विश्व शांति दिवस के रूप में मनी ब्रह्मा की 54वीं पुण्य तिथि
Barabanki News - फतेहपुर में ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने प्रजापिता ब्रह्मा की 54वीं पुण्य तिथि को विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया। संचालिका शीला बहन ने बताया कि ब्रह्मा बाबा का जन्म 1876 में हुआ था और...
फतेहपुर। ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के फतेहपुर सेवा केंद्र पर प्रजापिता ब्रह्मा की 54वीं पुण्य तिथि विश्व शांति दिवस के रूप में मनायी गई। राजयोग केंद्र की संचालिका शीला बहन ने ब्रह्मा बाबा का परिचय देते हुए बताया कि इनका लौकिक नाम दादा लेखराज था। इनका जन्म 1876 में सिंध प्रांत के हैदराबाद में कृपालानी परिवार में हुआ। कुशाग्र बुद्धि के कारण वह हीरे जवाहरात के प्रसिद्ध व्यापारी बन गए। वह परोपकारी, भक्ति भावना व शुद्ध सात्विक व्य्त्तितव के धनी थे। 60 वर्ष की उम्र में परमपिता शिव ने इन्हें सृष्टि की पांच विकारों से मुक्त कराने के लिए अपना माध्यम बनाया। इन्हें अलौकिक प्रजापिता ब्रह्मा नाम मिला। ईश्वरीय आज्ञानुसार उन्होंने वर्ष 1937 में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय कर सम्पूर्ण जीवन विश्व परिवर्तन के महायज्ञ में स्वाहा कर दिया। शीला बहन ने बताया की बाबा ने गीता ज्ञान को पूर्ण रूप से धारण किया। 18 जनवरी 1969 को 93 वर्ष की आयु में ब्रह्मा बाबा ने कर्मातीत अवस्था को प्राप्त किया। इस तिथि को देश विदेश के सभी सेवा केंद्र ब्रह्मा वत्स तपस्या मास के रूप में मनाते है।
इस अवसर पर सेंटर में फूलों से मोहक श्रंगार किया गया। श्रद्धालुओं ने बाबा की शिक्षाओं को धारण करने का संकल्प लेकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। प्रसाद वितरण कर कार्यक्रम का समापन हुआ।
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