ग्राम पंचायतों ने शासन की प्राथमिक योजना को लेकर नहीं कराया निर्माण कार्य, स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहाल ही नहीं शिक्षक
Barabanki News - बाराबंकी में कई विद्यालयों की चाहरदीवारी का निर्माण नहीं होने से विद्यार्थियों की सुरक्षा खतरे में है। 2019 में शुरू की गई कायाकल्प योजना के तहत विद्यालयों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का वादा...
बाराबंकी। योजना को संचालित हुए पांच वर्ष बीत गए मगर बाराबंकी जनपद के कई विद्यालयों का आज तक कायाकल्प होना तो दूर उनकी चाहरदीवारी तक का निर्माण ग्राम पंचायतों द्वारा नहीं किया गया है। जिले में एक सैकड़ा से अधिक विद्यालयों में चाहरदीवारी नहीं होने से स्कूल परिसर में छुट्टा मवेशियों का कब्जा रहता है। इससे यहां पढ़ने वाले नौनिहालों के लिए खतरा बना रहता है। शाम को अराजकतत्वों को भी जमावड़ा लगता है। करीब सौ विद्यालयों को नहीं मिली बाउंड्रीवाल : कोरोना काल से पहले वर्ष 2019 में दिल्ली की तर्ज पर परिषदीय विद्यालयों की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कायाकल्प योजना सरकार ने शुरू की थी। इसके तहत 19 बिंदुओं पर विद्यालयों में निर्माण कार्य कराए जाने थे। इनमें एक विद्यालय की चाहरदीवारी भी थी। इसके अलावा स्कूल के कक्षों में टाइल्स, परिसर में पेयजल आदि की व्यवस्था भी किया जाना था। विकास खंड बंकी का प्राथमिक विद्यालय पहली पार रेल लाइन के किनारे है। इस विद्यालय को चाहरदिवारी आज तक नसीब नहीं हुई। जिससे यहां पर छुट्टा मवेशियों के अलावा अराजकतत्वों का भी आना जाना लगा रहता है।
टूट चुकी है बाउंड्री : टिकैतनगर संवाद के अनुसार विकास खण्ड पूरेडलई अंतर्गत अधिकांश गाँवो में बने प्राथमिक विद्यालयों में चाहरदीवारी का एक हिस्सा टूट चुका है और शेष जर्जर है। जिससे विद्यालय में शाम ढलने के बाद शराबी व अराजक तत्वों का जमावड़ा लगने लगता है। ग्राम कुढ़ा स्थित प्राथमिक विद्यालय में चाहरदीवारी टूटी हुई है। ग्राम फत्तापुर कलां में बने प्राथमिक विद्यालय में कई जगहों पर चाहरदीवारी का नामोनिशान नहीं बचा है। चाहरदीवारी का जो हिस्सा बचा हुआ भी था वह भी अधिकांश जर्जर ही दिख रहा था। उक्त प्राथमिक विद्यालय मे अधिकांश नौनिहाल उसी टूटी बाउंड्री से प्रवेश व निकासी करते दिख रहे थे। जिससे हादसे का डर बना रहता है।
पूरा नहीं कराया गया निर्माण : सैदनपुर संवाद के अनुसार ब्लॉक सिरौली गौसपुर अंतर्गत पूर्व माध्यमिक विद्यालय खजुरिहा की चाहरदीवारी का निर्माण पूरा नहीं कराया गया है। जिसके कारण परिसर में गंदगी होने के साथ ही विद्यालय परिसर छुट्टा जानवरों का चरागाह बना हुआ है। मसौली संवाद के अनुसार प्राथमिक विद्यालय कपरियनपुरवा की टूटी चाहरदीवारी का निर्माण न होने से विद्यालय परिसर छुट्टा पशुओं की शरण स्थली बन गई है। रात-दिन आवारा पशु विद्यालय में घूमते नजर आते हंै। विद्यालय की चाहरदीवारी कई वर्ष पहले टूट गई है। इसके अलावा परिसर में बने शौचालय जर्जर हैं। ग्रामीणों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है। लोगों ने पानी की टोंटियां भी तोड़ दी हैं। प्रधान द्वारा विभागीय अधिकारियों को कई बार चाहरदीवारी निर्माण के लिए पत्र लिखा गया लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सफदरगंज संवाद के अनुसार मसौली ब्लाक के ग्राम बजहा के प्राथमिक विद्यालय में चहरदीवारी नहीं है। आसपास झाड़ियां व घास उगी है। शौचालय और अतिरिक्त भवन देखरेख के अभाव में बदहाल हैं।
कोट
विद्यालयों में चाहरदीवारी आदि का निर्माण कार्य ग्राम पंचायतों द्वारा कराया जाना है। जिले में करीब एक सौ विद्यालयों में चाहरदीवारी नहीं है। इसके निर्माण को जल्द कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
संतोष कुमार देव पांडेय- बीएसए बाराबंकी।
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