हमारी एनपीएस रकम अक्सर हो जाती ‘लापता
Banda News - बोले बांदा: हमारी एनपीएस रकम अक्सर हो जाती ‘लापता,बोले बांदा: हमारी एनपीएस रकम अक्सर हो जाती ‘लापता,
बांदा। संवाददाता शिक्षक बच्चों का भविष्य बनाने का काम करता है। कहते हैं कि हजारों फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए, पर एक शिक्षक अकेला ही काफी है, बच्चों की जिंदगी स्वर्ग बनाने के लिए। इन सबके बावजूद शिक्षक काम के मानसिक दबाव से बोझिल नजर आ रहे हैं। अपार जिम्मेदारियों के साथ साथ एनपीएस कटौती से जुड़ी समस्याएं अक्सर परेशान करती हैं। ये बातें आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से बातचीत के दौरान माध्यमिक शिक्षकों ने कहीं।
एकता और आशुतोष समेत तमाम माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूल-कॉलेज से जुड़े शिक्षकों की मानें तो एनपीएस कटौती की धनराशि संबंधित शिक्षकों के प्रान खातों में न भेजे जाने से खासी दिक्कतें हो रही हैं। अक्सर हमारी एनपीएस कटौती की रकम लापता हो जाती है। वैसे तो हर माह कटौती में सरकारी अंशदान अपडेट होना चाहिए, लेकिन यह कभी तीन तो कभी पांच माह तक अपडेट होता है। जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रबंध समिति, प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि यह सभी लोग इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम के अनुरूप कार्य करें तो जनपद में माध्यमिक शिक्षा का स्तर बहुत ऊपर जा सकता है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कड़ी शिक्षक होता है। परंतु आज माध्यमिक शिक्षकों के समक्ष शासन, प्रशासन, मंडल एवं जिलास्तर पर कई समस्याएं हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के मंडलीय मंत्री मेजर मिथलेश पाण्डेय ने कहा कि मूल काम के अतिरिक्त अपार जिम्मेदारियों से शिक्षक परेशान हैं। खानकाह इंटर कॉलेज के सहायक अध्यापक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट के जिला मंत्री मोहम्मद बाकर का कहना है कि कार्यभार कितना भी अधिक क्यों न हो पर निर्धारित समय पर ही करना होता है। शिक्षिका अर्चना, शिक्षक देशराज सिंह, अखिलेश शुक्ला, श्रीश गुप्ता, विपिन दीक्षित, कमलेश कुमार, नरेश श्रीवास्तव, रामप्रसाद, मनोज त्रिपाठी आदि ने भी एक स्वर में इन समस्याओं के शीघ्र निस्तारण पर जोर दिया।
अपार आईडी को कैंप लगाकर संशोधन की दरकार: वर्तमान में पूरे जनपद में छात्रों की अपार आईडी बनाने का कार्य चल रहा है। जिसमें छात्रों के आधार कार्ड एवं शैक्षिक रिकार्ड एक होना चाहिए। अपार आईडी नहीं बन पा रही है। यदि आधार कार्ड में विद्यालय में कैंप लगाकर संशोधन कराया जाए तो यह कार्य सुगमता से हो जाएगा। अपार आईडी को लेकर छात्र जहां केन्द्रों के चक्कर काट रहे हैं। वहीं शिक्षक इस आईडी को लेकर दबाव महसूस कर रहे हैं।
सिटीजन चार्टर की एक स्वर से उठी मांग: अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के समुचित विकास पर पर्याप्त ध्यान न दिए जाने से भी शिक्षकों में रोष नजर आया। इसी तरह सभी ने एक स्वर में कहा कि सिटीजन चार्टर लागू न होने और प्रकरणों के समय से निस्तारण न होने से हाईकोर्ट में मुकदमों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इतना ही नहीं विद्यालय स्तर पर प्रयोगशाला, पुस्तकालय कक्ष एवं खेल के मैदान का भारी अभाव है। माध्यमिक स्तर पर लगातार मनमानी बढ़ रही है, इस ओर सख्ती होनी चाहिए।
यूपी बोर्ड परीक्षा का भी दबाव: शिक्षिका शैलजा शुक्ला ने बताया कि यूपी बोर्ड परीक्षा का भी दबाव है। जिसको लेकर कोर्स रिवीजन कराने की तैयारी कालेजों में तेजी से चल रही है। कोर्स तो पूरा करा दिया गया है इसके बाद रिवीजन कराया जा रहा है। ताकि छात्राएं बोर्ड परीक्षा में अधिक से अधिक नंबर लाएं और अपना व अपने परिवार तथा विद्यालय का नाम रोशन करें।
बोले शिक्षक
इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम में सभी कार्यों के लिए समय तय किया गया है लेकिन फाइलों का एक स्थान पर पड़े रहना बेहद दुखदाई है। इसके कारण शिक्षक कार्यालय के चक्कर लगाते हैं, जो किसी भी दशा में उचित नहीं है। शिक्षक परेशान होते हैं और उनकी समस्याओं पर संज्ञान तक नहीं लिया जाता है। -मोहम्मद बाकर जिला मंत्री माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट बांदा
शिक्षकों की जो समस्याएं डीआईओएस कार्यालय में वेतनादि से संबन्धित लंबित हैं। उनका समय से निराकरण कराया जाए। एनपीएस की कटौती का लेखा विद्यालय में एक लेखा रजिस्टर तैयार कराया जाए, जिससे शिक्षकों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। इसके लिए बार बार परेशान होना पड़ता है। ऐसी व्यवस्था की जाए कि किसी किस्म की दिक्कतें न हों। सत्येन्द्र कुमार
यूपी बोर्ड की परीक्षा की तैयारी को लेकर शिक्षक इन दिनों पूरे जी जान से जुटे हैं। केन्द्रों में सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराया जा रहा है। कुछ केन्द्र हैं, जहां कुछ दिक्कत आ रही हैं। उन समस्याओं को दूर कराने का काम किया जा रहा है, जिससे परीक्षा में परेशानी न हो। ऐसे में दीगर काम केवल और केवल परेशानी ही पैदा करने वाले हैं। आशुतोष शुक्ला
अपार आईडी को लेकर हम शिक्षकों पर इन दिनों खासा दबाव है। जबकि आधार केन्द्रों में लंबी लाइन बच्चों को लगानी पड़ रही है। इसके बाद शिक्षक शिक्षिकाएं भी आईडी दुरुस्त कराने में हलकान हो रहे हैं। बोर्ड परीक्षाएं भी नजदीक हैं। ऐसे में मानसिक दबाव से दिक्कत हो रही हैं। एक ही वक्त में अलग अलग काम करना परेशान कर रहा है। बड़ा संकट यह है कि बोर्ड परीक्षाओं की भी जिम्मेदारी है। एकता पटेल
माध्यमिक शिक्षकों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। केवल इतना ही नहीं स्थानांतरण प्रक्रिया में भी शिक्षकों का खासा शोषण होता है। मांग है कि स्थानांतरण प्रक्रिया राजकीय विद्यालयों की पद्धति पर होनी चाहिए। जिससे शिक्षकों को किसी भी प्रकार से शोषण का शिकार न होना पड़े, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई भी पहल नहीं की गई है। चित्रलेखा सिंह
अपार आईडी आफत बन गई है। इसको लेकर इन दिनों बड़ा दबाव है। दूसरी तरफ आधार केन्द्रों में संशोधन को लाइन लग रही है। हालात ऐसे हैं कि आधार संशोधन न होने से आईडी सत्यापित नहीं हो पा रही है। यदि कोई प्राइमरी से आ रहा है तो हलफनामा और टीसी मांगी जा रही है। जिससे शिक्षकों के सामने कई तरह की दिक्कतें आ रही है। -दिव्या मिश्रा
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