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बरेली में जाट रेजीमेंट की बढ़ी ताकत, 24 बटालियन का शुभारंभ

भारतीय सेना के गौरवशाली अतीत और वर्तमान में एक और सुनहरा पन्ना जुड़ गया है। बरेली जाट रेजीमेंट सेंटर ने मंगलवार को अपनी एक और बटालियन का गठन कर लिया। जाट की इस नई बहादुर बटालियन का नाम 24 जाट रखा गया...

Newswrap हिन्दुस्तान, बरेलीWed, 2 Sep 2020 03:16 AM
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भारतीय सेना के गौरवशाली अतीत और वर्तमान में एक और सुनहरा पन्ना जुड़ गया है। बरेली जाट रेजीमेंट सेंटर ने मंगलवार को अपनी एक और बटालियन का गठन कर लिया। जाट की इस नई बहादुर बटालियन का नाम 24 जाट रखा गया है। मंगलवार को जाट रेजीमेंट सेंटर में कर्नल आफ द जाट रेजीमेंट परम विशिष्ट सेवा मेडल अति विशिष्ट सेवा मेडल थलसेना उप प्रमुख एसके सैनी ने ध्वज को फहराकर बटालियन की राइजिंग की। इस दौरान तालियों की गड़गड़ाहट और जवानों की कदम ताल से पूरा मैदान गुंजायमान हो गया। इस दौरान जीओसी यूबी यूरिया, मेजर जनरल 6 माउंटेन डिवीजन, ब्रिगेडियर जाट रेजिमेंट, कर्नल, एडम कमांडेँट समेत सेना की कई यूनिटों के अधिकारी उपस्थित थे।

24 बटालियन में होंगे 850 जवान और अफसरों की पलटन

बरेली जाट रेजीमेंट सेंटर का और विस्तार हो गया है। मंगलवार को को इसकी 24 वी बटालियन खड़ी हो गई। जाट बटालियन में करीब साढे आठ सौ सेना के बहादुर जवान और अफसर रहेंगे। सभी यूनिटों से प्रतिनिधित्व देकर इस शानदार पलटन को खड़ा किया गया है। अब तक जाट रेजीमेंट की 23 बटालियन थीं। 23 बटालियन का गठन 2016 में मुख्य अतिथि के सैनी के द्वारा ही किया गया था। इसके चार साल बाद सेना ने एक और पलटन खड़ी करके जाट के शानदार विस्तार में इतिहास की नई इबारत लिख दी है। अभी जाट रेजीमेंट की 21 नियमित, चार राइफल और दो टीए बटालियन बटालियन थी। 24 जाट नियमित बटालियन के रूप में बनाई गई है।

मुगलों और आतताई से लोहा लेने को अंग्रेजों ने बनाई थी जाट रेजिमेंट

जाट रेजीमेंट की स्थापना 1795 में कलकत्ता नेटिव मिलेशिया के रूप में हुई थी। 1859 में इस यूनिट को एक रेगुलर इंफेंट्री बटालियन बनाकर 18वीं बंगाल इंफेंट्री नाम दिया। 1922 में जब नौ जाट रेजीमेंट की स्थापना हुई तो इसे कुछ समय के लिए चार जाट का नाम दिया। रेजीमेंट की अन्य पुरानी पलटनें जिसमें एक व तीन जाट, बंगाल सेना और दो जाट, बांबे सेना से आई थीं। 1842 के प्रथम अफगान युद्ध में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए लाइट इंफेंट्री का खिताब हासिल किया था। सन् 1892 में फस्र्ट जाट को जाट लाइट इंफेंट्री बनाया। प्रथम विश्वयुद्ध में इसे रॉयल के टाइटल से सम्मानित किया गया। 1817 में दो जाट की स्थापना दस बांबे आर्मी इंफेंट्री के रूप में हुई और 1848 के दूसरे एंग्लो-सिख युद्ध में दो जाट ने मुल्तान का बैटल ऑनर हासिल किया। जाट रेजिमेंट की वर्तमान में 24 बटालियन हैं। बरेली जाट रेजिमेंट सेंटर का मुख्यालय है।

मेडल कह रह हैं रेजिमेंट की शौर्यगाथा

जाट रेजिमेंट को पांच बेटल आनर्स, दो अशोक चक्र, आठ महावीर चक्र, 12 कीर्ति चक्र, 46 शौर्य चक्र, 39 वीर चक्र और 253 सेना मेडल गैलेंट्री से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा रेजिमेंट में चार अर्जुन अवार्ड विजेता, आठ ओलंपियन, दो हिंद केसरी, एक ध्यानचंद अवार्ड, एक तेनजिंग नार्गे अवार्ड के अलावा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं।

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