सुदामा चरित्र वर्णन के साथ हुआ श्रीमद्भागवत कथा का समापन
तुलसीपुर में बाबा उत्तम दास उदासीन आश्रम में श्रीमद्भागवत कथा का समापन सुदामा चरित्र के वर्णन के साथ हुआ। कथावाचिका रुचि शास्त्री ने बताया कि सुदामा का नि:स्वार्थ समर्पण मित्रता का सच्चा धर्म दर्शाता...
तुलसीपुर, संवाददाता। बाबा उत्तम दास उदासीन आश्रम तुलसीपुर में श्रीमद्भभागवत कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र का वर्णन कर समापन किया गया। कानपुर नगर से पधारी कथावाचिका रुचि शास्त्री ने बताया कि सुदामा चरित्र हमें जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने की सीख देता है। सुदामा का नि:स्वार्थ समर्पण ही उनकी असली मित्रता को दर्शाता है। कथा के बीच-बीच में भजनों पर श्रद्धालुओं ने नृत्य करते हुए जोर-जोर से जय श्रीकृष्ण के जयकारे लगाए।
भागवत कथा के श्रवण से मन आत्मा को परम सुख की प्राप्ति होती है। सुदामा चरित्र के प्रसंग में कहा कि अपने मित्र का विपरीत परिस्थितियों में साथ निभाना ही मित्रता का सच्चा धर्म है। सच्चा मित्र वही है जो अपने मित्र को सही दिशा प्रदान करे, उसकी गलती पर उसे रोके और सही राह पर उसका साथ दे। कथा में मुख्य यजमान जगतमणि तिवारी, नीलम तिवारी, महंत शिव दर्शन दास निक्कू, पुजारी उदयभान शुक्ला, चमन तिवारी, पिंटू, सतीश, सुशील, मोनू, पिंटू, मनीराम, मुन्ना, शिवम एवं भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। कथा समापन के बाद हवन पूजन कर भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
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