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जागरूकता अभियान बेअसर, लापरवाही से बढ़ रही दुर्घटनाएं

Balrampur News - बलरामपुर जिले में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। पिछले कुछ महीनों में 15 लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि लोग हेलमेट और सीटबेल्ट का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। पुलिस और परिवहन विभाग के जागरूकता अभियानों का असर...

Newswrap हिन्दुस्तान, बलरामपुरTue, 14 Jan 2025 07:01 PM
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लापरवाही लापरवाहीवश हेलमेट व सीटबेल्ट का प्रयोग नहीं करते हैं लो, सड़क हादसे में गंवानी पड़ती है जान

जिले में हर तीसरे दिन मार्ग दुर्घटना में जाती है एक की जान, फिर भी लोग नियमों रहते हैं अंजान

बलरामपुर, संवाददाता।

जिले में यातायात जागरूकता अभियान बेअसर है। विभाग वाहन चालकों को यातायात नियमों की नियमित जानकारी देने का दावा कर रहा है। फिर भी दुर्घटनाओं का ग्राफ कम नहीं हो रहा है। दिसंबर माह से अब तक 15 लोग मार्ग दुर्घटनाओं में जान गंवा चुके हैं। लोग लापरवाहीवश हेलमेट व सीटबेल्ट का प्रयोग नहीं करते, जो उनके लिए जानलेवा साबित होती है। हर तीसरे दिन जिले में एक मार्ग दुर्घटना होती है। जिसमें एक व्यक्ति की मौत का ऑकड़ा सामने आया है।

अभियान चलाकर सड़क सुरक्षा का दम भरने वाले पुलिस एवं सहायक संभागीय परिवहन विभाग के दावे सड़कों पर तार तार हो रहे हैं। आलम यह है कि दो पहिया चालक हेलमेट व कार चलाने वाले सीट बेल्ट बांधना आवश्यक नहीं समझ रहे हैं। शासन ने बिना हेलमेट के पेट्रोल न देने का आदेश तो सुनाया, लेकिन जिम्मेदार अफसरों व चालकों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। नियमों को ठेंगा दिखाने में पुलिस विभाग के कर्मचारी भी पीछे नहीं हैं। दोपहिया से फर्राटा भरते अधिकांश सिपाही बिना हेलमेट के नजर आते हैं। यही कारण है कि सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। लगातार तीन वषार्ें से प्रति वर्ष 200 से अधिक सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 100 लोगों की जान जाती है। वर्ष 2022 में 205 सड़क दुर्घटनाएं हुईं थीं, जिसमें 133 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 149 लोग घायल हुए थे। वर्ष 2023 में दुर्घटना पिछले साल से एक कम हुई। इस वर्ष 204 दुर्घटनाओं में 129 लोगों को जान गंवानी पड़ी, जबकि घायलों की संख्या 167 पहुंच गई। वर्ष 2024 में भी गत वर्ष की अपेक्षा तीन दुर्घटनाएं कम रहीं। इसमें 201 सड़क हादसों में 133 लोगों की मौत हुई, जबकि 132 लोग घायल हुए थे। वहीं दो डेढ़ माह के बीच लगभग 15 लोग मार्ग दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं और तीन दर्जन लोग घायल हो चुके हैं।

कोट

वाहन चालकों को हेलमेट व सीट बेल्ट का उपयोग करने के लिए लगातार जागरूक किया जाता है। कभी गुलाब का फूल देकर प्रेम से तो कभी चालान काटकर सख्ती से बेपरवाह चालकों को समझाया जाता है। फिर भी चालकों की मनमानी नहीं थम रही है। नो हेलमेट नो फ्यूल के आदेश का पालन सख्ती से कराने की आवश्यकता है।

उमेश सिंह यादव, प्रभारी निरीक्षक यातायात

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