बजट विशेष: स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम: चार लाख आबादी को मिलेगी जलभराव से मुक्ति
Bareily News - स्मार्ट सिटी बरेली को जलभराव से मुक्ति दिलाने के लिए अर्बन फ्लड और स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना शुरू की गई है। 18 से 22 वार्डों में 4 लाख से अधिक लोगों को राहत मिलेगी। प्रदेश सरकार ने योजना के लिए एक...
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स्मार्ट सिटी बरेली को जलभराव से मुक्ति करने के लिए अर्बन फ्लड और स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना ने बड़ी राहत दी है। बारिश में जलभराव के संकट से जूझ रहे 18 से 22 वार्डों में रहने वाली 4 लाख से अधिक आबादी को राहत मिलने जा रही है। प्रदेश सरकार ने योजना में एक हजार करोड़ का प्रावधान किया है। बरेली से शासन को स्वीकृत के लिए भेजे 65 करोड़ मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। जिसके तहत ढाई से तीन किलो मीटर लंबे नाले का निर्माण किया जाना है। शहर में बदहाल पड़े ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने के लिए नगर निगम ने बड़ी प्लानिंग पर काम शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है। अर्बन फ्लड जलप्लावन नियंत्रण स्ट्रार्म वाटर ड्रेनेज योजना के तहत हर वार्ड में मास्टर एक्शन प्लान बनाने की कवायद तेज हो गई है। ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर करने के लिए योजना पर काम किया जा रहा है। स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम की जो रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। शहर को जलभराव की समस्या से मुक्ति दिलाने का खाका तैयार करके शासन को भेजा जा चुका है। ढाई से तीन किलो मीटर लंबे नाले का निर्माण किया जाना है। ये नाला मुंशीनगर से सौ फुटा होते हुए वीर सांवरकर नगर स्थित बड़े नाले से जुड़ेगा। इनमें करीब 12 से 17 वार्ड के मोहल्ले शामिल होंगे। सीएंडडीएस के इंजीनियर नरेंद्र कुमार का कहना है कि 2.3 किमी लंबे नाले का एस्टीमेट बनाकर शासन को भेज गया। ये नाला मुंशीनगर से सौ फुटा और वीरसांवरकर नगर होते हुए बनेगा। नाला सड़क के दोनों साइड पर बनेगा और नाले कवर्ड होगा। दोनों नालों पर 65 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
हर वार्ड का तैयार किया जा रहा मास्टर एक्शन प्लान
शासन के निर्देश पर नगर निगम और सीएंडडीएस संयुक्त रूप से हर वार्ड का एक मास्टर एक्शन प्लान तैयार करने में लगा है। शासन स्तर पर इस प्रोजेक्ट को विकसित करने को कंसल्टेंट एजेंसियों का चयन किया जा चुका है। वार्ड की जनसंख्या के आधार पर हरियाली, पानी की सप्लाई और निकासी का आंकलन करके प्लान बनाने की कवायद तेज हो गई है। सीएंडडीएस और नगर निगम की टीम इनके लिए तैयारी शुरू कर दी है। वार्डों की संख्या, इनके मानचित्र के रिकॉर्ड लिए जा रहे हैं। इसके बाद बीडीए के मास्टर प्लान 2031 का आकंलन टीम करेगी।
ऐसे होगा काम
डाटा कलेक्शन:
सर्वे कर डाटा कलेक्शन किया जाएगा। वार्ड से संबंधित जानकारी होगी। यह डाटा वार्ड के साथ निगम अफसरों से भी जुटाया जाएगा। उद्देश्य यह है कि पता चल सके कि वार्ड में जल निकासी के प्रबंधन क्या हैं।
परियोजना तैयार करना:
सर्वे और डाटा कलेक्शन के वक्त प्राप्त समस्याओं को दूर करने के लिए प्रोजेक्ट लिस्ट होगा। इसमें उल्लेख होगा कि वार्ड के किस हिस्से में कितनी जलभराव की परेशानी है और समाधान कैसे हो।
अनुमानित खर्च का एस्टीमेट:
अर्बन फ्लड जलप्लावन नियंत्रण स्ट्रार्म वाटर ड्रेनेज योजना के तहत आने वाले खर्च का एस्टीमेट तैयार कराया गया। कितने नाले नये बनेंगे और बाकी ड्रेनेज सिस्टम कितने समय में पूरा होगा और क्या काम पहले होगा, इसका प्रपोजल शासन को भेजा गया है।
वर्जन
शासन के दिशा निर्देश अनुसार जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। सीएंडडीएस की टीम के साथ इस योजना पर काम होगा। 65 करोड़ का प्रस्ताव ड्रेनेज सिस्टम को लेकर शासन में गया है।
संजीव कुमार मौर्य, नगरायुक्त
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