बांदा में भागवत कथाः प्रह्लाद का चरित्र युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत
Banda News - भक्त प्रहलाद का चरित्र युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने अपने पिता हिरणकश्यप के विपरीत होते हुए भी पुत्र धर्म निभाया और मातृ-पितृ भक्ति में समर्पित रहे। प्रहलाद भगवान विष्णु का भक्त था और...
बांदा। भक्त प्रहलाद का चरित्र वर्तमान में युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। युवा वर्ग को उनकी मातृ, पितृ और ईश्वर भक्ति के प्रति समर्पण से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने पिता हिरणकश्यप के कुमार्गगामी होने पर भी पुत्र धर्म निभाया। कभी उनका अनादर नहीं किया, हमेशा उनकी आज्ञा मानी और यह जानते हुए भी कि वह मारने के उपाय रच रहे हैं, कभी भी उन्हें अनदेखा नहीं किया। श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के तीसरे दिन आचार्य पंडित रामनिवाज पांडे ने उपस्थित भावपूर्ण श्रोताओं को प्रहलाद चरित्र की कथा सुनाई ।उन्होंने कहा प्रह्लाद ज्ञानवान, ऊर्जावान, और ईश्वर अनुरागी पुत्र था। वह जितने आत्मीय भाव से ईश्वर की भक्ति करता था उतने ही समर्पित भाव के साथ अपने पिता माता के हर आदेश का पालन भी करता था। उसे अपने पिता के ईश्वर विरुद्ध होने पर भी कभी खेद नहीं हुआ। प्रहलाद भगवान विष्णु का भक्त था और उसका पिता उनका दुश्मन। इसलिए उसने प्रह्लाद को मारने का आदेश दे दिया था ।अपनी बहन होलिका की गोद में बैठाकर जलाने का प्रयास किया लेकिन वरदान प्राप्त होलीका जल गई परंतु वह सुरक्षित बच गए ।अंततः अहंकार का मर्दन करते हुए भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप धरकर हिरण कश्यप के शरीर को बीच से चीर दिया और उसका अंत हो गया। कथा यजमान आशीष पांडे व धर्मपत्नी रजनी पांडे के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्य पूर्व कोषाधिकारी पंडित ज्ञानेंद्र देव मिश्र, कल्लूओझा, प्रो राम मूर्ति पांडे, वीरेंद्र त्रिपाठी, शिव मोहन गुप्ता, डा राजा बाबू बाजपेई, पंडित लल्लू राम शुक्ला, प्रिंसिपल मार्तंड सिंह, रमेश चंद द्विवेदी, शिवशरण पांडे, विजय पांडे , अर्जुन मिश्रा आदि मौजूद रहे।
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