रिटायर दारोगा के खाते से 23 लाख गायब, साइबर ठगी नहीं, 12वीं में पढ़ने वाले पोते ने ही कर दिया खेल
बादा में रिटायर दारोगा के बैंक खाते से जीवन भर की कमाई और बुढ़ापे का सहारा 23 लाख रुपए गायब होने से सनसनी फैल गई। यह रुपए गायब किसी साइबर ठग ने नहीं किए बल्कि 12वीं में पढ़ने वाले उनके अपने ही पोते ने कर दिया है।
बादा में रिटायर दारोगा के बैंक खाते से जीवन भर की कमाई और बुढ़ापे का सहारा 23 लाख रुपए गायब होने से सनसनी फैल गई। यह रुपए गायब किसी साइबर ठग ने नहीं किए बल्कि उनके अपने ही पोते ने कर दिया है। 12वीं में पढ़ने वाले पोते ने रुपए गायब करने के लिए गूगल पे का इस्तेमाल किया। जब दारोगा ने पोते से पूछताछ की तो वह खुद भी गायब हो गया है। दादा ने फिलहाल पोते के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
क्योटरा के रहने वाले रामकृपाल 2020 में दारोगा पद से रिटायर हुए थे। बड़े बेटे रामऔतार का बेटा 16 वर्षीय इशांत डीएवी इंटर कॉलेज में 12वीं का छात्र है। रामकृपाल के मुताबिक उनका खाता एसबीआई कचहरी शाखा में है। उनके पोते इशांत ने चुपके से उनके मोबाइल में गूगल-पे एप डाउनलोड किया और दो महीनों अलग अलग खातों में पूरे 23 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
इसकी जानकारी होने पर दादा ने पोते से पूछताछ की तो वह इधर उधर की बातें करने लगा। इसके बाद वह खुद लापता हो गया। रामकृपाल ने बताया कि पौत्र का मोबाइल स्वीच ऑफ है। साइबर थाने में भी शिकायत की गई है। शहर कोतवाली प्रभारी पंकज सिंह ने बताया कि इशांत के मिलने पर ही पूरी स्थिति साफ होगी कि इतनी अधिक रकम उसने कहां पर लगाई।
मझले बेटे ने फोन देखा तब हुई जानकारी
रामकृपाल के मुताबिक 12 सितंबर की रात मझले बेटे रामफल के फोन में नेटवर्क नहीं था। उसने कॉल करने के मेरा फोन लिया। फोन में गूगल-पे एप डाउनलोड होने पर मुझसे पूछा तो मैंने बताया कि नहीं किया है। घर के सभी सदस्यों ने एप डाउनलोड होने की जानकारी से इनकार किया। कुछ गलत होने की आशंका से दूसरे दिन वह बेटे रामफल को लेकर बैंक गए। वहां जानकारी हुई कि दो जुलाई से 12 सितंबर के बीच अलग-अलग खातों में 23 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।
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