महानवमी पर देवी मंदिरों में उमड़ा आस्था का जन सैलाब
बलरामपुर में शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन महा नवमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। श्रद्धालुओं ने देवी मंदिरों में हवन पूजन कर कन्या भोज कराया और बच्चों के मुंडन संस्कार भी संपन्न हुए। देवी पाटन मंदिर में...
जिले भर में शारदीय नवरात्र में महा नवमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया उत्सव
शारदीय नवरात्र के अन्तिम दिन लोगों ने सुबह हवन पूजन कर कन्या भोज कराया
परम्मपरागत तरीके से देवी मंदिरों पर बच्चों के मुंडन संस्कार संपन्न हुए
बलरामपुर। संवाददाता
जिले भर में शारदीय नवरात्र में महा नवमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नवरात्र के अन्तिम दिन देवी मंदिरों में आस्था का जन सैलाब उमड़ा। लोगों ने सुबह हवन पूजन कर कन्या भोज कराया। परम्परागत तरीके से देवी मंदिरों पर बच्चों के मुंडन संस्कार भी हुए। अंतिम दिन कई स्थानों पर देवी जागरण व भण्डारे का आयोजन किया गया, जिसमें भारी संख्या श्रद्धालु शामिल हुए। शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर पर पीठाधीश्वर महंत मिथलेशनाथ योगी ने कन्या पूजन कर उन्हें भोज कराया।
शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन शक्तिपीठ देवी पाटन मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। लोग मंदिर परिसर में बने सूर्यकुण्ड में स्नान कर मां पाटेश्वरी देवी का दर्शन किया। 51 शक्तिपीठों में एक शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर पर नवमी के दिन विशेष पूजा का आयोजन किया गया। मंदिर के पुजारियों ने परंपरागत तरीके से पूरे विधि-विधान पूर्वक देवी की पूजा की। दूर दराज क्षेत्रों से भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने पाटेश्वरी देवी का दर्शन किया। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए शक्तिपीठ पर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए थे। शक्तिपीठ परिसर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती थी। अराजक तत्वों पर खुफिया तंत्र नजर बनाए हुए था। श्रद्धालुओं की भीड़ एक जगह इकट्ठे नहीं होने दी जा रही थी। मंदिर प्रशासन द्वारा सीसीटीवी कैमरे से सभी व्यवस्थाओं पर नजर रखी जा रही थी। यहां पर नवमी के दिन मंदिर में लोगों ने बच्चों का मुण्डन आदि का संस्कार भी कराया। वहीं मुख्यालय स्थित बिजलीपुर के बिजलेश्वरी देवी मंदिर पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। नगर क्षेत्र के अलावा आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से भारी संख्या में लोग पहुंच कर मंदिर पर हवन पूजन किया। श्रद्धालुओं ने मंदिर पर ही कन्याभोज भी कराया। बिजलीपुर मंदिर में नवमी के दिन मेले का भी आयोजन किया गया। इसी तरह से उतरौला के ज्वालामाई मंदिर, धुसाह स्थित समय माता मंदिर, रहिया देवी मंदिर, नमो देवी मंदिर, झारखंडी मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में पूरा दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
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