बरेली कॉलेज के स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम में निदेशक नियुक्त करने पर शासन ने मांगी रिपोर्ट
Bareily News - बरेली कॉलेज के स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम में निदेशक नियुक्ति विवाद में है। जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत के बाद शासन ने रुहेलखंड विश्वविद्यालय से रिपोर्ट मांगी है। शिकायत में वित्तीय अनियमितता, प्रबंध...
बरेली कॉलेज के स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम में निदेशक नियुक्त करने का मामला एक बार फिर विवाद में घिर गया है। जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत के बाद शासन ने रुहेलखंड विश्वविद्यालय से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है। विश्वविद्यालय ने बरेली कॉलेज को पत्र भेज कर यह पूछा है कि किस नियम के तहत यह पद सृजित किया गया है। जनसुनवाई पोर्टल पर अनुज कुमार नाम के व्यक्ति ने एक शिकायत की है। उन्होंने बरेली कॉलेज में स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के निदेशक द्वारा वित्तीय अनियमितता करने, प्रबंध समिति का कार्यकाल वर्ष 2020 में समाप्त हो जाने, क्राइम ब्रांच की जांच, शासनादेश के विपरीत निर्णय लेकर विद्यार्थियों की फीस का दुरुपयोग करने सहित पांच बिंदु उठाए हैं। शासन ने रुहेलखंड विश्वविद्यालय को शिकायत भेज रिपोर्ट मांगी है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने बरेली कॉलेज प्राचार्य को पत्र जारी कर बिंदुवार आख्या तलब की है। उन्होंने पूछा है कि विश्वविद्यालय परिनियमावली/नियमावली के किस नियम के अंतर्गत आपके कॉलेज में स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के निदेशक का पद सृजित है। वर्तमान में कार्यरत स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के निदेशक डॉ. एपी सिंह को विश्वविद्यालय से जारी अनुमोदन पत्र की प्रति भी उपलब्ध कराने को कहा गया है।
अवैध घोषित कर चुका है विश्वविद्यालय
बरेली कॉलेज प्रबंध समिति ने बीते वर्ष 21 मई को पूर्व प्राचार्य प्रो अनुराग मोहन को सेल्फ फाइनेंस कोर्सों का निदेशक बनाया था। उन्हें समस्त वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार दिए गए थे। बरेली कालेज के प्राचार्य प्रो ओपी राय ने यूनिवर्सिटी को पत्र भेजकर अपनी आपत्ति जाहिर की थी। प्राचार्य ने प्रबंध समिति के आदेश को शासनादेश के विरुद्ध बताया था। प्राचार्य की आपत्ति के बाद यूनिवर्सिटी ने जांच कर स्वपोषित पाठ्यक्रमों के लिए अलग से डायरेक्टर बनाने के फैसले को अवैधानिक ठहराया था। हालांकि उसके बाद भी प्रबंध समिति निदेशक की नियुक्ति करती रही।
निदेशक से मांगा गया है जवाब: प्राचार्य
इस बारे में प्राचार्य प्रो. ओपी राय ने बताया कि मुख्यमंत्री संदर्भ के संबंध में कुलसचिव का पत्र प्राप्त होने के बाद उन्होंने स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के निदेशक डॉ. एपी सिंह से तीन दिनों में जवाब देने को कहा है। रविवार को उसकी समय सीमा समाप्त हो गई। उनका उत्तर आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
भ्रष्टाचार के सभी आरोप हैं झूठे
इस बारे में डॉ. एपी सिंह ने कहा कि प्रबंध समिति सचिव ने मुझको निदेशक बनाया है। मेरे ऊपर लगे भ्रष्टाचार के सभी आरोप झूठे हैं। सभी का उत्तर दे दिया जाएगा।
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