दुश्वारियों से थोक कपड़ा कारोबारी हलकान, निगम से चाहते हैं समाधान
Bareily News - बरेली के कटरा मानराय बाजार में थोक कपड़ा व्यापारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां शौचालय, पार्किंग और जल निकासी जैसी सुविधाओं की कमी है। बाजार में जाम, अतिक्रमण और बिजली के तारों का...
बरेली में होलसेल कपड़ा कारोबारियों का सबसे बड़ा मार्केट कटरा मानराय है। यहां 400 से अधिक दुकानें हैं, जिनमें पांच हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, रामपुर, संभल किच्छा, कुमायूं समेत उत्तराखंड से रोजाना करीब 20 हजार लोग यहां व्यापार करने आते हैं। इसके बावजूद यहां जनसुविधाओं की भारी कमी है। बाजार में काम करने वाले पुरुष व महिलाओं के लिए एक भी उचित शौचालय नहीं है। पार्किंग की गंभीर समस्या है। दुकानों के सामने तारों का मकड़जाल है। कुत्ते, बंदर और निराश्रित गोवंशों का आतंक हैं। बरेली में जब भी किसी को होलसेल कपड़ा व्यापारियों के यहां जाना होता है तो वह कटरा मानराय पहुंचता है। इसे शहर के व्यापार की नींव कहा जाए तो भी गलत नहीं होगा। शहर की बड़ी अर्थव्यवस्था भी इसी बाजार से जुड़ी हुई है। करोड़ों का टर्नओवर करने वाले इस बाजार के व्यापारी सरकार को हर साल बड़ी रकम टैक्स के रूप में अदा करते हैं। आसपास के जिलों समेत उत्तराखंड के कुछ जिलों के फुटकर विक्रेता व छोटे दुकानदार खरीदारी के लिए दूर-दराज से इस बाजार में पहुंचते हैं। थोक में खरीदे गए कपड़ों को फुटकर में बेचकर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं और परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इस बाजार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोग जुड़े हुए हैं। व्यापारी बार-बार समस्याओं को लेकर संबंधित विभागों में शिकायत करते हैं, लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा है। कटरा मानराय बाजार के व्यापारी ऐसे हालात से परेशान हैं। वे सवाल उठा रहे हैं कि उनकी समस्याओं का समाधान कब तक होगा और उन्हें कब तक राहत मिलेगी?
यहां बाजार में आने वाले लोगों के लिए एक भी शौचालय नहीं है। यदि किसी को शौचालय जाना हो तो उसे पैदल गली नवाबन तक जाना पड़ेगा। वहां भी पुरुष तो किसी तरह काम चला लेंगे, लेकिन महिलाओं के लिए समस्या गंभीर हो जाती है। इस बाजार में एक हजार से अधिक महिला कर्मचारी काम करने आती हैं। दुकानदार लंबे समय से बाजार में शौचालय बनाए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन यह छोटी सी समस्या अब तक हल नहीं हो पाई है। व्यापारियों का कहना है कि यदि नगर निगम शौचालय बनाना चाहे तो जमीन भी उपलब्ध है।
इसी तरह बाजार में जल निकासी की गंभीर समस्या बनी हुई है। बाजारों की जल निकासी व्यवस्था आपस में जुड़ी हुई है, लेकिन लंबे समय से नाले-नालियों की सफाई न होने के कारण उनमें सिल्ट जमा हो गई है। इससे हर समय भयंकर दुर्गंध उठती रहती है। व्यापारियों ने कई बार स्थानीय पार्षद और नगर निगम अधिकारियों से शिकायत कर नाले-नालियों की सफाई करवाने और जल निकासी का सुव्यवस्थित इंतजाम करने की मांग की लेकिन कुछ हुआ नहीं। मौजूदा हालात से व्यापारी बेहद परेशान हैं। इसके अलावा, सड़क पर फैला कूड़ा-कचरा भी व्यापारियों के लिए मुसीबत बन गया है। कूड़े की वजह से बाजार की सूरत बिगड़ रही है और कारोबार पर असर पड़ रहा है।
शौचालय की व्यवस्था न होने से लोगों को परेशानी
कटरा मानराय बाजार में सार्वजनिक शौचालय की समस्या भी आम है। व्यापारियों ने कुछ दूरी पर गली नवाबन में एक टॉयलेट बनाया है, लेकिन महिलाओं के लिए वह भी नहीं है। शौचालय न बने होने से सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को होती है। व्यापारियों ने बताया कि बाजार के पास में स्थित डलावघर पर नगर निगम शौचालय बनवा सकता है।
बिजली के तारों का मकड़जाल
शहर के सबसे पुराने बाजार में वैसे तो समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। लेकिन, यहां बिजली के तारों का मकड़जाल किसी ऐतिहासिक चीज से कम नहीं है। दोपहर में बिजली के तारों पर झूलते बंदर इस दृश्य को और भी खतरनाक बना देते हैं। व्यापारियों के अनुसार कई साल पुराने कटरा मानराय स्थित कपड़ा बाजार के ऊपर से बिजली के खुले तारों का गुच्छा जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि अगर बिजली के तार और इंटरनेट केबल अंडरग्राउंड या बंच केबल डाल दी जाए, तो हालात सुधरेंगे। वहीं हादसों में भी कमी आएगी।
पार्किंग की समस्या बनी बड़ी मुसीबत
शहर के पुराने बाजारों में पार्किंग की समस्या गंभीर बनी हुई है। दुकानदारों और ग्राहकों को पर्याप्त पार्किंग सुविधा न मिलने से बाजारों में हर समय जाम लगा रहता है। व्यापारियों का कहना है कि बाजार की सड़कें बहुत चौड़ी नहीं हैं। जब ग्राहक सामान खरीदने आते हैं, तो अपने वाहन सड़क किनारे खड़े कर देते हैं, जिससे यातायात बाधित हो जाता है। व्यापारियों को प्रतिदिन छह से सात घंटे तक जाम की परेशानी झेलनी पड़ती है। यहां से दोपहिया वाहन निकालना भी मुश्किल हो जाता है, जबकि चार पहिया वाहन लेकर बाजार से गुजरना लगभग असंभव हो जाता है। व्यापारी बताते हैं कि पार्किंग न होने से ग्राहक बाजार आने से कतराने लगे हैं, जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है।
ड्रेनेज सिस्टम नहीं, हल्की बारिश में भर जाता पानी
व्यापारियों ने बताया कि सीवर लाइन चोक होने के साथ ही यहां ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल है। हल्की सी बारिश होने पर जलभराव हो जाता है। नाले-नालियां जाम होने के कारण पानी की निकासी नहीं हो पाती है। लोगों की दुकानों तक पानी घुस जाता है। नगर निगम की ओर से एक बार भी इस पर गंभीरता नहीं दिखाई गई।
बाजार का सुंदरीकरण होगा तो व्यापार भी बढ़ेगा
जिस तरह दूसरें जिलों के बाजारों को सुंदरीकरण किया गया है। उसी तरह स्मार्ट सिटी में शामिल बरेली के सभी बाजारों पर भी प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। यहां के व्यापारियों से टैक्स तो लिया जाता है, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं दिया जाता है। अगर बाजार का सुंदरीकरण होता तो यहां का व्यापार भी बढ़ेगा।
बाहरी व्यापारी खींच रहे कदम
व्यापारियों ने बताया कि जीएसटी विभाग के रडार पर कपड़ा कारोबारी रहते हैं। बाहर भेजे जाने वाले माल को आए दिन बेवजह रोका जा रहा है। पर्याप्त दस्तावेज होने के बावजूद कोई सुनने को तैयार नहीं होता है। कई-कई दिन तक गाड़ियां माल के साथ खड़ी रहने से नुकसान होता है। इससे बाहर के कारोबारी शहर से माल खरीदने में कदम पीछे खींच रहे हैं।
जाम और अतिक्रमण से लोगों को मिले निजात
कटरा मानराय बाजार में जाम और अतिक्रमण हावी है। सड़कों पर बेतरतीब खड़े वाहनों से आवागमन बाधित होता है। जिसके चलते जाम लग जाता है। व्यापारियों ने बताया कि बाजार में 400 से अधिक दुकानें हैं। जिनमें पांच हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं। उनके वाहन खड़े होने की जगह नहीं है। ऐसे में मजबूरी में उन्हें दुकानों के बाहर या गलियों में वाहन खड़े करने पड़ते हैं। जिससे बाजार में जाम लगता है। बाजार में दोनों ओर दुकानें और छोटी-छोटी गलियां हैं। व्यस्त बाजार होने के कारण यहां हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में दुकानदार और ग्राहक दोनों ही परेशान हैं। स्थानीय लोगों का बाजार से निकलना भी दूभर है। दोपहर बाद स्थिति बेलगाम हो जाती है। लोगों का कहना है कि अगर बाजार में कुछ ट्रैफिक पुलिसकर्मी व्यवस्था संभाल लें, तो जाम की समस्या थोड़ी कम हो सकती है।
ठेला , ढकेल के साथ ई-रिक्शा से अतिक्रमण की समस्या
संकरा बाजार होने के बावजूद लोगों ने दुकानों के आगे भी ठेल-ढकेल लगा रखी हैं। स्थानीय दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठानों को नालियों से कई फुट तक बाहर निकाल रखें हैं। जिससे मुख्य सड़क पर आवागमन के लिए जगह ही नहीं मिलती। जब जाम लगता है तो पैदल लोगों को भी निकलने तक की जगह नहीं मिलती।
दोपहर तक नहीं होता कूड़े का उठान होती है दिक्कत
व्यापारियों ने बताया कि यहां नियमित साफ-सफाई नहीं होती। सफाईकर्मियों का कोई अता पता नहीं है। दुकानदारों ने सफाई के लिए अपने स्तर से इंतजाम कर रखे हैं। स्थानीय स्तर पर कई बार शिकायत भी है। लेकिन, कोई सुनने वाला नहीं है। बाजार में आने वाले खरीदारों और दुकानदारों को काफी परेशानी होती है।
शिकायतें:
1- पार्किंग न होने से लोग यहां आने से कट रहे
2- बिजली के तारों का मकड़जाल व जर्जर खंभों से बना रहता है खतरा
3- पुराने बाजार में एक भी शौचालय नहीं होने से होती परेशानी
4- हर समय जाम की समस्या बनी रहती है
5- इतने बड़े बाजार में अग्निशमन की नहीं है कोई व्यवस्था
6- ई-रिक्शा, हथठेला, रिक्शा के कारण होती है समस्या
7- सीवर लाइन चोक होने से भर जाता है सड़क पर गंदा पानी
8- पानी पीने के लिए भी नहीं है बाजार में कोई व्यवस्था
9- नगर निगम की ओर से नियमित सफाई न होने से फैली रहती है गंदगी
10- जीएसटी अफसरों की कार्यशैली से लगातार होता है उत्पीड़न
सुझाव:
1- झूलते तारों व जर्जर खंभों से निजात दिलाकर बंच केबल या अंडरग्राउंड केबल डाली जाए
2- व्यापारियों के लिए कुतुबखाना मंडी में मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाई जाए
3- जाम से राहत के लिए वनवे व्यवस्था लागू कर ट्रैफिक पुलिस या गार्ड तैनात किए जाए
4- नगर निगम अगर प्याऊ की व्यवस्था करें तो व्यापारी भी उसमें सहयोग देने को तैयार
5- डलावघर के पास नगर निगम को लेडीज व जेंट्स दोनों के लिए शौचालय बनाना चाहिए
6- कटरा मानराय स्थित कपड़ा बाजार का हो कायाकल्प, दो गार्ड या ट्रैफिक पुलिस तैनात की जाए
7- केंद्र सरकार ने जिस तरह बजट में सहूलियत दी है वैसे ही नगर निगम भी सभी को राहत देने का काम करें।
8- नगर निगम ने जीआई सर्वे कराकर टैक्स काफी बढ़ा दिया है, लेकिन उस तरह से सुविधाएं नहीं दे रहा
9- चोक सीवर लाइन को सही कराने के साथ ही ड्रेनेज व्यवस्था को दुरुस्त कराया जाए
10- अग्निशमन की व्यवस्था कराने के साथ ही ई-रिक्शा आदि की इंट्री पर रोक लगाई जाए
व्यापारियों की बात:
बाजार में जग-जगह तार लटक रहे हैं। झूलते तारों को हटाकर बंच केबल डाली जाए। जर्जर खंभों को भी बदला जाए। - राजेश मेल्होत्रा
बाजार में टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। इसे बनाने के साथ ही महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट भी बनाई जाए। - वासुदेव देवनानी
बाजार में अगर कोई घटना होती है तो पुलिस गश्त बढ़ा देती है। फिर बंदकर देती है। दिन में भी पुलिस की गश्त होनी चाहिए। - नरेश कुमार
बाजार में गंदगी का अंबार है। सीवर लाइन और नालियां चोक है। शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती है। - नीरज खुराना
बाजार में जाम बड़ी समस्या है। प्रशासन को यहां नियमित तौर पर यातायात पुलिस कर्मी की तैनाती करनी चाहिए। - राजू साहनी
बाजार में पार्किंग न होना बड़ी समस्या है। यहां रोजाना जाम लगता है। जिससे व्यापार भी प्रभावित होता है। इसकी व्यवस्था की जाए। - मोहित कपूर
अन्य शहरों की तरह यहां भी बाजार का सुंदरीकरण किया जए। यहां व्यापारियों से टैक्स तो लिया जाता है, लेकिन सुविधा नहीं दी जाती। - प्रवीण जैन
ई-रिक्शा वालों ने बाजार की तस्वीर ही बिगाड़ दी है। इनकी अराजकता से कारोबारी-ग्राहक दोनों ही परेशान हैं। - गुरदीप सिंह
पार्किंग न होने से आराजकता का माहौल दिखता है। यातायात पुलिस को व्यापारियों की समस्या से कोई मतलब नहीं है। - राजीव अरोरा
टैक्स देने के बाद भी सुविधा के नाम पर व्यापारियों को कुछ भी नहीं मिलता है। हमारी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं देता। - राहुल अग्रवाल
यूरिनल न होने से काफी परेशानी होती है। कई बार पार्षद समेत अधिकारियों को बताया लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई। - मनोज कुमार
बाजार में बिजली के पोल जर्जर हालात में खड़े हैं। तार का मकड़जाल फैला हुआ है, कभी भी हादसा होने का डर रहता है। - सुरेश गुप्ता
व्यापारियों से केवल टैक्स वसूला जाता है पर सुविधा के नाम पर कुछ नहीं दिया जाता है। कोई भी ध्यान नहीं देता है। - परमिन्दर सिंह
राजस्व देने में उद्यमी पीछे नहीं है, इसके बावजूद समस्याओं का जाल बिछा है। मामूली सुविधाएं भी नहीं मिल रहीं हैं। - जसप्रीत सिंह
अधिकारियों को अन्य जिलों से सीख लेने की जरूरत है। व्यापारियों की समस्याओं का समाधान करने को कोई गंभीर नहीं रहता। - लवीन खन्ना
हल्की बारिश में ही पानी भर जाता है। नाले-नालियां जाम होने से पानी की निकासी नहीं हो पाती है। यह बड़ी समस्या है। - जसपाल सिंह
बाजार में जाम और अतिक्रमण की समस्या सबसे ज्यादा है। साफ-सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। - प्रभजोत सिंह
स्मार्ट सिटी के तहत कटरा मानराय को भी चिन्हित किया जाना चाहिए। बाजार में खुले तार हादसों को न्यौता दे रहे हैं। - अंशुल
कपड़ा होलसेल का मुख्य बाजार होने के बाद भी यहां मूलभुत सुविधाओं का अभाव है। स्मार्ट सिटी के नाम पर बाजार में कुछ नहीं है। - सन्नी भाटिया
सबसे पहले तो बाजार को स्मार्ट बनाया जाए। यहां बिजली के जाल का जंजाल खत्म हो। अतिक्रमण और जाम की समस्या दूर हो। - नवीन अरोड़ा
बाजार में ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करने के साथ ही पार्किंग की व्यवस्था की जाए, शौचालय का निर्माण किया जाना बहुत जरूरी है। - आदित्य गुप्ता
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