Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़बरेलीGalan shivers in Bareilly mercury hits 3-1 winter may set another record

बरेली में गलन ने कंपकपाया, पारा 3.1 पर आया, अभी और रिकॉर्ड बना सकती है सर्दी 

कड़ाके की सर्दी ने बरेली में जनजीवन प्रभावित कर दिया है। शनिवार का दिन 11 वर्षों में दिसम्बर का सबसे ठंडा दिन साबित हुआ। जिले में न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री तक गिर गया। दिसम्बर में सर्दी अभी और रिकॉर्ड...

Dinesh Rathour वरिष्ठ संवाददाता, बरेलीSun, 29 Dec 2019 11:55 AM
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कड़ाके की सर्दी ने बरेली में जनजीवन प्रभावित कर दिया है। शनिवार का दिन 11 वर्षों में दिसम्बर का सबसे ठंडा दिन साबित हुआ। जिले में न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री तक गिर गया। दिसम्बर में सर्दी अभी और रिकॉर्ड बनाएगी। शुक्रवार को धूप निकलने से लोगों को कुछ राहत मिली थी मगर शनिवार के दिन तो शीतलहर ने लोगों की कंपकंपी छुड़ा दी। पूरे दिन एक मिनट के लिए भी धूप नजर नहीं आई। दिनभर सर्द हवाओं के चलते लोग गर्म कपड़ों में लिपटे रहने को मजबूर रहे। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के कारण गलन इतनी ज्यादा थी कि घर से बाहर खड़े रहना मुश्किल था। ऊपर से कोहरे ने लोगों की परेशानी और ज्यादा बढ़ा दी।

2018 में दिसम्बर का न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री तक गिरा था। शनिवार को यह रिकॉर्ड भी टूट गया। न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री गिरकर 3.1 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 14 डिग्री कम है। वहीं अधिकतम तापमान 4.8 डिग्री गिरकर 8.3 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 14 डिग्री कम है।
ओपीडी में दुगने हुए मरीज: जिला अस्पताल में चेस्ट की ओपीडी में इन दिनों मरीजों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है। इन दिनों 200 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। 

11 वर्षों में दिसम्बर का न्यूनतम तापमान

  • 2019    3.1 डिग्री
  • 2018    3.2 डिग्री
  • 2017    5.3 डिग्री
  • 2016    7.1 डिग्री
  • 2015    7.7 डिग्री
  • 2014    5.2 डिग्री
  • 2013    5.0 डिग्री
  • 2012    4.2 डिग्री
  • 2011    6.4 डिग्री
  • 2010    7.2 डिग्री
  • 2009    5.4 डिग्री

पहले कोहरा, फिर बारिश का साया

मौसम विज्ञान विभाग के डायरेक्टर जेपी गुप्ता ने बताया कि फिलहाल सर्दी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। अभी एक-दो दिन कोहरा लोगों को परेशान करेगा। पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण गलन बहुत ज्यादा रहेगी। दोपहर में कुछ देर को धूप निकल सकती है। पहली और दूसरी जनवरी को बारिश होने की भी संभावना है। इससे सर्दी और बढ़ जाएगी।

अलाव जलवाने की उठाई मांग

सर्दी से बचाने के लिए प्रशासन के प्रयास अभी नाकाफी नजर आ रहे हैं। अभी अलाव भी बहुत कम जगह पर ही जलाए गए हैं। सोसायटी फॉर रूरल वेलफेयर के अध्यक्ष मोहित अग्निहोत्री ने प्रशासन से अलाव जलाने की मांग की है। यूथ पावर के अध्यक्ष गौरव सक्सेना ने भी अलाव और कंबल की व्यवस्था करने की मांग उठाई है। .

ठंड के साथ ही बढ़े एलर्जी और सांस के मरीज 

ठंड के मौसम में शहर का बढ़ता प्रदूषण लोगों की सांसों में जहर घोलने का काम कर रहा है। जिला अस्पताल में इन दिनों सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल के चेस्ट फिजिशयन डा. वीके धस्माना ने बताया कि वातावरण में नमी बढने से सांस के मरीजो को परेशानी हो रही है। वातावरण में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर सांस के जरिए शरीर के अंदर जाकर श्वांस नली और फेफड़ो में एलर्जी का कारण बनती है। इसके अलावा सर्दियों में त्वचा कई तरह की एलर्जी का शिकार होने लगती है। त्वचा विशेषज्ञ डा. सुधांशू मोहन शुक्ला ने बताया कि इस मौसम में  डर्मेटाइटिस, एग्जीमा, त्वचा में दरार या चकत्ते पड़ना, खुजली होना आदि शामिल हैं। अक्सर त्वचा में नमी कम होने से यह दिक्कत होती है। इसके अलावा सर्दियों में सामान्य एलर्जी नाक से होती है, जिसे नेजल ब्रॉनकियल एलर्जी कहते हैं। इसमें नाक बहना, छींक आना, आंखों से पानी, नाक में खराश, थकावट आदि होने की समस्या होती है।  

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