हर परिस्थिति में भगवान को दे धन्यवाद: आचार्य मृदुल कृष्ण
Bareily News - प्रभु सेवा और सत्संग से जीवन में जुड़े रहने की आवश्यकता है। भक्ति से दुख सहने की शक्ति मिलती है। त्रिवटीनाथ मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य मृदुल कृष्ण शास्त्री ने सत्य, अहिंसा और प्रभु...
प्रभु सेवा और सत्संग से जीव को जीवन में सदैव जुड़े रहना चाहिए। हमें हर परिस्थिति में भगवान को धन्यवाद देना चाहिए। भक्ति करने से ऐसा नहीं है कि जीवन में कोई दुख ही नहीं आता है। दुख तो आ सकता है लेकिन भक्ति करने वाले को उस दुख को सहने की शक्ति आ जाती है, तथा उस दुख का अनुभव नहीं होता है। यह बातें त्रिवटीनाथ मंदिर में हो रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास आचार्य मृदुल कृष्ण शास्त्री ने कही। श्री राधा संकीर्तन मंडल ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर कथा व्यास ने नारद व्यास संवाद एवं श्री राधा नाम की महिमा बताते हुए कहा कि श्री राधा जी ही साक्षात श्रीधाम वृंदावन है। श्री शालिग्राम जी की महिमा का वर्णन करते हुए उनकी सेवा अवश्य करने को कहा। श्रीमद्भागवत का महत्व बताने के साथ ही बताया कि श्रीमद्भागवत में कहा गया है कि सदैव सत्य का ध्यान करें व सत्य का पालन करें। सनातन धर्म भी सदा सत्य है। सनातन धर्म के अंतर्गत सत्य आचरण, अहिंसा न करना, प्रभु सेवा, अच्छे आचरण आदि बातों पर बहुत जोर दिया है। कथा श्रवण करने वालों में मुख्य रूप से महामंत्री अनुज अग्रवाल, कथा के यजमान राकेश कुमार अग्रवाल, उर्मिला अग्रवाल, राजेंद्र कुमार अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल, कथा संयोजक प्रेम शंकर अग्रवाल, सुधीर गोयल, विकास अग्रवाल, मीडिया प्रभारी रिशुल अग्रवाल आदि रहे।
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