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तटवर्ती गांवों पर मंडरा रहा कटान का खतरा, अधिकारी मौन

Balrampur News - बलरामपुर में राप्ती नदी किनारे बसे गांवों को कटान की चिंता सताने लगी है। नदी ने कई गांवों के करीब पहुंचकर खतरा बढ़ा दिया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से कई बार मदद मांगी, लेकिन कटानरोधी कार्य अब तक शुरू...

Newswrap हिन्दुस्तान, बलरामपुरMon, 23 Sep 2024 05:36 PM
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बलरामपुर, संवाददाता। राप्ती नदी के तट पर बसे गांवों के लोगों को कटान की चिंता सता रही है। लगभग एक दर्जन से अधिक गांव ऐसे हैं जिनसे मात्र 20 से 30 फीट की दूरी पर राप्ती नदी बह रही है। करीब एक सप्ताह पूर्व नदी कटान करके गांव के काफी समीप पहुंच गई है। हॉलाकि जलस्तर कम होने के बाद कटान का सिलसिला थमा है। तटवर्ती गांव के लोगों को इस बात का भय है कि अगर समय पर कटानरोधी कार्य शुरू नहीं किया गया तो जलस्तर बढ़ते ही राप्ती कहर बरपाना शुरू कर देगी।

जिले में राप्ती नदी हर साल कटान कर हजारों बीघा कृषि योग्य भूमि व फसलों के साथ-साथ सैकड़ों आशियानें निगल जाती है। कटान को रोकने के नाम पर प्रत्येक वर्ष बाढ़ खंड करोड़ों रुपए पानी की तरह खर्च करता है। समुचित उपाय न होने से कटान की समस्या जस की तस बनी हुई है। कटान की विभीषिका झेल रहे लोगों ने कई बार प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन उन्हें आश्वासनों की घुट्टी के अलावा कुछ नहीं मिला। इस बार राप्ती नदी सदर तहसील के टेंगनहिया, चौकाकलॉ, जमालीजोत, ढोंढरी, सुल्तानजोत, गौरी, मिर्जापुर, मदारा आदि गांव के पास कटान कर रही है। टेंगनहिया, जमालीजोत व ढोंढरी पर कटान का खतरा अधिक बढ़ा हुआ है। ढोंढरी से जमालीजोत जाने वाला सम्पर्क मार्ग नदी में समा गया। इसके अलावा ढोंढरी गांव के कब्रिस्तान का आधा हिस्सा नदी की भेंट चढ़ चुका है। टेंगनहिया गांव की मस्जिद कटान की जद में है। गांव से मात्र 20 फीट की दूरी पर नदी बह रही है। ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से कटान को रोकने की गुहार लगाई, लेकिन अब तक कटानरोधी कार्य शुरू नहीं हो सका। ढोंढरी के ग्रामीण नसीम, हासिम, अशरफ व शहनवाज आदि ने बताया कि कटान को रोकने के लिए कई डीएम व एसडीएम से मिल चुके हैं। सदर एसडीएम ने बाढ़ खंड के अधिकारियों के साथ कटान स्थल का जायजा भी लिया, बावजूद इसके कटानरोधी कार्य शुरू नहीं कराया गया। यदि समय रहते तटवर्ती गांव के पास कटानरोधी कार्य नहीं कराया गया और जलस्तर बढ़ा तो ऐसी स्थिति में गांव का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

कोट

जिन गांवों के समीप राप्ती नदी कटान कर रही है उन्हें चिन्हित कर कटानरोधी कार्य कराने के लिए बाढ़ खंड के अधिकारियों से कहा गया है। कटानपीड़ितों की हर संभव मदद की जाएगी।

संजीव कुमार यादव, एसडीएम सदर

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