पूज्य के सामने कभी अपूज्य की नहीं की जाती है पूजा
बरेली में त्रिवटीनाथ मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के दौरान व्यास पंडित माधव उपाध्याय ने बताया कि श्री कृष्ण की पूजा का संदेश है कि अपूज्य की पूजा पूज्य के सामने नहीं होनी चाहिए। उन्होंने श्री कृष्ण और...
बरेली। श्री गिरिराज जी की पूजा कराने का कारण था कि श्रीकृष्ण समाज को यह संदेश देना चाहते हैं कि कभी पूज्य के सामने अपूज्य की पूजा नहीं होती है। क्योंकि इंद्र के लिए कृष्ण पूज्य हैं जो कि स्वयं भगवान विष्णु के अवतार हैं ।अगर ऐसा होता रहता तो यह समाज के लिए गलत संदेश जाता। यह बात त्रिवटीनाथ मंदिर में हो रही श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस पर व्यास पंडित माधव उपाध्याय ने श्रोताओं से कही। व्यास ने श्री कृष्ण की महिमा के बारे में बताते हुए कहा कि आज भी कहीं भी मन्दिर में श्री कृष्ण के साथ श्री राधा जी विराजमान होती हैं। प्रेम के वश में श्री कृष्ण दुर्योधन के नाना प्रकार के भोजन छोड़कर विदुर जी का आतिथ्य स्वीकार करते हैं और उनके घर पर रूखा सूखा का कर अति प्रसन्न होते हैं। मंदिर सेवा समिति के प्रताप चंद्र सेठ, मीडिया प्रभारी संजीव औतार अग्रवाल, विनय कृष्ण अग्रवाल आदि रहे।
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