बांदा में कच्चे मार्ग पर नहीं पहुंच पाया वाहन, चारपाई पर लदा ले गए मरीज
गांव खप्टिहाकलां के सुवंसा डेरा में बारिश के कारण सड़क पूरी तरह दलदल में बदल गई है। 85 वर्षीय पत्थू यादव को इलाज के लिए ले जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने उन्हें चारपाई पर...
गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए भले ही पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। पर अब भी ग्रामीण क्षेत्र में बहुत से ऐसे मजरे हैं, जहां सड़क का नामोनिशान नहीं है। ग्राम पंचायत खप्टिहाकलां का सुवंसा डेरा इसकी नजीर है। बारिश की वजह से यहां का मुख्य कच्चा मार्ग पूरी तरह दलदल में तब्दील हो चुका है। मंगलवार को डेरा के एक बुजुर्ग की हालत बिगड़ी तो घर तक चार पहिया वाहन नहीं पहुंच पाया। इसपर ग्रामीण बुजुर्ग को चारपाई पर लादकर मुख्य मार्ग तक लाए, जिसके बाद चार पहिया वाहन से अस्पताल ले गए। ग्राम पंचायत में झुन्नी डेरा निवासी 85 वर्षीय पत्थू यादव को मंगलवार को दिन में अचानक तबीयत खराब हो गई। उनके घर से मुख्य मार्ग तक सुवंसा डेरा होकर आवागमन होता है। सुवंसा डेरा का रास्ता कच्चा है। बारिश के चलते पूरा मार्ग दलदल में तब्दील हो गया है। घरवालों ने इलाज को ले जाने के लिए चार पहिया वाहन लाने की कोशिश की। पर मार्ग दलदली होने से चार पहिया वाहन उनके घर तक नहीं पहुंच पाया। इसपर ग्रामीण बुजुर्ग को चारपाई पर लादकर करीब एक किलोमीटर तक पैदल दलदली मार्ग से होते मुख्य मार्ग पर पहुंचे। इसके बाद चार पहिया वाहन से अस्पताल इलाज के लिए ले गए। सुवंशा डेरा के ग्रामीण अरविंद, मुलायम, सिकंदर, सुमित, रमेश, राम विशाल, रविकरन आदि ने बताया कि मार्ग निर्माण के लिए डीएम से मांग की थी। मात्र 50 मीटर सड़क में बोल्डर और लाल मिट्टी बिछाकर छोड़ दिया गया है। एक किलोमीटर मार्ग पूरी तरह दलदल में तब्दील है। इस डेरा में 100 परिवार रहता है। बताया कि इसी दलदली मार्ग से होकर आना-जाना होता है। दूसरा कोई वैकल्पिक मार्ग भी नहीं है। बारिश में काफी दिक्कत का सामाना करना पड़ता है। डेरा में किसी के भी बीमार होने पर चारपाई पर लादकर ही लेकर जाना होता है।
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