सेनानी के बलिदान के गवाह वृक्ष को स्मृति वाटिका बनाने की मांग
बाराबंकी के ओबरी ग्राम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा वीरभद्र सिंह चहलारी नरेश की स्मृति में 200 वर्ष पुराना पीपल वृक्ष स्मृति वाटिका के रूप में विकसित करने की मांग की गई। डीएम को ज्ञापन सौंपा...
बाराबंकी। ओबरी ग्राम स्थित अप्रतिम शौर्य, साहस व वीरता के पर्याय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा वीरभद्र सिंह चहलारी नरेश के बलिदान का साक्षी करीब 200 वर्ष पुराने पीपल वृक्ष को स्मृति वाटिका के रूप में विकसित करने की मांग को लेकर डीएम को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान उन्हे राजा बलभद्र के स्वतंत्रता में योगदान के विषय में अवगत कराया गया। डीएम को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि पहले चहलारी अब महसी के नाम से जाने गए क्षेत्र के निवासी राजा बलभद्र सिंह चहलारी नरेश के प्राणों का उत्सर्ग देखने वाला इस धरती पर स्थित 200 वर्षों से अधिक प्राचीन पीपल का यह वृक्ष पूज्यनीय है। यह विशाल वृक्ष अंग्रेजों की निर्मम कार्यवाहियों तथा वतन पर जीवन न्यौछावर करने वाले रणबांकुरों के शहादत की कहानि को अपने में समेटे, एकमात्र जीवित गवाह है। जिले के गौरवशाली इतिहास को बयां करने वाला यह स्थान एवं वृक्ष अमृत काल व्यतीत हो जाने के बाद भी उपेक्षित है। यहां से गुजरते लोगों को इस स्थल एवं वृक्ष के गौरवशाली अतीत का ज्ञान तक नहीं है। वर्तमान केन्द्र एवं राज्ट सरकार की प्राथमिकताओं में है। मांग की गई कि उक्त 200 वर्ष से अधिक प्राचीन पीपल वृक्ष के ऐतिहासिक चबूतरे का देश के लिए प्राण की आहुति देने वाले शहीद राजा बलभद्र सिंह चहलारी की याद में जीर्णोद्धार कर स्थल को स्मृति वाटिका के रूप में विकसित एव सौन्दर्यीकृत किया जाए। यह छोटा सा प्रयास बाराबंकी वासियों द्वारा मां भारती के सपूतों को सच्ची श्रद्धांञ्जलि होगी। ज्ञापन देने वालों में संतोष कुमार सिंह, उदय प्रताप सिंह, विनय कुमार वर्मा, विवेक विक्रम सिंह, अजित कुमार सिंह, रामकुमार तिवारी, विजय कुमार सिंह, पीयूष शुक्ला, प्रदुम्न कुमार सिंह, अतुल कुमार, हरीश कुमार मिश्र, श्रीनिवास त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
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