बांदा में खाद के लिए सर्द रात में समितियों के बाहर किसानों ने डाला डेरा
पारादीप, उड़ीसा से डीएपी की नई रैक के वितरण में किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। रात भर समितियों के बाहर लाइन में लगे किसानों को सुबह खाद वितरण के दौरान भीड़ और पुलिस-प्रशासन की निगरानी में...
पारादीप उड़ीसा से डीएपी की नई रैक जनपद आई तो वितरण के लिए सोमवार को ही केंद्रों को आवंटित कर दी गई। बुआई पिछड़ने से परेशान किसान डीएपी के लिए रात में ही समितियों में पहुंच गए। सुबह वितरण शुरू होते ही खाद के लिए हो-हल्ला शुरू हो गया। पुलिस-प्रशासन के पहरे में खाद वितरण हुआ। घंटों इंतजार के बाद भी कई किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ा। जनपद में खाद की किल्लत कम होने का नाम नहीं ले रही है। स्थिति यह है कि खाद के लिए किसानों को सर्द रात समितियों के बाहर डेरा डालकर बितानी पड़ रही है। बुजुर्ग, महिलाएं भी रात में ही खाद के लिए लाइन पर लग रही है। सोमवार देर रात तिंदवारी रोड स्थित मंडी में खाद बिक्री केंद्र के बाहर किसानों की लाइन लग गई थी। मंगलवार सुबह वितरण शुरू हुआ तो हो-हल्ला होने लगा। पुलिस-प्रशासन की निगरानी में वितरण हुआ। लाइन में लगे किसानों को अमिट स्याही लगाकर नियमानुसार दो-दो बोरी डीएपी का वितरण किया गया। वहीं, भीड़ के बढ़ने से किसानों में पहले खाद लेने की होड़ लग गई, जिसके बाद सभी को टोकन देकर नंबर से लाइन लगाकर खाद का वितरण किया गया। कई किसानों को बिना खाद बैरंग लौटना पड़ा।
बाजार में नकली खाद का डर
किसानों ने बताया कि समितियों में सही खाद मिलती है। अगर बाजार से खरीदते हैं तो नकली खाद का डर रहता है। खेत की नमी धीरे-धीरे कम हो रही है। समय पर खाद न मिलने से बुआई पिछड़ रही है। इस हफ्ते बुआई न की गई तो खेती पिछड़ जाएगी। देरी से बुआई करने से उत्पादन भी प्रभावित होगा।
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