पूर्व पुरानी बस्ती स्थित सुंदर टाकीज व त्रिपाठी चित्र मंदिर ही बस्ती जिले में मनोरंजन के साधन थे। करतार टाकीज शहर के बाहरी इलाके में स्थित होने के कारण सिनेमा के शौकीनों का प्रमुख अड्डा साबित हुआ। 1988 में करतार सिंह ने ही इसी रोड पर बादशाह थियेटर की भी आधार शिला रखी और उसके बाद दक्षिण दरवाजा चौराहे पर श्री टाकीज और रेलवे स्टेशन रोड पर पंकज टाकीज भी संचालित होने लगे लेकिन करतार टाकीज ने अपनी एक अलग पहचान ही बना ली थी। करतार सिंह के बेटे गुरुशेंद्र पाल व कुलवेंद्र सिंह मजहबी ने दोनों टाकीजों को संचालित करना शुरू कर दिया लेकिन छोटे परदे की लोकप्रियता व सरकारी उपेक्षा से थियेटर व टाकीज चलन से बाहर होने लगे तो इन टाकीजों में सन्नाटा पसरने लगा। लिहाजा इन दिनों सिर्फ श्री टाकीज को छोड़कर सभी बंद चल रही हैं। सरकारी सख्ती इतनी है कि बादशाह थियेटर के मालिक सरदार कुलवेंद्र सिंह मजहबी बताते हैं कि हम थियेटर दोबारा चालू कराने के लिए विभाग से अनुमति मांग रहे हैं फिर भी नहीं मिल पा रही है।
करतार के नए मालिकान ने मांगी ढहाने की अनुमति
27 जून 2013 को करतार टाकीज जरिए बैनामा अनीता सिंह व उनके पति निर्मल सिंह निवासी संतकबीर आई हास्पिटल बड़ेवन रोड बस्ती के हाथों में आ गई। दंपति ने इस टाकीज को ढहाकर नए सिरे से काम्प्लेक्स बनवाने का निर्णय लिया है और नगर पालिका परिषद से अनुमति मांगी है। वहीं ईओ अखिलेश कुमार त्रिपाठी ने इसके लिए सहायक अभियंता घनश्याम चित्रगुप्त को पत्रावली भेज दिया है। श्री चित्रगुप्त ने बताया कि मौके का निरीक्षण करने के बाद संस्तुति दी जाएगी।
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