Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़बांदाDev Uthani Ekadashi Celebrated with Rituals Weddings and Faithful Offerings

बांदा में मांगलिक गीतों के बीच हुआ शालिग्राम-तुलसी विवाह

प्रबोधिनी (देवउठनी) एकादशी मंगलवार को श्रद्धा से मनाई गई। श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से भगवान विष्णु को जगाया और तुलसी विवाह का आयोजन किया। मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद महाआरती हुई। विवाह उत्सव के...

Newswrap हिन्दुस्तान, बांदाTue, 12 Nov 2024 10:16 PM
share Share

प्रबोधिनी (देवउठनी) एकादशी मंगलवार को श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से व्रत और पूजन-अर्चन कर भगवान विष्णु को निद्रा से जगाया। साथ ही घरों और सार्वजनिक जगहों पर तुलसी विवाह के आयोजन हुए, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की सहभागिता रही। शहर के मंदिरों में विधि-विधान से भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के बाद महाआरती कर दीप जलाए गए। दीयों की रोशनी से मंदिर जगमगा उठा। महिलाओं ने भगवान विष्णु की महिमा बखानी। इस दौरान वातावरण लक्ष्मी नारायण, तुलसी माता, शालिग्राम, सूर्यनारायण और प्रकृति के जयकारों से गूंज उठा। शाम को घरों में हर्षोल्लास के साथ भगवान शालिग्राम और तुलसी विवाह संपन्न हुआ। श्रद्धालुओं ने मुख्य दरवाजों पर भगवान के चरण सजाए। दीवारों पर भगवान की आकृति बनाई। तुलसी के पौधों के आसपास गन्ने का मंडप बनाया। इसके बाद चुनरी व फूल से तुलसी के पौधे को सजाया। शकरकंद, सिंघाड़ा, नया गुड़ (भेली), गन्ना रखकर पूजा-अर्चना की। पूजास्थल पर तुलसी का पेड़ और शालिग्राम विराजमान किए गए। घर-घर शालिग्राम-तुलसी के विवाहोत्सव आयोजित किए गए। श्रद्धालुओं ने पूजन-अर्चन कर विवाह की रस्में निभाईं। संगीतमय मांगलिक गीत प्रस्तुत किए।

अब बजने लगेंगी शहनाइयां

देवोत्थानी एकादशी पर चार माह बाद भगवान विष्णु नींद से जग गए। इसके साथ शहनाई बजने लगेंगी। मंगलवार को शहर में शादियों की धूम रही। होटल, रेस्टोरेंट और मैरिज हॉल में कई शादियां संपन्न हुईं।

दरिद्रनारायण को सूप बजाकर भगाया

देवोत्थानी एकादशी पर घरों में गन्ने से सूप बजाकर दरिद्रनारायण को भगाया गया। बुधवार भोर में घर की महिलाओं ने घर के कोने-कोने में और कूड़े के ढेर पर सूप बजाकर सुख-समृद्धि की कामना की।

नदियों व सरोवरों में लगाई आस्था की डुबकी

प्रबोधनी एकादशी के अवसर पर मंगलवार भोर में प्रमुख नदियों के तटों व सरोवरों में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से पूजन-अर्चन की। केन, बागेन और यमुना नदी के किनारे जगह-जगह श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

30 रुपये का एक और 50 का जोड़ा

देव उठनी (देवोत्थानी) एकादशी पर देव पूजन में गन्ने और सिंघाड़े का विशेष महत्व है। जनपद में दो दिन पहले से ही बाजारों में गन्ने की मंडियां सज गई थीं। अशोक लाट, तिंदवारी रोड, अतर्रा चुंगी, महाराणा प्रताप चौक आदि जगह मंगलवार को भी गन्नों का ढेर बिक्री के लिए लगा रहा। आम दिनों में बीस से तीस रुपये जोड़े में बिकनेवाला गन्ना मंगलवार को 30 रुपये का एक और 50 रुपये जोड़ा में बिका। देर शाम तक जगह-जगह गन्ना की खरीदारी को ग्राहकों की भीड़ लगी रही।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें