ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करने के लिए दिया गया प्रशिक्षण
गुरुवार को उतरौला ब्लॉक सभागार में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत कार्यक्रम का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित हुआ। बीडीओ पल्लवी सचान ने पंचायतों में टीबी के मामलों की पहचान और उपचार के लिए ग्राम प्रधानों और...
गैंड़ास बुजुर्ग, संवाददाता। बीडीओ पल्लवी सचान की अध्यक्षता में गुरुवार को उतरौला ब्लॉक सभागार में आयोजित टीबी मुक्त ग्राम पंचायत कार्यक्रम का एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान, सचिव एवं रोजगार सेवकों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया। बीडीओ पल्लवी सचान ने बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य है कि पंचायतों में टीबी के मामलों की पहचान और उपचार को प्रभावी ढंग से किया जा सके। जिससे ब्लॉक के सभी ग्राम पंचायत टीबी मुक्त हो सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में सीएचसी अधीक्षक डॉ सीपी सिंह ने ग्राम प्रधानों और सचिवों को ग्राम पंचायतों में संदिग्ध टीबी रोगियों की पहचान करने के बारे में जानकारी दी। साथ ही उन्हें इलाज के लिए आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से अस्पताल भेजने की बात कही। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ग्राम प्रधान लोगों तक जरूरी पहुंचाएं। एसटीएस आशीष यादव, एसटीएलएस दिनेश भूषण तिवारी व डीपीसी अविनाश विक्रम सिंह ने जानकारी दी। बताया कि टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के लिए तय किए गए मानक एक हजार आबादी वाली पंचायतों में होगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में जहां एक हजार की आबादी है, वहां एक सप्ताह से अधिक समय से आ रही खांसी के साथ घटते वजन वाले लोगों में 30 लोगों के टीबी जांच की जाएगी। यदि इनमें से एक या अधिक व्यक्ति टीबी से संक्रमित पाए जाते हैं, तो उस पंचायत को टीबी मुक्त घोषित नहीं किया जाएगा। यदि केवल एक मामला पाया जाता है, तो उस पंचायत को टीबी मुक्त घोषित कर उस मरीज का इलाज किया जाएगा। इस दौरान मौजूद ग्राम प्रधान एवं सचिवों ने संकल्प लिया कि वे अपनी पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने के लिए तत्पर रहेंगे। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान साजिद, मंजू देवी, अजय वर्मा, अफजाल अंसारी, मंशाराम यादव, कुर्बान अली, विजय पाल आदि लोग मौजूद रहे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।