दिसंबर से शुरू होकर मार्च में खत्म हो जाएंगे आरटीई के प्रवेश
आरटीई के तहत प्रवेश की प्रक्रिया को सुधार दिया गया है। अब प्रवेश दिसंबर से मार्च तक पूरा होगा, जिससे कक्षाएं 1 अप्रैल से शुरू होने पर छात्रों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। शासन ने चार चरणों में आवेदन...
आरटीई के तहत प्रवेश पाने वाले छात्रों की पढ़ाई का अब नुकसान नहीं होगा। शासन ने इस बार प्रवेश प्रक्रिया दिसंबर से लेकर मार्च तक पूर्ण करने का आदेश जारी कर दिया है। पहले तीसरे और चौथे चरण के प्रवेश मई और जुलाई में जाकर पूर्ण होते थे, जबकि कक्षाएं पहली अप्रैल से शुरू हो जाती थी। इससे छात्रों की पढ़ाई का नुकसान होता था। आरटीई के तहत अलाभित समूह और दुर्बल वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर कक्षा एक और प्री प्राइमरी कक्षाओं में निशुल्क प्रवेश दिया जाता है। प्रवेश प्रक्रिया चार चरणों में होती है। अभी तक पहला चरण 20 जनवरी से 18 फरवरी तक, दूसरा एक मार्च से 30 मार्च तक, तीसरा 15 अप्रैल से आठ मई तक और चौथा एक जून से 20 जून तक होता था। अंतिम चरण के प्रवेश सात जुलाई तक होते थे। स्कूलों में शिक्षा सत्र पहली अप्रैल से शुरू हो जाता है। ऐसे में तीसरे और चौथे चरण के छात्रों का जब तक प्रवेश होता था, तब तक पढ़ाई शुरू हो चुकी होती थी। देरी से प्रवेश के चलते इन छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती थी। इसलिए सत्र 2025-26 के लिए शासन ने व्यवस्था में बदलाव किया है। अब पहले चरण के आवेदन एक दिसंबर से 19 दिसंबर तक, दूसरे चरण के एक जनवरी से 19 जनवरी तक, तीसरे चरण के एक फरवरी से 19 फरवरी तक और चौथे चरण के एक मार्च से 19 मार्च तक होंगे। पहले चरण के छात्रों को 27 दिसंबर तक, दूसरे चरण के 27 जनवरी तक, तीसरे चरण के 27 फरवरी तक और चौथे चरण के 27 मार्च तक स्कूल आवंटन हो जाएंगे। स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने 31 मार्च तक प्रवेश कराकर एक अप्रैल से बच्चों के नियमित अध्ययन शुरू कराने का आदेश जारी किया है।
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