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बांदा में तलाक के मुकदमे की तारीख के बाद लापता विवाहिता की हत्या

तलाक के मुकदमे की तारीख के बाद गायब हुई विवाहिता का शव झाड़ियों में मिला। सुमन पटेल, जो ससुरालवालों की प्रताड़ना के चलते मायके में रह रही थी, को बेरहमी से मारा गया। पुलिस की लापरवाही के चलते परिवार ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, बांदाFri, 18 Oct 2024 10:32 PM
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न्यायालय में विचाराधीन तलाक के मुकदमे की तारीख के बाद लापता से विवाहिता का शव शुक्रवार शाम झाड़ियों में मिला। जहां शव मिला वह स्थान मायका के घर से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने डॉग स्क्वायड और फॉरेसिंक टीम बुलाकर घटनास्थल पर जांच-पड़ताल कराई। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बबेरू कोतवाली क्षेत्र के आहार गांव निवासी किसान राजाभइया पटेल ने चार बच्चों में सबसे छोटी बेटी 30 वर्षीय सुमन पटेल की शादी करीब 14 साल पहले बिसंडा थानाक्षेत्र के कैरी गांव निवासी रामबाबू पटेल से की थी। सुमन से दो बच्चे 14 वर्षीय प्रिंस और तीन वर्षीय दिव्यांश हैं। ससुरालवालों की प्रताड़ना के चलते सुमन दो साल से अपने मायका में रहने लगी थी। दोनों बच्चे ससुरालियों ने नहीं दिए। अपने ही पास रखे हैं। पति रामबाबू पटेल से छह माह पहले तलाक का मुकदमा दायर किया। मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है। गुरुवार को मुकदमे की तारीख थी। सुमन पटेल अकेले ही तारीख पर आई थी। दोपहर साढ़े 12 बजे तारीख के बाद वह शहर कोतवाली क्षेत्र के चमरौडी निवासी अपनी बहन मुन्नी देवी के घर चली गई। वहां करीब डेढ़ घंटा रुकी। इसके बाद अपने मायका स्थित घर जाने के लिए निकली। बहन मुन्नी देवी ने सुमन को दोपहर करीब दो बजे बाबूलाल चौहारा के पास बबेरू जानेवाली प्राइवेट बस में बैठाया। देर शाम तक वह घर नहीं पहुंची तो घरवालों ने खोजबीन की। पर कोई पता नहीं चला। बबेरू कोतवाली में गुमशुदगी की तहरीर दी। शुक्रवार शाम आहार गांव स्थित मायका से करीब दो किलोमीटर बंधा के पास स्थानीय बच्चे मछली मार रहे थे। उन बच्चों ने झाड़ियों में महिला का शव देखा तो गांववालों को बताया। गांववालों से बबेरू पुलिस को सूचना मिली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीम बुलाकर घटनास्थल पर जांच-पड़ताल कराई, जिसके बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

शाम 6:23 बजे के बाद मोबाइल हो गया था स्वीच ऑफ

मृतका के ममेरे भाई राकेश पटेल के मुताबिक, देर शाम तक बहन के घर न पहुंचने पर उसका फोन मिलाया गया। शाम छह बजकर 23 मिनट पर उसके मोबाइल पर दो-तीन रिंग हुई। इसके बाद मोबाइल स्वीच ऑफ हो गया। खोजबीन और नाते-रिश्तेदारों से पूछताछ के बाद भी जब सुमन का कहीं कोई पता नहीं चला तो रात नौ बजे बबेरू कोतवाली पहुंचे। वहां बहन की गुमशुदगी की तहरीर दी गई। पर वहां गुमशुदगी नहीं दर्ज की गई।

गुमशुदगी दर्ज होने के दो घंटा बाद मिला शव

मृतका के पिता भइयालाल ने बताया कि बबेरू पुलिस के गुमशुदगी दर्ज न करने पर शुक्रवार को शहर कोतवाली पहुंचा। यहां शहर कोतवाली प्रभारी पंकज सिंह से मुलाकात पूरी घटना बताई। अपराह्न तीन बजे के बाद बेटी की गुमशुदगी शहर कोतवाली में दर्ज की गई। गुमशुदगी दर्ज कराने के बाद बहनोई के बेटे के साथ बाइक से घर लौट रहा था। बिलवई के पास पहुंचा ही था कि मुरवल चौकी इंचार्ज तुषार श्रीवास्तव का बहनोई के बेटे राकेश पटेल के मोबाइल पर कॉल आई। उन्होंने बंधा के पास झाड़ियों में शव मिलने की सूचना दी।

आंख फोड़ने के बाद की गई हत्या

राकेश पटेल के मुताबिक, बहन की एक आंख फोड़ने के बाद उसे बेरहमी से मारने-पीटने के बाद हत्या की गई। उसके पूरे शरीर पर चोट के निशान हैं। बताया कि बहन को मोबाइल नहीं मिला है। वहीं, बबेरू कोतवाली प्रभारी बलराम सिंह ने आंख नहीं फूटी है। शरीर पर खरोंच और चोट के निशान है। प्रथम दृष्टया हत्या है। रात नौ बजे तक तक मृतका के परिवार की ओर से तहरीर नहीं मिली थी।

बबेरू पुलिस की लापरवाही से गई जान

मृतका के पिता ने आरोप लगाया कि रात नौ बजे बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराने बबेरू कोतवाली गए थे। वहां कोतवाली प्रभारी से मिले। बेटी के लापता होने की बात कहते हुए गुमशुदगी की तहरीर दी। पर गुमशुदगी नहीं दर्ज की गई। पुलिस अगर गुमशुदगी दर्ज करते हुए तत्परता दिखा बेटी की तलाश करती तो उसकी हत्या न हो पाती। बबेरू में गुमशुदगी न दर्ज होने के कारण दूसरे दिन शहर कोतवाली पहुंचकर गुमशुदगी दर्ज कराई। वहीं, बबेरू कोतवाली प्रभारी का कहना है कि रात में ही सुमन के ससुरालियों को बुलाकर पूछताछ की गई थी।

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