शाबाश! किसान के दिव्यांग बेटे ने पाई देश में आठवीं रैंक
साधारण किसान के बेटे मुनेंद्र पाल ने आईसीएआर एआईईईए (इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च) की परीक्षा में देश में 8वीं रैंक प्राप्त कर इतिहास रचा है। मुनेंद्र ने इससे पहले भी वर्ष 2012 की यूपीटीयू...
साधारण किसान के बेटे मुनेंद्र पाल ने आईसीएआर एआईईईए (इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च) की परीक्षा में देश में 8वीं रैंक प्राप्त कर इतिहास रचा है। मुनेंद्र ने इससे पहले भी वर्ष 2012 की यूपीटीयू इंजीनियरिंग की परीक्षा में प्रदेश में टॉप किया था।
नवाबगंज के गांव सुंदरी निवासी किसान विद्याराम का बेटा मुनेंद्र पाल शुरूआत ही पढ़ाई में होनहार रहा। गुरुवार को आइसीएआर एआईईईए पीजी का रिजल्ट जारी हुआ तो मुनेंद्र के सपनों को एक बार फिर से पंख लग गए। मुनेंद्र को विकलांग कोटे से देश में 8वीं और ओबीसी ओवरऑल 326 रैंक मिली। मुनेंद्र ने यह परीक्षा बिना किसी कोचिंग के दी।
उन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है।
मुनेंद्र की इस सफलता से परिवार और गांव के लोग गदगद हैं। मुनेंद्र ने गांव में ही प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद नवाबगंज के श्रीकृष्णा इंटर कॉलेज से हाईस्कूल और पीलीभीत के ड्रमंड राजकीय इंटर कॉलेज से इंटर की परीक्षा पास की। इंटर की ही परीक्षा के साथ ही बिना कोई कोचिंग किए मुनेंद्र पाल ने वर्ष 2012 की यूपीटीयू इंजीनियरिंग की परीक्षा में पहले ही प्रयास में प्रदेश में पहली रैंक हासिल की थी।
इसके बाद चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के कैंपस से बीटेक ऑनर्स में 81 फीसद अंक प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। हालांकि मुनेंद्र बीटेक में एक अंक से गोल्ड मेडल से चूक गए थे।
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