ग्रामीण मासूम बच्चों के साथ आधार सेंटर के बाहर सो रहे
मीरगंज, आधार कार्ड बनवाने एवं संशोधन को ग्रामीण सुरक्षा को खतरे में डालने से भी नहीं हिचक रहे हैं। अपना नम्बर आने की चाह में ग्रामीण शाम होते ही बच्चो
मीरगंज। आधार कार्ड बनवाने एवं संशोधन कराने के दौरान ग्रामीण सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं। ग्रामीण शाम होते ही बच्चों को लेकर केंद्र पर पहुंच जाते हैं। रात में सूने केंद्र के सामने रोड किनारे सो रहे हैं। मीरगंज में दूरभाष केंद्र एवं डाकघर, फतेहगंज पश्चिमी व शाही में डाकघर में आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। शीशगढ़ में भी एक केंद्र चल रहा है।
मीरगंज में दूरभाष केंद्र के बंद आधार सेंटर के सामने ग्रामीण मासूम बच्चों को लेकर आ जाते हैं। गुरुवार रात में 9.00 बजे प्रजानंदन पत्नी रेखा तीन बच्चों के साथ हाइवे के सर्विस रोड किनारे बने नाले पर चादर पर सो रहे थे। उन्होंने बताया वह पुत्री मोनिका, पुत्र संचित एवं कुणाल के आधार में संशोधन को कई दिनों से भटक रहे हैं। लाइन में लगते हैं। केंद्र तक पहुंचने से पहले शाम हो जाती है। शुक्रवार सुबह चार बजे 12 ग्रामीण बच्चों के साथ डेरा डाले थे। सिंधौली के जुल्फिकार अहमद ने बताया मुझे अपनी पुत्री का स्कूल में एडमिशन के लिए आधार बनवाना है। केंद्र वाले बता रहे हैं कि मीरगंज में आधार नहीं बनेगा। बरेली जाना होगा। केंद्र संचालक विमनेश ने बताया कि केंद्र खुलने पर 25 से 30 टोकन दिए जाते हैं। फिंगर प्रिंट का काम ज्यादा आ रहा है। लोग रात में ही केंद्र पर लाइन लगा लेते हैं। तहसीलदार विशाल कुमार शर्मा ने बताया सेंटर कम और भीड़ ज्यादा है। हर जगह यह समस्या है। एसओ कुंवर बहादुर सिंह ने बताया कि गुरुवार रात में मामला संज्ञान में आया है। केंद्र पर रात में लोगों की सुरक्षा को पुलिस कर्मी लगा रहे हैं। पुलिस केंद्र पर रात में आने वालों को सुरक्षा उपलब्ध करायेगी।
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