बोले फतेहपुर: सरकारी अस्पतालों से हमें मिले सम्मान की खुराक
Banda News - फतेहपुर में होम्योपैथी चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सकों ने कई सुझाव दिए हैं। वे सरकार से बेहतर सुविधाएं, लाइसेंस प्रक्रिया को सरल बनाने, और जागरूकता कैंप लगाने की मांग कर रहे हैं। होम्योपैथी...
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फतेहपुर। होम्योपैथी से कई जटिल बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सकता है लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से इस पद्धति को बढ़ावा नहीं दिया जाता है। शहर में ही करीब 42 डिस्पेंसरी संचालित हैं। नया लाइसेंस बनवाना हो या फिर लाइसेंस का नवीनीकरण कराना हो तो स्वास्थ्य विभाग के चक्कर काटने पड़ते हैं। इस प्रकिया को और आसान बनाना चाहिए। सरकारी नीतियों में भेदभाव बंद होना चाहिए। शादीपुर के डॉ. शिव प्रसाद त्रिपाठी कहते हैं कि राजकीय मेडिकल कॉलेज में भी होम्योपैथ विभाग होना चाहिए। जिसमें डॉक्टर एवं फार्मासिस्ट की पढ़ाई हो सके। डॉक्टर नीलेश ने बताया कि शासन द्वारा हर पांच साल में लाइसेंस रिन्यूअल कराने के सख्त निर्देश हैं। इसके बावजूद पोर्टल लंबे समय से अपडेट नहीं किया गया है। काफी समय से पोर्टल नहीं खुल रहा है। पोर्टल में जैसे ही मोबाइल और रजिस्ट्रेशन नंबर डाला जाता है तो वह एरर बता देता है। इस पर विभाग ने ऑफलाइन प्रोफार्मा उपलब्ध कराया, जो काफी लंबी और जटिल प्रक्रिया है। इससे क्लीनिक संचालकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि नगर पालिका के सभी वार्डों में होम्योपैथी डॉक्टरों के साथ कैम्प लगवाने चाहिए। जिससे इस पैथी के बारे में लोग जागरूक हो सकें। डॉ. अनुराग ने कहा कि होम्योपैथी के प्रसार के लिए कॉलेज से निकलने वाले बीएचएमएस डिग्रीधारकों को गांवों में इंटर्नशिप करानी चाहिए। उन युवा डॉक्टरों के लिए बैंक से लोन की भी व्यवस्था नहीं की जाती है। सरकारी कार्यक्रमों में होम्योपैथी की उपेक्षा की जाती है। होम्योपैथ के डॉक्टरों को उचित सम्मान नहीं मिलता है। उन्हें विश्व स्वास्थ्य दिवस, आरोग्य मेला, पल्स पोलियो जागरूकता अभियान आदि में आमंत्रित नहीं किया जाता। जबकि होम्योपैथिक चिकित्सक मरीजों का सस्ता इलाज करते हैं।
होम्योपैथ चिकित्सा का क्रेज कोरोना काल से काफी बढ़ा है। होम्योपैथिक दवाओं का साइड इफेक्ट नहीं होता है। नई बीमारियों से लड़ने के लिए होम्योपैथ में नए शोध हो रहे हैं। इसलिए जिला अस्पताल के अनुभवी डाक्टरों के साथ संवाद कराना चाहिए। ।
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सुझाव
- होम्योपैथ को आयुष्मान कार्ड से जोड़ा जाए ताकि मरीज निशुल्क इलाज का लाभ उठा सकें।
- जिले की हर सीएचसी और पीएचसी में होम्योपैथिक उपचार पद्धति की व्यवस्था की जाए।
- दवाओं की गुणवत्ता की जांच न होने से नकली दवाएं आने का खतरा बढ़ा है। ऐसे में जिले में बेहतर लैब की व्यवस्था की जाए।
- निजी होम्योपैथिक चिकित्सकों को अस्पताल शुरू करने के लिए सब्सिडी मिलनी चाहिए।
- एक साल की बजाय पांच साल के लिए होम्योपैथिक क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए।
- होम्योपैथी मेडिकल स्टोरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाए। इससे अवैध संचालित क्लीनिकों पर लगाम लगेगी तो लोगों का भरोसा और बढ़ेगा।
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शिकायतें
- क्लीनिक के रजिस्ट्रेशन के लिए हर साल परेशान होना पड़ता है। पटल ठीक से चलता नहीं है।
- होम्योपैथिक विधा को बढ़ावा देने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। समय-समय पर लोगों को जागरूक करने के लिए कैंप लगाए जाएं।
- स्थानीय स्तर पर सूचना देने की व्यवस्था न होने से परेशानी झेलनी पड़ती है। इसकी व्यवस्था की जाए।
- ग्रामीण क्षेत्रों में होम्योपैथ के झोलाछाप क्लीनिक संचालित करते हैं। इन पर लगाम लगे।
- होम्योपैथ दवाओं पर शोध के लिए शासन की ओर से फंड मुहैया कराया जाए ताकि मरीजों के लिए और बेहतर दवाएं तैयार हो सकें।
- एक कमरे के क्लीनिक के लिए भी प्रदूषण बोर्ड ने एनओसी अनिवार्य कर दी है। इससे निजात मिले।
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बोले डॉक्टर
होम्योपैथी को बढ़ावा दिए जाने के लिए मेडिकल कालेज के साथ ही फार्मेसी कालेज खुलवाए जाएं।
-डॉ.अरुण शुक्ला
नगर पालिका को हर वार्ड में होम्योपैथी की डिस्पेंसरी खुलवानी चाहिए। इससे डॉक्टरों को भी मौका मिलेगा।
-डॉ. राकेश त्रिपाठी
नए लाइसेंस के आवेदन और नवीनीकरण के लिए खासा परेशान होता पड़ता है, पोर्टल को सुधारवना चाहिए।
- डॉ.कपिल श्रीवास्तव
समय-समय पर जागरुकता शिविर लगाने चाहिए। जिससे लोगो को होम्योपैथी की जानकारी मिल सके।
-डॉ.निरंजन दुबे
होम्योपैथी के लिए बजट का आवंटन करने व पीएचसी-सीएचसी में डॉक्टरों की तैनाती करना जरूरी है।
-डॉ.अरुण वर्मा
मेडिकल स्टोरों के नवीनीकरण को प्रयागराज जाना पड़ता है। एक बार में कभी काम पूरा ही नहीं होता।
-डॉ. सिद्धार्थ सिंह
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बोले जिम्मेदार
होम्योपैथी चिकित्सकों के रजिस्ट्रेशन व नवीनीकरण अभी तक शासन स्तर पर होते थे लेकिन अब मंडल स्तर पर व्यवस्था हो गई है। जल्द जिले स्तर पर भी रजिस्ट्रेशन व नवीनीकरण की सुविधा मुहैया होने की उम्मीद है। चिकित्सकों की अन्य समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाता है। होम्योपैथी के प्रचार-प्रसार को लेकर जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य कैंपों के जरिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।
- डॉ. अमरीष चंद्रा, जिला होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी
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