बरेली में बुकिंग के 10 दिन बाद भी नहीं मिल रहा सिलेंडर, खबर में जानें इसकी वजह
बिहार बॉर्डर पर पुल टूटने से भारत पेट्रोलियम के उपभोक्ताओं के आगे गैस की किल्लत खड़ी हो गई है। आवेदन करने के 10-10 दिन बाद भी लोगों को गैस सिलेंडर नहीं मिल रहे हैं। बिहार में बार्डर पुल टूटने...
बिहार बॉर्डर पर पुल टूटने से भारत पेट्रोलियम के उपभोक्ताओं के आगे गैस की किल्लत खड़ी हो गई है। आवेदन करने के 10-10 दिन बाद भी लोगों को गैस सिलेंडर नहीं मिल रहे हैं। बिहार में बार्डर पुल टूटने कारण सड़क यातायात पूरी तरह से बंद है। बीपीसीएल के गैस कैप्सूल की सप्लाई पश्चिमी बंगाल में हल्दिया रिफाइनरी से बरेली, मुरादाबाद समेत तमाम जिलों में आती है। यहां गैस प्लांट पर सिलेंडर में रिफलिंग की जाती हैं।
करीब दो सप्ताह हो गए हैं। गैस कैप्सूल पहुंचने में पांच-पांच दिन लग रहे हैं। अगर बरेली जिले की बात करें तो यहां करीब सवा लाख बीपीसीएल के उपभोक्ता हैं। बरेली मंडल में करीब पांच लाख हैं। मुरादाबाद मंडल के भी कई जिलों में यहीं से गैस की सप्लाई जाती है। उत्तराखंड के कई इलाके में भी काफी जगह गैस के सप्लाई बरेली से ही रिफलिंग के बाद दी जाती है। हालांकि कुछ सालों से गैस की बुकिंग के दो से तीसरे दिन बाद सिलेंडर की डिलीवरी उपभोक्ता को दी जा रही थी। जब गैस कैप्सूल ही समय पर नहीं आ रहे हैं तो सिलेंडरों में रिफलिंग प्रभावित होने लगी।
बीपीसीएल के उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। टेरेट्री मैनेजर संजय ठाकुर का कहना है, बीपीसीएल की पश्चिमी बंगाल में हल्दिया के पास रिफाइनरी है। वहां कहीं पुल टूटने के कारण 70-80 गैस कैप्सूल रोक दिए गए हैं। एक-दो गैस कैप्सूल निकाले जाते हैं। वह भी पटना होकर बरेली पहुंचते हैं। इसलिए पांच-पांच दिन लगते हैं। यही वजह है जो बीपीसीएल सिलेंडर की सप्लाई में देरी हो रही है।
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