रेलवे एवं वाणज्यि कर अधिकारियों में छिड़ा 'लेटर युद्ध'
जंक्शन से टैक्स चोरी का माल पकड़ा जाने का विवाद बढ़ता जा रहा है। इन दिनों रेलवे और वाणज्यि कर विभाग के बीच लेटर बम युद्ध छिड़ा है। दोनों विभाग एक-दूसरे को अधिनियम की जानकारियां पत्रों के माध्यम से दे...
जंक्शन से टैक्स चोरी का माल पकड़ा जाने का विवाद बढ़ता जा रहा है। इन दिनों रेलवे और वाणज्यि कर विभाग के बीच लेटर बम युद्ध छिड़ा है। दोनों विभाग एक-दूसरे को अधिनियम की जानकारियां पत्रों के माध्यम से दे रहे हैं। एक-दूसरे को चोर साबित करने में लगे हैं। रेलवे का कहना है, वाणज्यि कर विभाग जंक्शन पर छापामारी नहीं कर सकता है। वहीं वाणज्यि कर अधिकारी जीएसटी आने के बाद हुए बदलाव का हवाला देकर छापेमारी को नियमानुसार बता रहे हैं। कागजी लड़ाई कब शांत होगी। कुछ पता नहीं हैं। रेल मंडल आफिस मुरादाबाद से जंक्शन पार्सल अधीक्षक को आदेश मिले हैं। यदि अगर वाणज्यि कर विभाग के अधिकारी माल छीनते हैं तो उनके खिलाफ आरपीएफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाए।
रेलवे को बदनाम कर रहे वाणज्यि कर अफसर
डीआरएम मुरादाबाद ने वत्ति मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि वाणज्यि अधिकारी जंक्शन परिसर पर आकर पार्सलयान से जबरन माल उठाकर ले जाते हैं। मीडिया में अपने बयान देकर खबर छपवाते हैं कि रेल कर्मचारी व्यापारियों के साथ मिलकर टैक्स चोरी कराते हैं। रेलवे को बदनाम किया जा रहा है। जबकि ऐसा नहीं है। जब रेलवे व्यापारी को माल हैंड ओवर कर दे, उसके बाद ही वाणज्यि कर अधिकारी माल की जांच कर सकते हैं।
जीएसटी आने के बाद हुआ बदलाव
वाणज्यि कर विभाग के एडश्निल कमश्निर ग्रेड-टू एसपी सिंह ने मुरादाबाद रेल मंडल के वरष्ठि वाणज्यि प्रबंधक को पत्र लिखा है। डीआरएम को पत्र आने के बाद जवाब दिया है। पत्र में लिखा है कि जीएसटी लागू होने के बाद माल एवं कर अधिनियम में काफी बदलाव हुआ। जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है, वाणज्यि कर विभाग की टीमें माल एवं कर संबंधी मामले की जांच रेलवे परिसर में कर सकती हैं। बाधा डालने पर 25 हजार का अर्थदंड भी भारत सरकार ने नर्धिारित किया है। रेलवे ट्रांसपोर्ट का काम करता है। माल की जांच नहीं। टैक्स रेलवे नहीं वाणज्यि कर विभाग वसूलता है।
ये था मामला
28 अक्टूबर को वाणज्यि कर विभाग ने जंक्शन पर छापामारा था। जिसमें शंटर पार्सलयान को लेकर यार्ड में भाग गया। जब अधिकारी नाराज हुए तो पार्सलयान को चार नंबर प्लेटफार्म पर वापस लाया गया। ऊना हिमाचल एक्सप्रेस के पार्सलयान में टैक्स चोरी के माल को बचाने के लिए मोहर बदलने के आरोप भी रेल कर्मियों पर लगे। मामला वत्ति मंत्रालय और रेलवे बोर्ड तक पहुंच गया। इसके बाद से अधिकारी एक-दूसरे विभाग को पत्र लिखकर अधिनियम का ज्ञान बांट रहे हैं।
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