बोले बांदा: उद्योगों की तरक्की पर बिजली फेर रही पानी
Banda News - बांदा के भूरागढ़ औद्योगिक क्षेत्र में बिजली की समस्याएं उद्यमियों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। दिन में कई बार ट्रिपिंग से उद्योगों में देरी और नुकसान हो रहा है। उद्यमियों ने अधिकारियों से समाधान की...
बांदा। किसी भी इंडस्ट्री के लिए बिजली ऑक्सीजन का काम करती है। भूरागढ़ इंडस्ट्रियल एरिया की बात करें तो यहां पर दिन में पांच से छह बार ट्रिपिंग की समस्या है। इससे लेबर व समय की भी बर्बादी होती है। उद्यमी समस्या निराकरण के लिए सालों से अफसरों से गुहार कर रहे हैं। हर बार त्वरित निस्तारण का केवल आश्वासन मिलता है, जिससे उद्योग ठीक से पनप नहीं पा रहे हैं। यह बात उद्यमियों ने आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में कही। उद्यमी भुवन पांडेय ने कहा कि सुविधाओं की क्या कहें, यहां तो बिजली-पानी की समस्या से ही नहीं उबर पा रहे हैं। उद्योग चलें भी तो कैसे, भरपूर बिजली तो मिले। इसके अलावा कई विभागों के अधिकारियों का निरंतर दौरा इंडस्ट्रियल एरिया में होता है, इससे छोटे उद्यमी दहशत में रहते हैं, उन्हें बेवजह परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि सभी कानूनों की जानकारी छोटे उद्योग चलाने वालों को नहीं होती । जैसे लेबर कंप्लायंस के ही 10 से अधिक कानून हैं। ये छोटे उद्योग कानूनी जंजाल में फंस जाते हैं। उद्यमी मनोज शिवहरे कहते हैं कि सरकार को एक नियम बनाना चाहिए कि अगर किसी उद्यमी को कोई जानकारी चाहिए तो वो सम्बंधित अधिकारी से परामर्श ले। सम्बंधित अधिकारी की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि उद्यमी को सही मार्ग दर्शन दे। सरकार ने सिंगल विंडो पोर्टल निवेश-मित्र बनाया है। इसमें आवेदन के बाद लगभग सभी प्रक्रिया ऑफलाइन होती हैं। लोगों को संबंधित विभाग में प्रक्रियाएं पूरी करानी होती हैं। प्रोसेसिंग सेंटर बनाया जाए और ज्यादा से ज्यादा आवेदनों का ऑनलाइन ही निस्तारण किया जाए, जिससे उद्यमियों को आसानी होने के साथ-साथ उनमें विश्वास भी कायम हो सके। यूपीसीडा का ऑफिस प्रयागराज में है, जिस कारण हर छोटे-बड़े कामों के लिए प्रयागराज जाना पड़ता है। अगर हफ्ते में एक दिन के लिए यूपीसीडा के सम्बंधित अधिकारी बांदा में बैठने लगें तो समस्याओं का निस्तारण समय पर हो सकेगा। पानी की निकासी के लिए जो नालियां बनाई गई थीं, वो अधूरी हैं। बहुत से प्लॉट्स के बाहर तो नाली ही नहीं है। इन सामान्य सी दिखने वाली समस्याओं से भी मुंह फेर लिया जाता है।
बोले उद्यमी
उद्योग किसी तरह पनपने शुरू हुए, पर जीएसटी, बैंक और विद्युत विभाग चक्कर लगावाते हैं। -ध्रुव गुप्ता
अधिकारी बिना सुविधा शुल्क कोई काम नहीं करते। समस्याएं निस्तारित नहीं हो रही हैं।-मनोज शिवहरे
आइसक्रीम का काम है। बिजली आपूर्ति सही से न होने से अक्सर उत्पादन कार्य प्रभावित होता है। -आलोक जैन
औद्योगिक क्षेत्र में सोलर लाइटें लगी थीं। काफी समय से ज्यादातर लाइटें खराब हैं। - अर्पित अग्रवाल
बोले जिम्मेदार
उपायुक्त उद्योग गुरुदेव कहते हैं कि तय समय पर जिले में उद्योग बंधु की बैठक आयोजित की जाती है। बैठक के दौरान उद्यमियों की जो भी समस्याएं सामने आती हैं या फिर सामने लाई जाती हैं कार्ययोजना बनाकर इनके निस्तारण के लिए सभी जरूरी प्रक्रियाएं अमल में लाई जाती हैं। प्रयास रहता है कि जिले के उद्यमियों को हमसे जितना संभव हो उतना सहयोग मिल सके
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